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पूर्वोत्तर में ढांचागत विकास पर जोर दिया सरकार ने: शाह

नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केन्द्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में ढांचागत विकास की दिशा में काफी काम किया है और प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना की परिकल्पना में बड़ा हिस्सा पूर्वी क्षेत्र के राज्यों का है।श्री शाह ने आज कोलकाता में 25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। बैठक में पश्चिम बंगाल और झारखंड के मुख्यमंत्रियों, बिहार के उपमुख्यमंत्री और ओडिशा के मंत्री सहित केन्द्रीय गृह मंत्रालय और परिषद के अंतर्गत आने वाले राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा इस क्षेत्र के विकास पर जोर दिया है और इसी दृष्टिकोण पर आगे बढ़ते हुए सरकार ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में ढांचागत विकास का कार्य तेजी से किया है। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में आज़ादी के अमृत काल के दौरान देश के पूर्वी क्षेत्र का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि 25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद बैठक अच्छे और सकारात्मक माहौल में हुई, कई मुद्दों पर सहमति बनी और बाकी बचे मुद्दों को भी विचार-विमर्श द्वारा सुलझा लिया जाएगा।श्री शाह ने कहा कि देश के पूर्वी क्षेत्र में वामपंथी उग्रवाद लगभग समाप्त हो गया है और इस स्थिति को बनाए रखने के प्रयास निरंतर रहने चाहिए।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए ताकि वामपंथी उग्रवाद-मुक्त राज्यों में ये दोबारा न पनपे और ये राज्य देश के अन्य हिस्सों के बराबर विकास करें। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह नारकोटिक्स की रोकथाम के लिए जरूरी तंत्र की ज़िला-स्तरीय संरचना और उसकी नियमित बैठकें सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आज देश में मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई निर्णायक दौर में है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए मादक पदार्थों के विरुद्ध अभियान में और तेज़ी लाने की ज़रूरत है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में एक हजार से अधिक विषयों पर चर्चा हुई और उनमें से 93 प्रतिशत मुद्दों को सुलझा लिया गया, जो बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से 2013 तक आठ वर्षों में क्षेत्रीय परिषदों की कुल छह बैठकें हुईं, लेकिन 2014 से अब तक आठ वर्षों में कोविड-19 महामारी के बावजूद भी कुल 23 बैठक हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और ये परिणामोन्मुखी भी रही हैं जो सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से हो सका है और इसमें अंतर-राज्य परिषद सचिवालय सक्रिय भूमिका निभा रहा है।श्री शाह ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अगले एक साल तक उनके राज्यों में जी-20 से संबंधित कार्यक्रमों के दौरान राज्यों की सांस्कृतिक विविधता और पर्यटन स्थलों को विश्व के सामने रखने का अनुरोध किया।(वार्ता)

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