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असम में 27 हजार करोड़ के निवेश से टाटा का सेमीकंडक्टर संयंत्र निर्माण कार्य शुरू

नयी दिल्ली : केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां कहा कि देश में स्वदेशी तकनीक से सेमीकंडक्टर बनेगा और इसके लिए असम के मोरीगांव में 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाला टाटा के सेमीकंडक्टर संयंत्र का निमार्ण कार्य शनिवार को शुरू हो गया।श्री वैष्णव ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुये कहा कि गत 29 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसको मंजूरी दी गयी थी और पांच महीने में ही संयंत्र का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।

उन्होंने बताया कि असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखर की मौजूदगी में संयंत्र का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, जिसमें 15 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और 11 से 13 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा।उन्होंने बताया कि इस संयंत्र में स्वदेशी तकनीक से चिप का निर्माण होगा जिसमें फ्लिप चिप और आई सिप प्रौद्योगिकी भी शामिल है। इस संयंत्र की क्षमता 4.83 करोड़ चिप प्रति दिन होगी। इसमें बनने वाले चिप का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, संचार नेटवर्क और अन्य उत्पादों में होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की एक्ट ईस्ट नीति को गति देते हुये तथा सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए कुशल एवं दक्ष युवाओं को तैयार करने के उद्देश्य से पूर्वाेत्तर के नौ संस्थानों में कौशल विकास कार्यक्रम भी शुरू हो गया है। जिन संस्थानों में कौशल विकास का काम शुरू हुआ है उनमें एनआईआईटी सिल्चर, एनआईटी मिजोरम, एनआईटी मणिपुर, एनआईटी नगालैंड, एनआईटी अगरतला, एनआईटी सिक्किम, एनआईटी अरूणाचल प्रदेश, एनआईटी मेघालय और नार्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी शिलांग शामिल है।

श्री वैष्णव कहा कि आज की यह घोषणा प्रधानमंत्री के विकसित भारत विकसित पूर्वोत्तर के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। (वार्ता)

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