पार्कों और चौराहों पर स्थापित की जाएंगी महापुरुषों की प्रतिमा
सीएम योगी ने अधिकारियों को दिये बांदा के विस्तार के निर्देश, वर्ष 2031 की जनसंख्या के अनुसार किया जाएगा विस्तार
- बांदा में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तक होगा महायोजना का विस्तार
- स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर को किया जाएगा विकसित
लखनऊ : पिछली सरकारों में अनदेखी की वजह से विकास की रेस में पिछड़े बुंदेलखंड ने योगी सरकार की नई नीतियों के चलते उन्नति के नए सोपानों की ओर तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं। दशकों तक विकास के मानकों पर पिछड़ा रहा बुंदेलखंड अब उत्तर प्रदेश के अंदर औद्योगिक विकास के नए केंद्र के तौर पर उभर रहा है। बात चाहे नोएडा के बाद बीडा के तौर पर उत्तर प्रदेश के दूसरे औद्योगिक शहर के विकास की हो, ललितपुर ड्रग पार्क की हो या फिर बांदा-चित्रकूट नोड पर हो रहे औद्योगिक निवेश की, बुंदेलखंड अब विकास की नई परिभाषा लिखने की ओर योगी सरकार के विजन को साकार करने की ओर अग्रसर है। इसी के तहत अब योगी सरकार बुंदेलखंड के बांदा जनपद को महायोजना के तहत विस्तार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तक होगा महायोजना का विस्तार
योगी सरकार महायोजना के तहत बांदा में औद्योगिक-व्यावसायिक और आवासीय गतिविधियों के विकास को सुनियोजित ढंग से अमलीजामा पहनाएगी। सीएम के निर्देश पर बांदा के विस्तार का खाका तैयार किया जा रहा है। बांदा का विस्तार वर्ष 2031 तक अनुमानित बांदा नगर क्षेत्र की कुल जनसंख्या 2,34,896 और गांव क्षेत्र की कुल अनुमानित जनसंख्या 85,143 के अनुसार करने की योजना तैयार की जा रही है। महायोजना के तहत विकास के लिए औद्योगिक व विकासोन्मुख निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांदा में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तक महायोजना की सीमा का विस्तार करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस से कॉरिडोर जोड़ने को कहा है। वहीं हैवी ट्रैफिक से नगर निगम का यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय शिल्पकला और संस्कृति को दिया जाएगा बढ़ावा
महायोजना के तहत विकास प्राधिकरणों को आम जन मानस की सुविधाओं पर फोकस करते हुए सुनियोजित, संतुलित और तीव्र विकास के निर्देश दिये गये हैं। इतना ही नहीं उन्हे आय की नई संभावनाएं तलाशने को कहा गया है ताकि विकास कार्य में पैसे की कमी न हो। वहीं बांदा में स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर को विकसित किया जाएगा। पार्कों और चौराहों पर महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। शहर में यातायात की समस्या को देखते हुए टैक्सी-ऑटो स्टैंड और स्ट्रीट वेंडर ज़ोन तय किये जाएंगे। इसके अलावा मल्टीलेवल पार्किंग बनायी जाएगी। बांदा को गेट-वे सिटी के रूप में विकसित करने के लिए समृद्धि, खुशी और स्थिरता पर फोकस करते हुए स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा।