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प्रदेश के नगर निकायों ने 44.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5568 करोड़ रुपये का राजस्व किया अर्जित

वर्ष 2021-22 की तुलना में निगमों के राजस्व में हुई लगभग दोगुने से अधिक की वृद्धि.नगर निकायों की कुल राजस्व प्राप्तियों में प्रदेश के 17 नगर निगमों की आय का है 82 फीसदी हिस्सा.नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों का कुल राजस्व प्राप्ति में रही 18 प्रतिशत की भागीदारी.

  • यूपी के नगर निगमों के राजस्व प्राप्ति में हुई एतिहासिक वृद्धि, योगी सरकार के सुधारों का असर
  • प्रदेश के सभी नगर निगमों सर्वाधिक राजस्व प्राप्ति के साथ लखनऊ नगर निगम रहा पहले स्थान पर

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास रंग ला रहे हैं। वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और कर संग्रहण के क्षेत्र में किए गए सुधारों के चलते प्रदेश के नगरीय निकायों के स्वयं स्रोत राजस्व में 44.5 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। जहां वित्त वर्ष 2021-22 में 2494 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई थी जो क्रमिक रूप से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 5568 करोड़ रुपये के पार पहुँच गई है। प्रदेश के नगरिय निकायों में राजस्व की प्राप्तियों में लगातार वृद्धी दर्ज हो रही हैं, जिसमें से सर्वाधिक प्राप्ति प्रदेश के 17 नगर निगमों से लगभग 82 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई है। सभी नगर निगमों में सर्वाधिक राजस्व राजधानी लखनऊ के नगर निगम से प्राप्त हुआ है।

प्रदेश के नगर निकायों ने 44.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5568 करोड़ रुपये का राजस्व किया अर्जित

सीएम योगी के विजन के अनुरूप नगर विकास विभाग यूपी में शहरी क्षेत्र के विकास के साथ आधारभूत संरचना का निर्माण और वित्तीय आत्मनिर्भरता को बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है। इसी दिशाक्रम में प्रदेश के नगरीय निकाय की स्वयं स्त्रोत राजस्व की प्राप्ति में नियमित तौर पर वृद्धी दर्ज की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राप्त 3853 करोड़ रूपये की तुलना में इस वर्ष 44.5 प्रतिशत अधिक 2024-25 में 5568 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है। तो वहीं वर्ष 2021-22 में नगर निगम की कुल राजस्व प्राप्ति 2494 करोड़ रूपये हुई थी जिसकी तुलना में इस सत्र में लगभग ढाई गुने अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। स्वयं स्रोत राजस्व के विश्लेषण से पता चलता है कि कुल संग्रहण में 42 प्रतिशत हिस्सा गैर-कर राजस्व प्राप्तियों का है। साथ ही सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर कार्रवाई के तहत 4.24 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है।

यूपी के नगर निगमों सर्वाधिक राजस्व प्राप्ति के साथ लखनऊ नगर निगम रहा पहले स्थान पर

प्रदेश के नगरीय निकायों की कुल राजस्व प्राप्तियों में सर्वाधिक हिस्सा 17 नगर निगमों से होने वाली आय का है। जो कि कुल राजस्व प्राप्ति का 82 प्रतिशत लगभग 4586 करोड़ रूपये है। इन नगर निगमों में लखनऊ ने सर्वाधिक 1355.32 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह कर पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके बाद कानपुर नगर निगम ने 720.62 करोड़ रुपये, गाजियाबाद ने 609.89 करोड़, प्रयागराज ने 327.83 करोड़ रुपये के बाद क्रमशः आगरा, वाराणसी, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली और गोरखपुर नगर निगम की स्व्यं स्रोत राजस्व प्राप्ति 100 करोड़ रूपये से अधिक रही। वहीं शेष नगर निगमों ने भी वित्तीय वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय राजस्व संग्रह किया है। शेष 18 प्रतिशत आय प्रदेश की नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों से हुई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश के नगर पालिका परिषदों की राजस्व प्राप्ति 732 करोड़ रूपये रही तो वहें नगर पंचायतों से 250 करोड़ रूपये की राजस्व प्राप्ति हुई है।

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