
अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में शुरू हुआ सावन झूला उत्सव
अयोध्या । रामनगरी अयोध्या के रंग महल, सद्गुरू सदन सहित आधा दर्जन मंदिरों में झूलन उत्सव प्रारम्भ हो गया है। कनक भवन और रामलला के दरबार सहित अयोध्या के 2 हजार मंदिरों में यह उत्सव 31 जुलाई से आरंभ होकर सावन पूर्णिमा यानि रक्षा बंधन तक चलेगा। रंग महल को माता कौशल्या ने सीता सहित चार बहुओं को मुंह दिखाई में उपहार के तौर पर दिया था। मंदिर में
भगवान श्रीराम- सीता सहित चारों भाइयों ने अपनी महारानी सहित अलग-अलग झूलन पर विराजमान हैंस संतों के साथ श्रद्धालु भी भगवान की झांकी को देख आनंदित हो रहे हैं। मंदिर के महंत राम शरण दास हर शाम 7 बजे आरती कर उत्सव को आरंभ करते हैंस यह उत्सव रोज तीन से चार घंटे चल रहा है। उन्होंने बताया कि सावन माह की दोनों एकादशी पर फूल बंगला व गलबहिया की झांकी का परंपरागत आयोजन होता है। गलबहियां की झांकी में भगवान श्रीराम व सीता के हाथ एक-दूसरे के गले में होते हैंस अयोध्या में इस तरह की यह खास झांकी है जो मंदिर के संस्थापक सरयू सखी की भगवान राम के प्रति खास तरह की भक्ति से जुड़ कर चली आ रही है।
गोलाघाट स्थित सद्गगुरू सदन में भगवान सीताराम के साथ गुरु भी झूलन में विराजमान होते हैं। यहां यह उत्सव बहुत ही भक्ति भाव से होता हैंस गायन और वादन के साथ नृत्य की त्रिवेणी में श्रद्धालु घंटों डूबे रहते हैं। सरयू के तट पर होने के कारण इस मंदिर का उत्सव और भी सुखदायक होता हैं। मंदिर के महंत सियाकिशोरी शरण ने बताया कि यहां उत्सव रोज सायं साढ़े सात बजे आरंभ होता है।(हि.स.)