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प्रधानमंत्री ने दी एम्स सहित 3650 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात

शिमला । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के एक दिवसीय दौरे में प्रदेशवासियों को करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। उन्होंने राज्य में 3650 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। जिसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स बिलासपुर का उद्घाटन भी शामिल है।प्रधानमंत्री बुधवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे बिलासपुर के समीप कोठीपुरा स्थित एम्स परिसर पहुंचे और इस अत्याधुनिक अस्पताल का निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2017 में इसकी आधारशिला रखी थी। 1470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एम्स अत्याधुनिक अस्पताल है। इसमें 18 स्पेशियलिटी, 17 सुपर स्पेशियलिटी विभाग, 18 मड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और 750 बिस्तर की व्यवस्था है।

बाद में प्रधानमंत्री एक विशाल जनसभा को संबोधित करने बिलासपुर के लुहणु मैदान पहुंचे, जहां से उन्होंने एम्स बिलासपुर का विधिवत उद्घाटन किया। नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से पिंजौर से नालागढ़ तक राष्ट्रीय राजमार्ग-105 पर 1690 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली लगभग 31 किलोमीटर लंबी परियोजना की आधारशिला रखी। चार लेन के इस राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 18 किमी का हिस्सा हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत आता है और शेष भाग हरियाणा में पड़ता है। यह राजमार्ग हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक केंद्र नालागढ़-बद्दी में बेहतर परिवहन सुविधा सुनिश्चित करेगा और क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी गति देगा। इससे राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

इसी तरह प्रधानमंत्री ने नालागढ़ में करीब 350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क की भी वर्चुअल आधारशिला रखी। इस मेडिकल डिवाइस पार्क में उद्योग स्थापित करने के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापन पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इस परियोजना से क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।प्रधानमंत्री ने बंदला में गवर्नमेंट हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का भी वर्चुअल उद्घाटन किया। इस पर लगभग 140 करोड़ रुपये व्यय होगा। इस कॉलेज से पनबिजली परियोजनाओं के लिए प्रशिक्षित कामगार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सहित अन्य लोग मौजूद थे।

247 एकड़ में फैले इस अत्याधुनिक अस्पताल में 18 स्पेशियलिटी और 17 सुपर स्पेशियलिटी विभाग, 18 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, 64 आईसीयू बेड के साथ 750 बेड शामिल हैं। यह अस्पताल 24 घंटे आपातकालीन और डायलिसिस सुविधाओं, अल्ट्रासोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि जैसी आधुनिक डायग्नोस्टिक मशीनों, अमृत फार्मेसी व जन औषधि केंद्र और 30 बिस्तरों वाले आयुष ब्लॉक से सुसज्जित है। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय और दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया है। साथ ही, काजा, सलूनी और केलांग जैसे दुर्गम जनजातीय और अधिक ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से अस्पताल द्वारा विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

इस अस्पताल में हर साल एमबीबीएस कोर्स के लिए 100 छात्रों और नर्सिंग कोर्स के लिए 60 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। बिलासपुर एम्स की चिकित्सा सुविधाओं का लाभ हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोगों को मिलेगा। अहम बात यह है कि हिमाचल प्रदेश अब स्वास्थ्य की दृष्टि से आत्म निर्भर होगा और किसी भी मरीज को हिमाचल से बाहर उपचार के लिए जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बिलासपुर में एम्स संस्थान होने से आईजीएमसी शिमला, कांगड़ा जिले के टांडा मेडिकल काॅलेज, हमीरपुर सहित अन्य जिलों के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों को भी राहत मिलेगी।(हि.स.)

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