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हमारी संस्कृति बनी देश में वन्यजीवों की आबादी में वृद्धि का कारण: मोदी

मैसूर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि प्रकृति की रक्षा करने की भारत की संस्कृति के कारण देश में बाघों की संख्या में वृद्धि होने के साथ साथ वन्यजीव संरक्षण में कई अनूठी उपलब्धियां हासिल हुई हैं।उन्होंने यहां प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कहा, “ भारत एक ऐसा देश है जहां प्रकृति की रक्षा करना संस्कृति का हिस्सा है। यही कारण है कि वन्यजीव संरक्षण में इसकी कई अनूठी उपलब्धियां हैं … जिसमें बाघों की आबादी में वृद्धि भी शामिल है।”“ बाघों से जुड़ा हमारा हजारों साल पुराना इतिहास है। मध्य प्रदेश में मिले 10 हजार साल पुराने रॉक आर्ट में बाघ के चित्र मिले हैं। देश के कई समुदाय जैसे मध्य भारत में रहने वाले भारिया और महाराष्ट्र में रहने वाले वर्ली बाघ की पूजा करते हैं। यहां कई जनजातियों में बाघ को भाई माना जाता है।

बाघ मां दुर्गा और भगवान अय्यप्पा का वाहन है ”श्री मोदी ने कहा कि दुनिया के केवल 2.4 प्रतिशत भूमि क्षेत्र के साथ, भारत ज्ञात वैश्विक विविधता में लगभग 8 प्रतिशत योगदान देता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा टाइगर रेंज देश है और लगभग 30,000 हाथियों के साथ, देश दुनिया का सबसे बड़ा एशियाई हाथी रेंज देश है।उन्होंने कहा, “ हमारी गैंडों की आबादी लगभग 3,000 है, जो दुनिया में सबसे बड़ा एक सींग वाला राइनो देश है एशियाई शेरों के लिए भारत दुनिया का एकमात्र देश है, और उनकी आबादी 2015 में लगभग 525 से बढ़कर 2020 में लगभग 675 हो गई है। हमारी तेंदुए की आबादी केवल चार वर्षों में 60 प्रतिशत से अधिक हो गई है।”

श्री मोदी ने कहा कि गंगा नदी जैसी नदियों को साफ करने के लिए किए जा रहे काम से जैव विविधता में मदद मिली है। लुप्तप्राय मानी जाने वाली कुछ जलीय प्रजातियों में सुधार हुआ है। ये उपलब्धियां लोगों की भागीदारी और संरक्षण की संस्कृति के कारण हैं। वन्यजीवों के फलने-फूलने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का फलना-फूलना जरूरी है और भारत में ऐसा होता रहा है।श्री मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मनाते हुए, भारत ने रामसर स्थलों की अपनी सूची में 11 आर्द्रभूमि को जोड़ा, जिससे रामसर स्थलों की कुल संख्या 75 हो गई। वन और वृक्षों का आवरण भी बढ़ रहा है, भारत ने 2019 की तुलना में 2021 तक 2,200 वर्ग किलोमीटर से अधिक वन और वृक्षों का आवरण जोड़ा है। पिछले एक दशक में सामुदायिक रिजर्व की संख्या 43 से बढ़कर 100 से अधिक हो गई है।

उन्होंने कहा कि एक दशक में, राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों की संख्या, जिनके आसपास पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र अधिसूचित किए गए थे, नौ से बढ़कर 468 हो गए। प्रोजेक्ट टाइगर बाघों के संरक्षण और संरक्षण का मार्ग प्रशस्त करता है। प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व की बात है। बड़ी बिल्लियों की उपस्थिति ने हर जगह स्थानीय लोगों के जीवन और पारिस्थितिकी पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।उन्होंने कहा, “ बिग कैट्स ने टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि की है और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है। दशकों पहले भारत में चीते विलुप्त हो गए थे, लेकिन इस शानदार बड़ी बिल्ली को देश में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। यह बड़ी बिल्ली का पहला सफल ट्रांस-कॉन्टिनेंटल ट्रांसलोकेशन है ।”

मोदी ने बीटीआर में की सफारी, ऑस्कर विजेता बोमन-बेली से बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में छलावरण वाले कपड़े और टोपी पहने सफारी करते नजर आए।श्री मोदी ने बीटीआर में 22 किलोमीटर की सफारी के बाद पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के सीमावर्ती चामराजनगर जिले में मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (एमटीआर) में थेप्पाकडू हाथी शिविर पहुंचे और ऑस्कर पुरस्कार विजेता वृत्तचित्र ’द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ के मुख्य सितारों बोमन-बेली युगल के साथ बातचीत की।प्रधानमंत्री का यह दौरा सफारी प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के कार्यक्रमों का एक हिस्सा है। उन्होंने संरक्षण गतिविधियों में शामिल फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ और एसएचजी के साथ बातचीत की।

उल्लेखनीय है कि चुनावी राज्य कर्नाटक में श्री मोदी का यह 8वां दौरा है और उन्होंने वन्यजीव अभयारण्य में दो घंटे बिताए। बीटीआर के अधिकारियों ने बताया कि नौ अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के मद्देनजर बांदीपुर टाइगर रिजर्व में और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।इसके बाद श्री मोदी ने तमिलनाडु की सीमा से लगे चामराजनगर जिले के मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू हाथी शिविर का दौरा किया और ऑस्कर विजेता सितारों के साथ बातचीत की। साथ ही उन्होंने हाथी शिविर के महावतों और कावड़ियों के साथ भी बातचीत की।कर्नाटक में मैसूरु-ऊटी राजमार्ग पर विशाल पश्चिमी घाटों के सुरम्य परिवेश के बीच स्थित बीटीआर नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इसके उत्तर पश्चिम में कर्नाटक के राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान (नागराहोल) है। इसके उत्तर में तमिलनाडु का मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य है। दक्षिण और दक्षिण- पश्चिम में केरल का वायनाड वन्यजीव अभयारण्य है। कभी पूर्व महाराजाओं के निजी शिकार के मैदान और नीलगिरि की तलहटी में बसे, बांदीपुर में बाघों के साथ एक लंबा रिश्ता रहा है। पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां और वनस्पतियों की विविधता इसके आकर्षण को बढ़ाती है। बांदीपुर में सागौन, शीशम, चंदन, भारतीय-लॉरेल, भारतीय किनो पेड़, विशाल गुच्छेदार बांस सहित इमारती लकड़ी के पेड़ों की एक विस्तृत श्रृंखला है।(वार्ता)

देश में बाघों की संख्या बढ़ी, पीएम मोदी ने जारी किया आंकड़ा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कर्नाटक के मैसूर में बाघों का नया आंकड़ा जारी किया। नए आंकड़े के अनुसार, साल 2022 में देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3 हजार 167 हो गई है। पहले यह आंकड़ा 2 हजार 967 का था। इस तरह देश में बाघों की संख्या में 200 की बढोतरी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (IBCA) का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर एक स्मारक सिक्का भी जारी किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी एक बेहत महत्वपूर्ण पड़ाव के साक्षी बन रहे हैं, प्रोजेक्ट टाइगर को 50 वर्ष हो गए हैं। भारत ने न सिर्फ टाइगर को बचाया है, बल्कि उसे फलनेफूलने का एक बेहतरीन ईको सिस्टम दिया है। प्रकृति की रक्षा, भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व का विषय है। मोदी ने कहा कि दशकों पहले भारत में चीता विलुप्त हो गए थे। हम शानदार चितों को नामाबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लेकर आए। कुछ दिन पहले ही कूनो नेशनल पार्क में 43 सुंदर शावकों ने जन्म लिया। (वीएनएस)।

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