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होटल बुकिंग के नाम पर हो रही थी ऑनलाइन ठगी, आरोपित गिरफ्तार

अहमदाबाद । गिर सोमनाथ जिले में स्थित प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ के दर्शन, ठहरने आदि की व्यवस्था वेबसाइट के जरिए बुकिंग कर साइबर ठगी कर रहे आरोपित को पकड़ा गया है। सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से रुपये वसूल रहे गिरोह के सदस्य को गिर सोमनाथ स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) टीम ने राजस्थान के भरतपुर जिले के दूर-दराज गांव मेवात से पकड़ा है। इस दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प होने की भी खबर है। गिरोह ने अब तक 1.91 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की बात कबूली है। पुलिस को आशंका है कि संगठित अपराध के जरिए इस गिरोह के सदस्यों ने अभी तक करीब 174 पर्यटकों को साइबर ठगी का शिकार बनाकर करीब 33.38 लाख रुपये की ठगी की है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी पकड़ने की कोशिश में जुटी है।

ऑनलाइन साइबर ठगी के पर्दाफाश का खुलासा करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह जाडेजा ने कहा कि सोमनाथ महादेव का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु सोमनाथ ट्रस्ट के माहेश्वरी, लीलावती, सागर दर्शन अतिथि गृह में रूम बुक करने के लिए ऑनलाइन सर्च करते हैं। 30 सितम्बर को किसी अज्ञात व्यक्ति ने सोमनाथ ट्रस्ट के अतिथि गृहों में बुकिंग के लिए फर्जी वेब पेज बनाकर अपना फोन नंबर और अकाउंट नंबर जारी कर दिया। इस फर्जी पेज पर जाने से एक पर्यटक ने रूम बुकिंग के नाम पर आरोपित के बताए अकाउंट में 24,194 रुपये ट्रांसफर कर दिए। मामले की जानकारी होने पर सोमनाथ ट्रस्ट ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम शाखा को दी।

इसके बाद पुलिस मूल तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई। सबसे पहले एलसीबी पीआई ए एस चावडा और स्टाफ रामदेव सिंह जाडेजा आदि ने तकनीकी विश्लेषण कर फ्रॉड में इस्तेमाल किए गए बैंक अकाउंट का विवरण हासिल किया। जांच में वलसाड के पीयूष पटेल का नाम का पता चला। पुलिस ने पीयूष से पूछताछ की तो पता चला कि आरोपित ने उसके साथ ठगी कर उसके नाम और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर ऑनलाइन बैंक अकाउंट खुलवाया और मंदिर ट्रस्ट के रूम बुकिंग के लिए राशि ट्रांसफर करवाने में इस्तेमाल किया। पुलिस ने बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया।

पुलिस पूछताछ में पता चला कि फ्रॉड करने वाला गिरोह देश भर के पर्यटक स्थलों में रूम बुकिंग के नाम पर एक से अधिक वेब पेज के जरिए लोगों के साथ ठगी कर रहे थे। एलसीबी के टेक्निकल सर्विलांस हेड भूपेन्द्र सिंह ने विश्लेषण कर वेबपेज का डोमिन न्यू जर्सी, यूएस के इंटरनेशनल से बनाने की जानकारी प्राप्त की। इस तरह दो फर्जी पेज कार्यरत थे। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई कर दोनों पेज को डिलीट करवाया। बाद में फर्जी पेज पर मिले संदिग्ध मोबाइल नंबर और आईएमईआई की छानबीन की गई तो वे पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, ओडिशा और राजस्थान के भरतपुर के मिले। यह भी पता चला कि पूरा नेटवर्क राजस्थान के भरतपुर जिले की डींग तहसील के गढी मेवात गांव से चलाया जा रहा था।

इसके बाद पुलिस ने दिवाली बाद टीम बनाकर एक सप्ताह तक मेवात के क्षेत्र में रुक कर पूरी जानकारी इकट्ठी की। बाद में निश्चित जानकारी मिलने पर आरोपित राशीद समसु को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान स्थानीय निवासियों के साथ पुलिस का टकराव भी हुआ, लेकिन पुलिस स्थानीय पुलिस के सहयोग से आरोपित को लेकर रवाना हो गई।(हि.स.)

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