शक्ति की आराधना के पर्व पर योगी करेंगे ‘मिशन शक्ति’ का शंखनाद
17 से 25 अक्टूबर तक होगा मिशन शक्ति का पहला चरण । शारदीय नवरात्र से राम नवमी तक यूपी में मनेगा नारी सुरक्षा का महापर्व । इस नवरात्र यूपी लेगा स्त्री गरिमा और सशक्तीकरण का संकल्प । पंचायत से लेकर, स्कूलों तक, दुर्गा पंडालों से लेकर रामलीला मंच तक, सरकारी कार्यालयों से औद्योगिक इकाइयों तक संचालित होगा वृहद अभियान । हर थाने पर होगा महिला हेल्प डेस्क । नवरात्र के वास्तविक भाव को धरातल में उतारें: योगी आदित्यनाथ
महिला सुरक्षा को बनाएं जनांदोलन, एक-एक बेटी की सुरक्षा है हमारा संकल्प: मुख्यमंत्री
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इस बार का शारदीय नवरात्र स्त्री सुरक्षा और सशक्तीकरण के संकल्प को यथार्थ में बदलने के नाम होगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 17 अक्टूबर से प्रदेश में ‘मिशन शक्ति’ का आगाज हो रहा है। शारदीय नवरात्र से बासंतिक नवरात्र के राम नवमी तक चलने वाले इस विशेष अभियान में ग्राम पंचायत से लेकर औद्योगिक इकाइयों तक, स्कूल कैम्पस से लेकर सरकारी विभागों तक, दुर्गा पंडालों से लेकर रामलीला के मंच तक, हर जगह महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के भाव को बढ़ाने के लिए मिशन रूप में काम किया जाएगा। पुलिस विभाग के साथ-साथ बेसिक, उच्च, माध्यमिक, प्राविधिक शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास, एमएसएमई सहित 23 विभागों के साथ-साथ व्यापारी, चिकित्सक, उद्यमी सहित विभिन्न निजी व गैर सरकारी संस्थाएं इस महत्वपूर्ण अभियान में भागीदार होंगी। यही नहीं परिवहन विभाग के साथ-साथ ओला और उबर जैसी निजी परिवहन तंत्र भी इसमें प्रतिभाग करेंगे।
रविवार को महिला और बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें नवरात्र का वास्तविक संदेश आत्मसात करना होगा। सशक्त स्त्री, समृद्ध समाज का आधार है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की एक-एक बालिका और महिला की सुरक्षा, गरिमा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हुए ‘मिशन शक्ति’ को सफल बनाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा, गरिमा और सशक्तीकरण को ‘जनांदोलन’ बनाने की आवश्यकता है।’ मिशन शक्ति’ इसका आधार बनेगी। उन्होंने कहा अभियान के पहले चरण में जागरूकता पर हमारा सर्वाधिक जोर होगा। शारदीय नवरात्र के नौ दिन नारी गरिमा और सशक्तीकरण थीम पर अलग-अलग अनेक कार्यक्रम अयोजित किये जायेंगे।
लघु फ़िल्म प्रदर्शन, सुरक्षा शपथ, नुक्कड़ नाटक, महिलाओं से जुड़े कानूनों का प्रचार तथा सफल महिलाओं की प्रेरक कहानियां प्रसारित करने जैसे प्रयास लोगों को जागरूक करने में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को गांव से लेकर वार्ड तक ले जाना होगा। स्कूलों से औद्योगिक इकाइयों तक इस विषय पर जागरूकता बढ़ानी होगी। अंतर्विभागीय समन्वय से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता के साथ-साथ इंफोर्समेंट की प्रभावी कार्यवाही भी चलती रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इसके लिए विभागवार विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि प्रदेश के हर थाने पर महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की जाए। उन्होंने वीमेन पावर लाइन 1090 को अधिक प्रभावी बनाने के भी निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी काम मे बेहतर नतीजे के लिए टीम वर्क की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इंसेफेलाइटिस के खिलाफ लड़ाई में सभी विभागों के समन्वय का नतीजा हमने देखा है, उसे मॉडल मान कर स्त्री सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए भी कार्य करना होगा। बैठक में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।