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क्वाड शिखर वार्ता से समूह के कार्यों में हुई प्रगति की समीक्षा का अवसर मिलेगा – मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जापान में क्वाड नेताओं की आमने-सामने की दूसरी शिखर वार्ता से चारों देशों के नेताओं को समूह द्वारा उठाए गए कदमों में हुई प्रगति की समीक्षा करने का मौका मिलेगा।उन्होंने यह भी कहा कि इस वार्ता से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रम के साथ ही आपसी हितों से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करने का अवसर भी प्राप्त होगा। जापान की दो दिवसीय (23-24 मई) यात्रा पर रवाना होने से पहले मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि इस यात्रा के दौरान वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें बहु-आयामी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा होगी।मोदी ने कहा, ‘‘हम क्षेत्रीय घटनाक्रम और समसामयिक वैश्विक मुद्दों पर भी संवाद जारी रखेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर तोक्यो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में उन्होंने 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए किशिदा की मेजबानी की थी।मोदी ने कहा, ‘‘तोक्यो की मेरी यात्रा के दौरान, मैं भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक भागीदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से हमारी बातचीत को जारी रखने की उम्मीद करता हूं।’’उन्होंने कहा कि जापान में वह क्वाड नेताओं की आमने-सामने की दूसरी शिखर वार्ता में भी हिस्सा लेंगे, जिससे चार क्वाड देशों के नेताओं को क्वाड के कदमों की प्रगति की समीक्षा करने का अवसर मिलेगा।क्वाड सुरक्षा संवाद में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के नेता शामिल होंगे।मोदी ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज पहली बार क्वाड शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनके साथ द्विपक्षीय बैठक को लेकर उत्साहित हूं, जिसमें वृहद रणनीतिक साझेदारी के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बहुआयामी सहयोग और परस्पर हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।’’प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा कि भारत और जापान के बीच आर्थिक सहयोग उनकी विशेष रणनीति और वैश्विक साझेदारी का महत्वपूर्ण आयाम है।उन्होंने कहा, ‘‘मार्च की शिखर वार्ता के दौरान, प्रधानमंत्री किशिदा और मैंने जापान से भारत में सार्वजनिक तथा निजी निवेश और वित्त पोषण को अगले पांच वर्षों में पांच ‘ट्रिलियन’ जापानी येन तक पहुंचाने की हमारी मंशा की घोषणा की थी।’’उन्होंने कहा, ‘‘आगामी यात्रा के दौरान मैं इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमारे देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत बनाने के लक्ष्य के साथ जापान के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात करूंगा।’’

मोदी ने कहा कि जापान में भारतीय समुदाय के करीब 40,000 लोग रहते हैं, जो जापान के साथ हमारे संबंधों में महत्वपूर्ण हैं और वह उनसे मुलाकात करने के लिए उत्साहित हैं।प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा ऐसे समय हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है।विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि क्वाड के नेताओं के 24 मई को तोक्यो में होने वाले शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों के साथ-साथ कई मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा था कि कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, स्वास्थ्य सुरक्षा, टिकाऊ आधारभूत ढांचा और आपूर्ति श्रृंखला जैसे मुद्दों पर भी बातचीत होगी।क्वात्रा ने कहा था कि उम्मीद है कि क्वाड नेतागण स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श करेंगे और वे गठबंधन के ढांचे के तहत अब तक हुई प्रगति का जायजा लेंगे तथा भविष्य के लिए मार्गदर्शन करेंगे।(भाषा)

जापान के चार शीर्ष बिजनेस लीडर्स से मिले मोदी

जापान की दो दिन की यात्रा पर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां सबसे पहले जापान के चार शीर्ष बिज़नेस लीडरों से मुलाकात करके उन्हें भारत में व्यापार एवं निवेश संभावनाओं के बारे में जानकारी दी और उनका लाभ उठाने की अपील की।अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत एवं जापान के चतुष्कोणीय गठजोड़ (क्वॉड) की शिखर बैठक में भाग लेने यहां आये श्री मोदी ने अपनी कारोबारी मुलाकातों की शुरूआत एनईसी कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. नाबुहीरो एंदो से की और इसके बाद वह फास्ट रिटेलिंग कंपनी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी तादाशी यानाई, सुज़ुकी मोटर कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ सलाहकार ओसामु सुज़ुकी तथा सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प के बोर्ड निदेशक मासायोशी सोन से भी मिले।श्री एंदो के साथ मुलाकात में श्री मोदी ने भारत के दूरसंचार क्षेत्र में एनईसी की भूमिका की सराहना की। चेन्नई अंदमान निकोबार द्वीप समूह तथा कोच्चि लक्षद्वीप ऑप्टिकल फाइबर परियोजनाओं में एनईसी का योगदान अहम है।

प्रधानमंत्री ने उत्पादकता लिंक इन्सेंटिव योजना को रेखांकित किया तथा भारत में कराधान एवं श्रम कानूनों में उदारीकरण की जानकारी देने के साथ ही नयी उभरती तकनीक की भी चर्चा की।श्री तादाशी यानाई से मुलाकात में श्री मोदी ने भारत में वस्त्र कारोबार में वृद्धि तथा उत्पादकता लिंक इन्सेंटिव योजना के अंतर्गत निवेश के अवसरों की चर्चा की तथा औद्योगिक विकास, अवसंरचना, कराधान एवं श्रम सुधारों के क्षेत्रों में सुधारों और विदेशी निवेशकों के लिए कारेाबारी सुगमता की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने यूनीक्लाे को भारत में वस्त्र विनिर्माण हब बनाने की दिशा में अधिक भागीदारी का आह्वान किया। श्री मोदी ने यूनीक्लो को पीएम मित्र योजना का लाभ लेने का भी प्रस्ताव किया।श्री ओसामु सुज़ुकी के साथ मुलाकात में श्री मोदी ने सुज़ुकी मोटर्स के भारत में योगदान का याद किया और कहा कि इससे भारत में ऑटोमोबाइल्स उद्योग में परिवर्तन आ गया।

उन्होंने कहा कि सुज़ुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड और मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड ऑटोमोबाइल्स और ऑटो कम्पोनेंट क्षेत्र में उत्पादकता लिंक इन्सेंटिव योजना के पहले लाभार्थी रहीं हैं। उन्होंने भारत में इलैक्टिक वाहनों एवं बैटरियों के उत्पादन एवं रिसाइकिलिंग केन्द्रों की स्थापना एवं निवेश की संभावनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत में स्थानीय नवान्वेषण प्रणाली स्थापित की जाये।श्री मासायोशी सोन के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने भारत के स्टार्ट अप सेक्टर में सॉफ्टबैंक की भूमिका की सराहना की। उन्होंने भारत में प्रौद्योगिकी, ऊर्जा एवं वित्त के क्षेत्र में भावी योजनाओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने भारत में कारोबारी सुगमता को लेकर उठाये जा रहे कदमाें की जानकारी दी।

टोक्यो पहुंचे मोदी, भारतीयों ने किया जोरदार स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 मई को होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार तड़के टोक्यो पहुंचे, जहां गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया।प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो पहुंचने के बाद ट्वीट किया,’टोक्यो पहुंचा।इस यात्रा के दौरान क्वाड समिट सहित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

जापानी अखबार में छपा मोदी का लेख

जापान के लोकप्रिय समाचार पत्र योमिउरी शिम्बुन ने भारत एवं जापान के बीते 70 वर्षों के रिश्तों और साझीदारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक लेख सोमवार को प्रकाशित किया है।जापानी भाषा में प्रकाशित इस लेख में प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच विगत सात दशक के जीवंत संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं और दोनों देशों की साझीदारी को शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया है।श्री मोदी ने ट्विटर पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस लेख में भारत एवं जापान की विशेष मित्रता की यात्रा को रेखांकित किया है, जिसने गौरवशाली 70 वर्ष पूरे किए हैं।प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और जापान के बीच जीवंत संबंधों पर एक लेख लिखा है। शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए हमारी एक साझेदारी है।

70 गौरवशाली वर्षों को पूर्ण करने वाली हमारी इस विशेष मित्रता की यात्रा को और परिपुष्ट बनाने के लिए मैं भी इसका अनुगमन करता हूँ।”उन्होंने कहा, “कोविड के पश्चात दुनिया में भारत-जापान सहयोग महत्वपूर्ण है। हमारे राष्ट्र लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम दोनों स्थिर एवं सुरक्षित हिंद-प्रशांत के अहम स्तंभ हैं। मुझे प्रसन्नता है कि हम विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर भी साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।”श्री मोदी ने कहा, “मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री होने के दिनों से ही जापान के लोगों के साथ नियमित रूप से संवाद करने का अवसर मिलता रहा है। जापान की विकासात्मक प्रवृत्ति हमेशा प्रशंसनीय रही है। जापान बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, नवान्वेषण, स्टार्ट-अप सहित कई अहम क्षेत्रों में भारत के साथ भागीदारी कर रहा है।”(वार्ता)

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