
कन्याकुमारी (तमिलनाडु) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्याकुमारी तट के पास स्थित विवेकानन्द रॉक मेमोरियल में अपने ध्यान के दूसरे दिन शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य (हिन्दू शास्त्र के अनुसार सूर्य को जल अर्पित) दिया।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वीडियो और फोटो साझा की है जिसमें प्रधानमंत्री भगवा चोला पहने भगवान सूर्य की प्रार्थना कर रहे हैं। वह भगवान सूर्य को जल अर्पित करते समय मंत्र पढ़ते नजर आ रहे हैं। फोटो में वह हाथ में रुद्राक्ष की माला और माथे पर तिलक लगाए दिख रहे हैं।
भाजपा द्वारा एक्स पर पोस्ट की गई अलग-अलग तस्वीरों में प्रधानमंत्री को ध्यान मंडपम में ध्यान करते और प्रार्थना की माला हाथ में लिए मंडप की परिक्रमा करते हुए भी देखा गया।उन्होंने देवी कन्याकुमारी को समर्पित ‘108 शक्ति पीठों’ में से एक श्री भगवती अम्मन मंदिर में विशेष प्रार्थना करने के बाद गुरुवार शाम को विवेकानंद रॉक मेमोरियल में अपना ध्यान शुरू किया।श्री मोदी के अपना ध्यान सत्र पूरा करने के बाद शनिवार को स्मारक के पास एक तमिल संत के प्रसिद्ध तिरुवल्लुवर प्रतिमा का दौरा करने की संभावना है।
भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी स्मारक पर श्री मोदी के साथ जाने की अनुमति नहीं दी गयी क्योंकि यह एक आध्यात्मिक यात्रा है।श्री मोदी की यात्रा के मद्देनजर कन्याकुमारी में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक जहाजों को तटरेखा के करीब पानी में चौबीसों घंटे गश्त के लिए तैनात किया गया है, जबकि तमिलनाडु समुद्री पुलिस का तटीय सुरक्षा समूह (सीएसजी) भी इस यात्रा को लेकर कड़ी निगरानी रख रहा है। (वार्ता)
मंडपम की क्या खासियत
इस ध्यान मंडपम की खास बात यह है कि यह वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद ने देश भ्रमण के बाद तीन दिनों तक ध्यान किया था। यहीं उन्होंने विकसित भारत का सपना देखा था। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर देवी पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर साधना की थी।