UP Live

केहू के दु:ख नाहीं पहुंँचे, तहरे बोली से,बिटिया धीरे से उतरिहऽ तूँ डोली सेवा :भोजपुरी संगम

गोरखपुर। खरैया पोखरा बशारतपुर गोरखपुर में अन्तर्राष्ट्रीय गायक राम दरश शर्मा ने अरविंद ‘अकेला’ के इस अति मार्मिक गीत का सफल गायन करके समारोह के हृदय को गहराई से स्पर्श किया।भोजपुरी संगम के तत्वावधान में अरविंद ‘अकेला’ के काव्य संग्रह ‘अँजुरी भरि गीत’ का लोकार्पण डॉ.आद्या प्रसाद द्विवेदी की अध्यक्षता एवं डॉ.फूलचंद प्रसाद गुप्त के संचालन में सम्पन्न हुआ।

इस दौरान कवि एवं पत्रकार हृदयानंद शर्मा ने कहा कि प्रस्तुत पुस्तक समाज की विभिन्न विसंगतियों पर सबल प्रहार करती हुई सराहनीय रचनाओं का संकलन‌ है। त्रिलोकी नाथ त्रिपाठी ‘चंचरीक’ ने कहा कि ‘अकेला’ की कविताएं पारिवारिक विघटन एवं झूठ के फैलते विषदंत के विरुद्ध आत्मा से निकली हुई आवाज़ें हैं। इं.राजेश्वर सिंह ने 101 कविताओं के सुंदर संकलन हेतु ‘अकेला’ को बधाई देते हुए उनके रचनात्मक निरंतरता की मंगलकामना की।

विशिष्ट अतिथि आर.के.भट्ट ‘बावरा’ ने कहा कि अकेला की रचनाएं प्रेम एवं संवेदना की गहराई में डूब कर रची गई भावुक एवं आत्मिक प्रस्तुतियां हैं जो अपनी प्रौढ़ावस्था के साथ विद्यमान हैं। मुख्य अतिथि चंदेश्वर ‘परवाना’ ने कहा की पहलवानी काया के अंदर एक सुकोमल गीतकार का मिलना सुखद आश्चर्य है। इनके गीतों में ठेठ भोजपुरी के सुंदर व समर्थ शब्दों को मजबूती से स्थापित किया गया है। भोजपुरी की विविध विधाओं में ‘अकेला’ की सार्थक दखल इनके गायक व्यक्तित्व को भी उजागर करती है। अध्यक्षता कर रहे डॉ.आद्या प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि अकेला के गीत गांव, परिवार, समाज, राजनीति, देश-प्रेम, बुढ़ापा एवं बचपन सहित अनेक संवेदनशील भावों को गहराई से स्पर्श करते हैं।

इस दौरान –
पिया परदेसे, भेजें चिट्ठियो न पाती राम,
केसे-केसे कहीं, सहीं केहि भाँती राम।
युवा कवि अश्विनी द्विवेदी ‘नमन’ ने अकेला के इस गीत का संजीदा गायन प्रस्तुत कर माहौल को भावुक किया।

रामकोला से पधारे गोविंद राव ने भोजपुरी को समर्पित ऐसे कार्यक्रमों की बार-बार पुनरावृत्ति होने की सिफारिश की। भोजपुरी के ऐसे एकाधिकृत शब्दों की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया जिनका हिंदी एवं अन्य भाषाओं में सटीक विकल्प नहीं मिल पाता है।

लोकार्पण कार्यक्रम में रवीन्द्र मोहन त्रिपाठी, वीरेंद्र मिश्र ‘दीपक’, बागेश्वरी मिश्र ‘वागीश’, चंद्रगुप्त वर्मा ‘अकिंचन’, ओम प्रकाश पांडेय ‘आचार्य’, अवधेश शर्मा ‘नंद’, अरुण ‘ब्रह्मचारी’, राम नरेश शर्मा ‘शिक्षक’, सुभाष चंद्र यादव, सृजन ‘गोरखपुरी’, सुधीर श्रीवास्तव ‘नीरज’, प्रेमनाथ मिश्र, डॉ.अजय ‘अंजान’, गोपाल दुबे, सूरज राम ‘आदित्य’ अजय यादव नरेंद्र शर्मा एवं भीम प्रसाद प्रजापति सहित शताधिक साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन संयोजक कुमार अभिनीत ने किया।

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button