कंगना के सोशल मीडिया हो सेंसर, देशभर के मुकदमे मुंबई में चलाएं
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के सोशल मीडिया पोस्ट से देश की एकता को ‘खतरा’ बताते हुए उन ‘आपत्तिजनक’ तथ्यों को हटाने, सेंसर करने और इस मामले में उन पर देशभर में दर्ज मुकदमों को तत्काल मुंबई स्थानांतरित कर त्वरित सुनवाई पूरी करने की मांग करते हुए एक जनहित याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की गई है।वकील चरणजीत सिंह चंद्रपाल ने अपनी याचिका में कई गंभीर आरोप लगाते हुए कंगना के खिलाफ देशभर में दर्ज मुकदमों को मुंबई स्थानांतरित कर उन पर त्वरित सुनवाई के लिए आदेश देने की गुहार लगाई है।
अधिवक्ता अनिल कुमार के माध्यम से 22 पन्नों की अपनी याचिका आरोप लगाये गए हैं कि कंगना के सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट से विभिन्न धर्मों के बीच तनाव उत्पन्न होने का गंभीर खतरा है। लिहाजा, ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणियों से संबंधित मामले में कंगना के खिलाफ दर्ज मुकदमों को शीघ्र मुंबई स्थानांतरित करने के लिए केंद्र एवं संबंधित राज्यों सरकारों को तत्काल जरूरी कार्यवाही करने के आदेश दिए जाएं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर पहले से कंगना एवं अन्य लोगों के द्वारा डाले गए सभी आपत्तिजनक सामग्रियों को हटाने, उनमें बदलाव करने के आदेश केंद्र सरकार को दिए जाएं। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर डाली जा रही सामग्रियों की गंभीरता पूर्वक निगरानी की जाए।
याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि अभिनेत्री कंगना के सोशल मीडिया पर डाले गए पोस्ट किसान आंदोलन से जुड़े सिखों पर की गई जो आपत्तिजनक टिप्पणियां से संबंधित है। जो सिखों की धार्मिक भावनाओं को गंभीर ठेस पहुंचाने तथा देश की एकता खंडित करने वाले है। इन्हें तत्काल हटाया जाए।शीर्ष अदालत से गुहार लगाई गई है कि कंगना के खिलाफ देशभर में दर्ज मुकदमों को मुंबई मुंबई के खार पुलिस थाने में स्थानांतरित कर उन मामलों की त्वरित सुनवाई करने का आदेश दिया जाए।उच्चतम न्यायालय के वकील चंद्रपाल ने अपनी याचिका में मांग की है कि सभी मामलों में छह माह के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने तथा दो वर्षों में अदालती कार्रवाई पूरी करने का आदेश दिया जाए।
उन्होंने आरोप लगाया है कि कंगना का मकसद सिखों की धार्मिक भावनाओं को आहत करना तथा देश की एकता को खंडित करना है। सिखों को खालिस्तानी और आतंकवादी बता कर उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करना है। देश में दंगा भड़काने एवं अशांति फैलाने की घृणित कोशिश इंस्टाग्राम पर की गई है।याचिका में कहा गया है कि अभिनेत्री का यह अपराध न तो नजरअंदाज करने लायक है और न ही माफी के काबिल है। उनका यह अपराध कड़ी सजा दिए जाने की श्रेणी का है। लिहाजा, इस मामले में शीघ्र उचित कार्रवाई की जाए।याचिकाकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि कंगना ने संविधान में प्राप्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का दुरुपयोग करते हुए समाज को तोड़ने की कोशिश जानबूझकर की है।
श्री चंद्रपाल ने वकील अनिल कुमार के माध्यम से मंगलवार को दायर याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन से जुड़े सिखों को निशाना बनाते हुए एक के बाद एक कई आपत्तिजनक टिप्पणियां कंगना की ओर से की गईं, जिन्हें माफ नहीं किया जा सकता। विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि कंगना के इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम सिखों को देशद्रोही के तौर पर पेश करने की घृणित कोशिश की गई है, जिससे वे आहत हैं।याचिकाकर्ता ने इस मामले में कंगना के अलावा केंद्र, महाराष्ट्र , बिहार पंजाब और दिल्ली ( केंद्र शासित) सरकारों समेत 17 को प्रतिवादी बनाया है।