EntertainmentNationalPoliticsUP LiveWomen

मथुरा से तीसरी बार संसद जाने को तैयार जाट बहू हेमामालिनी

मथुरा से लगातार दो बार से जीत रही भाजपा सांसद अभिनेत्री हेमामालिनी.डबल इंजन के विकास मॉडल से मथुरा लोकसभा सीट एक बार फिर होगा भाजपा का कब्जा.

  • अब तक 17 बार हुए चुनावों में 12 बार मथुरा से जाट बिरादरी के प्रत्याशी रहे विजेता

मथुरा। जाटों की बहू ‘ड्रीम गर्ल’ हेमामालिनी को भाजपा ने लगातार तीसरी बार मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। पीएम मोदी की गारंटी और सीएम योगी पर यकीन हेमा मालिनी की हैट्रिक बनाने में सहायक सिद्ध होगी। वहीं अभिनेता धर्मेंद्र की पत्नी होने के नाते, वह मथुरा के लिए एक आदर्श उम्मीदवार हैं, जहाँ जाट मतदाता करीब 35% हैं। इस बार चुनावों में जयंत चौधरी का साथ भी भाजपा को मिलने जा रहा है, इससे मथुरा वासियों की बहू हेमा मालिनी की जीत निश्चित मानी जा रही है।

भारतीय जनता पार्टी के लिए मथुरा लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण है। भाजपा इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है। इसके लिए पूरी रणनीति के साथ भाजपा ने हेमा मालिनी को मथुरा से तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने पिछले दो लोकसभा चुनावों में प्रतिद्वंदियों को कड़ी शिकस्त दी। हेमा मालिनी अभिनेता धर्मेंद्र देओल की पत्नी है। इस नाते मथुरा के लोग उन्हें जाट की बहू ही मानते है। मथुरा जाट बाहुल्य क्षेत्र है। यमुना किनारे बसे मथुरा में करीब 35 फीसदी जाट मतदाता है। मथुरा सीट पर 17 बार चुनाव हुए, जिसमें 12 बार जाट बिरादरी के उम्मीदवार विजयी रहे। 1991 से 1999 तक चार बार मथुरा सीट भाजपा के कब्जे में रही। 2004 में मथुरा सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। 2009 में आरएलडी के जयंत चौधरी मथुरा से सांसद बने।

2014 में भाजपा ने हेमा मालिनी को चुनाव मैदान में उतारा। सिने स्टार हेमा ने अपने स्टारडम और मोदी लहर के चलते मथुरा की सीट भाजपा के खाते में आयी। वहीं 2019 में हुए चुनाव में हेमा के पति अभिनेता धर्मेंद्र ने भी उनके लिए प्रचार किया और उनके पक्ष में भारी भीड़ जुटाई थी। डबल इंजन सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं के चलते एक बार फिर 2019 में मथुरा पर कमल खिला और ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी सांसद बनी। हेमा मालिनी ने अपने दोनों कार्यकाल में सक्रिय रही।

संसद से लेकर अपने क्षेत्र में भी हेमा लगातार संपर्क में रहीं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि हेमा के साथ आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी एनडीए में शामिल होने के बाद भाजपा को न केवल मथुरा और पश्चिमी यूपी के कुछ हिस्सों में जाट मतदाताओं को अपने पाले में लाने में मदद मिलेगी, बल्कि हरियाणा और अन्य जगहों पर भाजपा को इसका फायदा मिलेगा। दिलचस्प बात यह है कि हेमा ने 2014 में मथुरा सीट पर जयंत को 3 लाख से अधिक मतों से हराया था।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button