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ताशकंद में गूंजा ‘जय हो’, राजनाथ ने आतंकवाद पर जताई चिंता

भारतीय सेना के बैंड ने 'जय हो' की धुन बजाई, शान से लहराता रहा तिरंगा

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन के देशों का सभी तरह के आतंकवाद का जड़ से सफाया करने के लिए आह्वान किया है।श्री सिंह ने बुधवार को उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि सीमा पार आतंकवाद सहित सभी प्रकार का आतंकवाद चाहे वह किसी भी रूप में हो और किसी ने भी किया हो तथा किसी भी उद्देश्य के लिए किया गया हो मानवता के विरूद्ध अपराध है।उन्होंने कहा , “ आतंकवाद वैश्विक शांति तथा सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। भारत सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने, क्षेत्र को शांतिपूर्ण, सुरक्षित तथा स्थिर बनाने के अपने संकल्प को दोहराता है। हम एससीओ सदस्य देशों के साथ मिलकर संस्थागत क्षमता विकसित करने , सदस्यों एवं समाज के बीच सहयोग बढाने तथा सहयोग की भावना को मजबूत बनाने के इच्छुक हैं।

इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत का अगले वर्ष सदस्य देशों के रक्षा मंत्रालयों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन करने का प्रस्ताव है जिसका विषय ‘ मानवीय सहायता और आपदा राहत – जोखिम कम करना एवं आपदा रोधी संरचना ’है। उन्होंने एसएसीओ देशों के रक्षा विचारकों के बीच रूचि के विषयों पर वार्षिक सेमिनार के आयोजन का भी सुझाव दिया ।रक्षा मंत्री ने शांतिपूर्ण , सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान का समर्थन करते हुए कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता , राष्ट्रीय एकता और विदेश नीति में हस्तक्षेप का पक्षधर नहीं है। उन्होंने सभी का अनुरोध किया कि वे अफगानिस्तान प्रशासन को संवाद और बातचीत से राष्ट्रीय सहमति बनाने तथा देश में व्यापक , समावेशी एवं प्रतिनिधितव आधारित राजनीतिक ढांचा बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के महत्व का भी उल्लेख किया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी देश को डराने या आतंकवादियों को शरण देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने तथा उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा पर भी उन्होंने बल दिया।यूक्रेन की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारत संकट के समाधान के लिए रूस तथा यक्रेन के बीच बातचीत का समर्थन करता है। उन्होंने कहा , “ भारत यूक्रेन और उसके आस पास मानवीय संकट को लेकर चिंतित है। हमने मानवीय सहायता पहुंचाने के संयुक्त राष्ट्र महासचिव और संयुक्त राष्ट्र एजेन्सियों के प्रयासों का भी समर्थन किया है। ” .रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में एससीओ देशों के साथ भारत के प्राचीन संबंधों का भी उल्लेख किया और कहा कि सभी क्षेत्र की प्रगति तथा समृद्धि में साझीदार हैं।इससे पहले श्री सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री सेर्गेइ शोइग्यू के साथ सुबह मुलाकात की और भारत में हमले की योजना बना रहे आतंकवादी को गिरफ्तार किये जाने के लिए भारत की ओर से आभार प्रकट किया।(वार्ता)

भारतीय सेना के बैंड ने ‘जय हो’ की धुन बजाई, शान से लहराता रहा तिरंगा

उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में हो रही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान भारतीय राष्ट्रध्वज को लहराते हुए ‘जय हो’ की गूंज सुनाई दी। बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुनिया भर में बढ़ते आतंकवाद पर चिंता जताते हुए इसे वैश्विक शांति के लिए खतरा करार दिया।शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन अगले माह 15 व 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में प्रस्तावित है। इस शिखर सम्मेलन में भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिजस्तान के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे। उससे पहले ताशकंद में इन देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक हो रही है। (हि.स.)।

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