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भारत-ऑस्टेलिया के बीच विभिन्न क्षेत्रों में ठोस कदमों पर सहमति

नयी दिल्ली : भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिक एवं खेल के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में शुक्रवार को ठोस कदमों पर सहमति जताई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एल्बनीस के बीच शुक्रवार को यहां हैदराबाद हाउस में हुई प्रतिनिधि मंडल स्तर की बैठक में इस आशय की सहमति बनी। बैठक में भारत ने आस्ट्रेलिया में प्रवासी भारतीयों की बढ़ती असुरक्षा और हिन्दू मंदिरों पर लगातार हमलों पर गहरी चिंता जताई और इसे रोकने के लिए दोनों देशों के सरकारों के बीच तालमेल बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि भारत में प्रधानमंत्री एल्बनीस आगमन होली के दिन हुआ। और उसके बाद हमने मिल कर क्रिकेट के मैदान पर भी कुछ समय बिताया। रंग, संस्कृति और क्रिकेट का यह उत्सव, एक प्रकार से भारत और ऑस्ट्रेलिया की मित्रता के जोश और उल्लास का उत्तम प्रतीक है।उन्होंने कहा कि आज हमने आपसी सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। सुरक्षा सहयोग हमारी समग्र रणनीतिक साझीदारी का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है। आज हमारे बीच हिन्द प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और आपसी रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा हुई।

रक्षा के क्षेत्र में हमने पिछले कुछ सालों मे उल्लेखनीय समझौते किए हैं, जिनमें एक दूसरे की सेनाओं के लिए साजोसामान का सहयोग भी शामिल है। हमारी सुरक्षा एजेंसियों के बीच भी नियमित और उपयोगी सूचना का आदान-प्रदान है, और हमने इसे और सुदृढ़ करने पर चर्चा की। हमारे युवा सैनिकों के बीच संपर्क और मित्रता बढ़ाने के लिए हमने जनरल रावत आॅफिसर्स एक्सचेंज प्रोग्राम की स्थापना की है, जो इसी महीने आरंभ हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमने विश्वस्त और मजबूत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए आपसी सहयोग पर विचार-विमर्श किया। नवीकरणीय ऊर्जा दोनों देशों के लिए प्राथमिकता और फोकस का क्षेत्र हैं, और हम क्लीन हाइड्रोजन और सोलर में साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पिछले साल लागू हुए व्यापार समझौते (एकता) से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के बेहतर अवसर खुले हैं। और हमारी टीमें समग्र आर्थिक सहयोग समझौते पर भी काम कर रही हैं।

श्री मोदी ने कहा कि जनता के बीच संबंध भारत-ऑस्ट्रेलिया मित्रता का एक प्रमुख आधार हैं। हमने शैक्षणिक संस्थानों की परस्पर मान्यता के लिए एक व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए हैं, जो हमारे छात्र समुदाय के लिए उपयोगी होंगे । हम आवागमन करार पर भी आगे बढ़ रहे हैं। यह छात्रों, कामगारों, और पेशेवरों के लिए लाभदायक होगा। भारतीय प्रवासी अब आस्ट्रेलिया में दूसरा सबसे बड़ा आव्रजक समुदाय है। यह भारतीय समुदाय ऑस्ट्रेलिया के समाज और अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा,“यह खेद का विषय है कि पिछले कुछ सप्ताहों से ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों की खबरें नियमित रूप से आ रही हैं। स्वाभाविक है कि ऐसे समाचार भारत में सभी लोगों को चिंतित करते हैं, हमारे मन को व्यथित करते हैं। हमारी इन भावनाओं और चिंताओं को मैंने प्रधानमंत्री एल्बनीस के समक्ष रखा। और उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि भारतीय समुदाय की सुरक्षा उनके लिए विशेष प्राथमिकता है। इस विषय पर हमारी टीमें नियमित संपर्क में रहेंगी, और यथासंभव सहयोग करेंगी।”श्री मोदी ने कहा कि हम दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि हमारे द्विपक्षीय संबंध वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए और वैश्विक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री एल्बनीस को भारत की जी 20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में बताया और आस्ट्रेलिया के सतत सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। भारत और आस्ट्रेलिया दोनों क्वाड के सदस्य हैं और आज हमने इस प्लेटफार्म पर हमारे बीच सहयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एल्बनीस की यात्रा से हमारे संबंधों को नई गति मिलेगी। इस वर्ष मई में क्वाड शिखर सम्मेलन और उसके बाद सितम्बर में जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री एल्बनीस से पुनः मिलने का मौका मिलेगा।(वार्ता)

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