
सुरेन्द्रनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सुरेन्द्रनगर में सोमवार को कहा कि मेरे हो रहे अपमान को मैं निगल जाता हूं, कारण कि मुझे इस देश के 130 करोड़ लोगों का भला करना है। मैं इस भारत को एक विकसित भारत बनाना चाहता हूं।श्री मोदी ने आज यहां जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को विकसित बनाने के लिए गुजरात को विकसित बनाना है। इसलिए धीमी गति पर नहीं चलना। चौबीस घंटे 365 दिन काम कर सकें तो करना है। रात दिन जाग सकें तो जागना है। वेकेशन की तो बात ही नहीं है। गुजरात एक बार फैसला करेगा तो सारा देश उसके पीछे चलेगा।
उन्होंने कहा मेरे युवाओ आपका भी और गुजरात का भी भविष्य बनाओ। गुजरात के उज्वल भविष्य के साथ आपका भविष्य जुड़ा हुआ है। माताओं, बहनों के आशीर्वाद मेरी पूंजी है। आपने बहुत दिया है और आपको वापस देने में हमने भी कोई कमी नहीं रखी। अभी भी मुझे बहुत कुछ करना है। बाधाएं लाने वालों को मत ले आना। इस बार अपने जिले में कमल सिवाय कुछ नहीं हो। शत प्रतिशत मतदान का लक्षांक पूरा करोगे। इस बार कोई पोलिंग बूथ एसा नहीं होना चाहिए जहां कमल पीछे रह गया हो।प्रधानमंत्री ने कहा कांग्रेस वाले कहते हैं मोदी को उसकी औकात दिखा देंगे।
श्री मोदी ने कहा अरे मा बाप आप तो सब राज परिवार हैं। मै तो एक सामान्य परिवार की संतान हूं। देखो मेरी कोई औकात नहीं है बापा। मैं तो सेवक हूं सेवादार हूं और उसकी तो काई औकात होती है क्या। आपने मुझे नीच भी कहा, नीची जाति का भी कहा, मौत का सौदागर, गंदी नाली का कीड़ा भी कहा। सब कुछ कहा आपने। अब आप औकात दिखाने निकले हो। मेहरबानी करके विकास के मुद्दे की चर्चा करो और इस गुजरात को विकसित बनाने के लिए मैदान में आओ। औकात बताने के खेल रहने दो भाई।उन्होंने कहा भाईयो बहनों मेरे हो रहे अपमान को मैं निगल जाता हूं कारण कि मुझे इस देश के 130 करोड़ लोगों का भला करना है।
श्री मोदी ने कहा सुरेन्द्रनगर जिला और मैं अलग नहीं हैं। आपका सुरेन्द्रनगर का सुरेन्द्र, नरेन्द्र और यह भूपेन्द्र त्रिवेणीं संगम है। मैं दिल्ली ज्यादा रहता हूं। वहां ज्यादा समय देना पड़ता है। इस बीच आप सबकी याद आती है। अभी चुनाव के दो सप्ताह बाकी हैं तो आप सब एक काम करना जब भी सभी के घर जाओ तो सभी को हाथ जोड़ कर कहना नरेन्द्रभाई आए थे और आपको प्रणाम कहा है। घर-घर मेरे प्रणाम पहुंचाना। मत देने वाले देवता जो ईश्वर का रूप है तीर्थयात्रा हैं उनको मिलने जाएं तब मेरा भी प्रणाम कहना। यही विनती है।(वार्ता)