सरकार मादक पदार्थों के पूरे इकोसिस्टम को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध : शाह
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार मादक पदार्थों के पूरे इकोसिस्टम को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।श्री शाह ने आज यहां ‘मादक पदार्थ तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। उन्होंने मादक पदार्थ नष्ट करने के पखवाड़े और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की भोपाल क्षेत्रीय इकाई के नए कार्यालय परिसर का उद्घाटन करने के साथ मानस-2 हेल्पलाइन के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विस्तार की शुरुआत भी की।नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य मादक पदार्थों की तस्करी की बढ़ती समस्या और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के क्षेत्रीय सम्मेलन ने मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई को मज़बूत आधार दिया है और ऐसे प्रयासों का ही नतीजा है कि इस समस्या के खिलाफ हमारा अभियान बहुत पुख्ता हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में देशभर के पुलिस बलों और ब्यूरो को 16,914 करोड़ रुपए की ड्रग्स ज़ब्त करने में सफलता मिली है, जो आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा हैश्री शाह ने कहा कि चुनौतियों को देखते हुए हमें और मज़बूती, शिद्दत, माइक्रो प्लानिंग और सतत् निगरानी के साथ समयानुकूल नीति बनाकर आगे बढ़ना होगा, तभी हम इस लड़ाई में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि 2047 में एक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नशामुक्त भारत की सिद्धि बहुत ज़रूरी है।
उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को एक साथ एक मंच पर आना होगा और संबंधित विभागों को पूरे मनोयोग और परिश्रम के साथ इस बुराई पर विजय प्राप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार मादक पदार्थों के पूरे इकोसिस्टम को ध्वस्त करने के लिए संकल्पित हैं।श्री शाह ने कहा कि सरकार ने ज़ब्त मादक पदार्थो को नष्ट करने का पखवाड़ा भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत अगले दस दिनों में लगभग 8600 करोड़ रुपए मूल्य के एक लाख किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट किया जएगा। उन्होंने कहा कि इससे जनता में एक मज़बूत संदेश जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में हमें 360 डिग्री वाले संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण के साथ संपूर्ण विजय की रणनीति बनाकर आगे बढ़ना है।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज भोपाल की आंचलिक इकाई का भी उद्घाटन हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण काम मानस-2 हेल्पलाइन के 36 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में विस्तार का हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की ज़िम्मेदारी है कि वे मानस एप और टोल फ्री नंबर को लोकप्रिय बनाएं। गृह मंत्री ने कहा कि टोल फ्री नंबर पर आने वाले सभी फोन पर त्वरित और परिणामलक्षी कार्यवाही कर इसकी विश्वसनीयता बढ़ाना भी हमारी साझा ज़िम्मेदारी है।
श्री शाह ने कहा कि इस हेल्पलाइन पर 25 हज़ार से अधिक लोगों ने जवाब दिया है। यह सुनिश्चित करना होगा कि जो भी फोन आए उस पर हम कार्रवाई करें, तभी यह प्रयास परिणामलक्षी बन सकेगा और नशामुक्त भारत की सिद्धि में मदद करेगा।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई बहुत मज़बूत हुई है और इसके बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं। उन्होंने कहा कि हम इस लड़ाई में सफलता के बहुत नज़दीक हैं और सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 तक 3 लाख 63 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों की ज़ब्ती की गई, जो 2014 से 2024 के 10 वर्षों में सात गुना बढ़ोत्तरी के साथ 24 लाख किलोग्राम हो गई। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह इस बात का उदाहरण है कि जनता, अदालतें और नीचे तक फैला पूरा इकोसिस्टम हमारे प्रयासों को अच्छा रिस्पांस दे रहा है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच 10 साल में नष्ट किए गए ड्रग्स का मूल्य 8150 करोड़ रूपए था, जो पिछले 10 साल में आठ गुना बढ़कर बढ़कर 56,861 करोड़ रुपए हो गया है।गृह मंत्री ने कहा कि इसका अर्थ यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि ड्रग्स का उपयोग बढ़ रहा है, बल्कि अब उस पर कार्रवाई हो रही है और परिणाम भी प्राप्त हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने द्रुत गति से ड्रग्स के विनष्टीकरण और नेटवर्क का पर्दाफाश कर इसके पूरे इकोसिस्टम को कानून के शिकंजे में लाने का काम किया है।श्री शाह ने कहा कि जांच में भी कई बदलाव करते हुए न सिर्फ ड्रग्स बल्कि इसके साथ जुड़े आतंकवाद के तंत्र को भी उजागर किया गया है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश की स्थानीय पुलिस और केन्द्रीय एजेंसियों ने नार्को टेरर के कई केसों को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि इन सफलताओं से संतुष्ट होने के स्थान पर हमें और अधिक गति और उत्साह से काम करना होगा।श्री शाह ने कहा कि डार्क वेब, क्रिप्टो करेंसी, ऑनलाइन मार्केटप्लेस और ड्रोन का उपयोग आज भी हमारे लिए चुनौती बने हुए हैं।
श्री शाह ने कहा कि सभी एजेंसियां डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी, और ड्रोन के माध्यम से होने वाली ड्रग्स तस्करी को रोक कर नशा मुक्त भारत के संकल्प को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि नशामुक्त भारत अभियान की सफलता के लिए, इन चुनौतियों के तकनीकी समाधान हमारी एजेंसियों, राज्य सरकारों और इस क्षेत्र से जुड़े युवाओं को ढूंढने होंगे तभी ये लड़ाई परिणामलक्षी बन सकती है।उन्होंने कहा कि भारत अग्रगामी रसायनों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है लेकिन नशे के खिलाफ अभियान में ये एक चिंता की भी बात है क्योंकि इससे संभावनाएं बढ़ती है। जब परंपरागत ड्रग्स पर सख्ती बढ़ती है तो कैमिकल ड्रग्स की ओर मुड़ना स्वाभाविक होता है।
उन्होंने कहा कि देशभर में कम से कम 50 से अधिक प्रयोगशाला पकड़ी गई हैं, जो ये बताता है कि हमारी सख्ती के कारण ड्रग्स की मांग में वृद्धि हुई है, वे उन्हें एक अलग रास्ते पर ले जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें इसे अभी से रोकना होगा।गृह मंत्री ने सभी राज्यों से अनुरोध किया कि वे अपने यहां अवैध प्रयोगशालाओं को कठोरता के साथ नष्ट करें और इन पर कानूनी कार्रवाई करें।श्री शाह ने कहा कि मादक पदार्थों के मामलों की जांच बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि नारकोटिक्स का कोई भी केस व्यक्तिगत नहीं हो सकता और जब तक इसके पूरे नेटवर्क की जांच नहीं होती तब तक हमें जांच को पूरा नहीं मानना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें, हर केस को सिर्फ एक केस मानने की जगह इसके पीछे का पूरा नेटवर्क ध्वस्त करने का हथियार बनाना चाहिए, तभी ये लड़ाई निर्णायक अंत तक पहुंचेगी।श्री शाह ने कहा कि जब तक हम नशे के कारोबार के वित्तीय पहलू की जांच और इसमें संपत्ति ज़ब्त करने की कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक हम इस बुराई पर विजय नहीं पा सकते। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी बड़े केस को वित्तीय जांच के बिना खत्म करने की गलती नहीं करनी चाहिए।श्री शाह ने कहा कि कोई भी देश नशे में लिप्त युवा पीढ़ी के साथ विकास की दौड़ में आगे नहीं बढ़ सकता, सिद्धियां प्राप्त नहीं कर सकता और सुरक्षित नहीं रह सकता।
उन्होंने कहा कि सभी को संवेदना और दिल की गहराई से नशामुक्त भारत अभियान के साथ जुड़ना चाहिए और संकल्प लेना चाहिए कि न तो हम देश में नशा आने देंगे और न ही अपने देश से कहीं बाहर गैरकानूनी बिक्री के लिए जाने देंगे और भारत को नशामुक्त भारत बनाकर ही दम लेंगे।सम्मेलन में पंजाब के राज्यपाल और चण्डीगढ़ के प्रशासक गुलाब चन्द कटारिया, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक, आठ प्रतिभागी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों, विभागों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मेलन में शामिल हुए। (वार्ता)
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