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वैश्विक महाकुम्भ:अमेरिका, रूस, यूक्रेन, बांग्लादेश समेत 73 देशों के राजनयिक संगम में लगाएंगे डुबकी

महाकुम्भ बना संपूर्ण विश्व का आध्यात्मिक केंद्र, विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों का गंगा किनारे होने जा रहा समागम.विदेश मंत्रालय ने यूपी के मुख्य सचिव को लिखा पत्र, कहा- दुनियाभर के राजनयिक करना चाहते हैं बड़े हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन.

  • यूपी का डंका सात समंदर पार, धरती के कोने कोने से लोग महाकुम्भ देखने को बेकरार
  • एक फरवरी को राजदूतों समेत 116 विशिष्ट अतिथि आ रहे महाकुम्भ का महात्म्य देखने

महाकुम्भनगर : महाकुम्भनगर संपूर्ण विश्व का आध्यात्मिक केंद्र बन गया है। 73 देशों के राजनयिक पहली बार यहां संगम में स्नान करने जा रहे हैं। परस्पर धुर विरोधी माने जाने वाले देशों रूस और यूक्रेन के राजदूत भी इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे। यह वैश्विक आयोजन गंगा किनारे भिन्न-भिन्न संस्कृतियों और विचारधाराओं के बीच एक अनोखे सामंजस्य का संदेश देगा। यहां अमेरिका और बांग्लादेश के भी राजनयिक अमृतकाल के गवाह बनेंगे। इस महाआयोजन के जरिए सात समंदर पार तक यूपी का डंका बज रहा है। इसीलिए धरती के कोने-कोने से लोग महाकुम्भ देखने के लिए बेकरार हैं। विदेशों से यहां आ रहे श्रद्धालुओं के अनुसार धरती के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के मुख्य आयोजक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समय दुनिया के सभी शक्तिशाली देशों की दृष्टि में प्रमुख नायक बन गए हैं।

इन देशों से पहुंच रहे मेहमान

महाकुम्भ नगर के डीएम (मेलाधिकारी) विजय किरण आनंद ने पुष्टि की कि एक फरवरी को 73 देशों से राजनयिक महाकुम्भ का महात्म्य देखने आ रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने यूपी के मुख्य सचिव को इसके लिए पत्र भी लिखा है। पत्र में कहा है कि दुनियाभर के राजनयिक महाकुम्भनगर में बड़े हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन करना चाहते हैं। जिन देशों के राजनयिक आ रहे हैं, उनमें जापान, अमेरिका, रूस, यूक्रेन बांग्लादेश, जर्मनी के साथ ही आर्मेनिया स्लोवेनिया, हंगरी, बेलारूस, सेशल्स, मंगोलिया, कजाकिस्तान ऑस्ट्रिया, पेरु, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, अलसल्वाडोर, चेक रिपब्लिक, बुल्गारिया, जॉर्डन, जमैका, इरिट्रिया, फिनलैंड, ट्यूनीशिया, फ्रांस, एस्टोनिया, ब्राजील, सूरीनाम, जिंबॉब्वे, मलेशिया, माल्टा, भूटान, लेसोथो, स्लोवॉक, न्यूजीलैंड, कंबोडिया, किरगिज, चिली, साइप्रस, क्यूबा, नेपाल, रोमानिया, वेनेजुएला, अंगोला, गुयाना, फिजी, कोलंबिया, सीरिया, गिनी, म्यांमार, सोमालिया, इटली, बोत्सवाना, परागुआ, आईसलैंड, लातविया, नीदरलैंड, कैमरून, कनाडा, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, थाईलैंड, पोलैंड, बोलिविया शामिल हैं।

स्नान के साथ करेंगे आध्यात्मिक भ्रमण

ये सभी विदेशी राजनयिक नाव के जरिए संगम नोज पहुंचेंगे और पवित्र स्नान करेंगे। यहां से वे अक्षय वट और बड़े हनुमान मंदिर का दर्शन करने जाएंगे। इसके बाद डिजिटल महाकुम्भ एक्सपीरियंस सेंटर के माध्यम से आधुनिक तकनीक के जरिए महाकुम्भ की गहराई को समझेंगे। प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक भ्रमण भी करेंगे, जिसमें यूपी स्टेट पवेलियन, अखाड़े, यमुना कॉम्प्लेक्स, अशोक स्तंभ और अन्य स्थलों का अवलोकन करेंगे।

महाकुम्भ बना संपूर्ण विश्व का केंद्र

73 देशों के प्रतिनिधि भारत की संस्कृति, आध्यात्मिकता और धर्मनिरपेक्षता का अनुभव करेंगे। यह आयोजन विश्व को भारत की समृद्ध परंपराओं और योग, ध्यान तथा आध्यात्मिकता का परिचय देगा। विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारी इस आयोजन को सुचारू बनाने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं। विदेशी राजनयिकों के लिए बमरौली हवाई अड्डे पर विशेष वीआईपी लाउंज में नाश्ते का इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही टूर गाइड की व्यवस्था भी की गई है। गृह मंत्रालय के 140 कर्मचारियों के लिए नावों का विशेष इंतजाम किया गया है।

सीएम योगी के प्रयास से दुनिया भागी चली आ रही यूपी

इस महाकुम्भ के जरिए भारत ने विश्व को एकता, शांति और सहयोग का संदेश दिया है। महाकुम्भ के दिव्य, भव्य आयोजन को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस प्रकार से एक विजन के तहत साकार किया है, उसे लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा होने लगी है। देश ही नहीं विदेश के श्रद्धालुओं का भी यही कहना है कि महाकुम्भ के जरिए सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश का डंका सात समंदर पार तक बजाया है। विश्व के हर कोने से लोग इस आयोजन को देखने के लिए प्रयागराज की ओर रुख कर रहे हैं।

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