Varanasi

वाराणसी में हुआ विदेशी निवेश, इटली की एक कंपनी शुरू कर चुकी उत्पादन

1021 करोड़ के निवेश वाले विभिन्न सेक्टर के 33 प्रोजेक्ट हो चुके हैं शुरू, मिला 2678 लोगों को रोजगार

  • 14 विभाग, 130 प्रोजेक्ट, 15358.81 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरा
  • सबसे ज्यादा पर्यटन विभाग का 7165.81करोड़ का प्रोजेक्ट धरातल पर उतरा

वाराणसी : वाराणसी में विदेशी निवेश के साथ पूर्वांचल के नई औद्योगिक क्रांति का नया युग सोमवार को शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में सोमवार को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 का उद्घाटन करेंगे। वाराणसी में निवेश करने वाले में 10 करोड़ से अधिक के 83 निवेशक लखनऊ और 10 करोड़ से कम का निवेश करने वाले 47 निवेशक वाराणसी में हिस्सा लेंगे। वाराणसी में 14 विभागों में 15358.81 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरा है। सबसे ज्यादा 7165.81करोड़ का पर्यटन विभाग का प्रोजेक्ट धरातल पर उतरा।

वहीं सबसे ज़्यादा रोजगार देने वाला विभाग यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी के पहले ही टेक्क्निल एजुकेशन की सबसे अधिक 10 परियोजनाएं चालू हो चुकी हैं। जीबीसी के पहले 1021 करोड़ के निवेश वाले विभिन्न सेक्टर के 33 प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं, जो 2678 लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। वाराणसी में इटली की निवेश वाली टेसिओ आयल कूलर रेडियेटर जीबीसी 4.0 के पहले से ही उत्पादन कर रही है।

काशी सिर्फ विकास का मॉडल ही बनकर नहीं उभरा है, बल्कि उद्योग धंधे स्थापित करने का भी नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। पूर्वांचल औद्योगिक क्षेत्र में नई क्रांति लाने जा रहा है। मूलभूत सुविधाओं के विकास के साथ योगी सरकार की नई औद्योगिक नीति उद्योगों के स्थापना की नई इबारत लिख रही है। जीबीसी 4.0 के पहले ही यहां 33 प्रोजेक्ट शुरू भी हो चुके हैं। वाराणसी में इटली की कंपनी 51 प्रतिशत एफडीआई के साथ उत्पादन शुरू कर चुकी है।

जीबीसी 4.0 में शामिल होने वाले निवेशक ,निवेश, रोजगार व शुरू हो चुकी परियोजनाओं की विभागवार सूची।

विभाग का नाम—प्रोजेक्ट की संख्या —निवेश—रोजगार -ऑपरेशनल प्रोजेक्ट्स

1 -पर्यटन विभाग–26 –7165 .81करोड़ –12938 —4
2 -हथकरघा और कपड़ा –16 –266 .75 करोड़ -2604 —3
3 -हॉर्टिकल्चर -20 –748 .6 3 करोड़ 1233 –4
4 -हाउसिंग -15 – 2054.32 –2465
5 -चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग -4 –1002 करोड़–3718 -1
6 –पशुपालन – 2 -2 -10
7 –सहकारिता -2 –124—805
8 -दुग्ध विकास -2 -65 -210 -1
9 -ऊर्जा के अतिरिक्त स्रोत –1 –125 करोड़–100
10 -चिकित्सा शिक्षा -3 -49.54 -90 -2
11 –एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन -23 —518 –2263 –8
12 –आईटी व इलेक्ट्रोनिक्स –1–550 –225
13 -तकनीकी शिक्षा -11 –126.76 –472 –10
14 -यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी –4 –2561 करोड़—17083

  • कालीन नगरी भदोही में धरातल पर उतरा 853.61 करोड़ का निवेश
  • 82 निवेशक कर रहे निवेश, 3700 लोगों को मिलेगा रोज़गार

कालीन नगरी संत रविदास नगर भदोही भी जीबीसी 4.0 में अपनी दमदार भागीदारी निभा रही है। संत रविदास नगर में 853 करोड़ से अधिक का निवेश धरातल पर उतरा है, जिससे 3700 युवाओं को रोजगार मिलेगा। एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन में सबसे ज्यादा 606 करोड़ का निवेश आया है। दूसरे नम्बर पर हथकरघा व वस्त्र उद्योग है, जबकि सबसे अधिक रोजगार स्वास्थ्य व शिक्षा में मिल रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के देखरेख में उत्तर प्रदेश की नई औद्योगिक नीति प्रदेश में निवेश और रोजगार का सुनहरा अवसर ला रही है। भदोही के जिलाधिकारी गौरांग राठी ने बताया की जिले में कुल 853.61 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरा है, जिससे 3700 लोगों को रोजगार मिलेगा। कालीन नगरी में सबसे ज्यादा 51 निवेशक एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग में आये हैं। वही दूसरे नंबर पर 14 निवेशकों ने हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग में निवेश किया है। कुल 82 निवेशकों ने भदोही में निवेश किया है। जिनमे से कुछ लखनऊ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शामिल होंगे तो कुछ जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

एमएसएमई नीति 2022 में निवेशकों को लुभाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फरवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के चलते बड़ी तादाद में निवेशक आकर्षित हो रहे हैं, जिससे नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का सृजन होता दिख रहा है।

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