HealthUP Live

योगी सरकार की मुहिम का असर, प्रदेश की 1748 पंचायतें टीबी मुक्त

57647 पंचायतों में से 1748 ने टीबी मुक्त होने का किया दावा, स्वास्थ्य विभाग करेगा सत्यापन

  • 20 फरवरी तक होगा पंचायतों का सत्यापन, फिर मिलेगा टीबी मुक्त पंचायत का सर्टिफिकेट
  • अंबेडकरनगर की 899 पंचायतों में सर्वाधिक 130 पंचायतों ने किया टीबी मुक्त होने का दावा

लखनऊ : प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने की योगी सरकार की मुहिम ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश की 57647 पंचायतों में से 1748 ने टीबी मुक्त होने का दावा किया है। स्वास्थ्य विभाग के समक्ष किए गए इस दावे पर विभाग की ओर से सत्यापन कराया जाएगा और यदि दावा सही पाया जाता है तो इन पंचायतों को जिलाधिकारी द्वारा टीबी मुक्त होने का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। मालूम हो कि सीएम योगी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश को टीबी मुक्त करने का बड़ा अभियान छेड़ रखा है। सीएम योगी ने स्वयं भी कई बार मंच पर खड़े होकर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए शुरू किए गए अभियान में सहयोग की अपील की है। वह लगातार स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठकों में टीबी की स्थिति पर चर्चा के साथ ही इसकी मॉनीटरिंग भी कर रहे हैं। पंचायतों का टीबी मुक्त होने का दावा सीएम योगी के प्रयासों पर मुहर है।

अंबेडकरनगर की सर्वाधिक 130 पंचायतों ने टीबी मुक्त होने का प्रस्तुत किया दावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर वाराणसी में इस पहल की घोषणा की थी। ऐसे में योगी सरकार ने पंचायतों को स्वस्थ, समृद्ध व खुशहाल बनाने के लिए पहले उन्हें टीबी जैसी गंभीर बीमारियों से मुक्त करने का लक्ष्य रखा। सीएम योगी के निर्देश पर जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) और जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) के संयुक्त प्रयास से पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने की भरपूर कोशिश की जा रही है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अम्बेडकरनगर की कुल 899 पंचायतों में से सर्वाधिक 130 पंचायतों ने टीबी मुक्त होने का दावा प्रस्तुत किया है।

इसी तरह बाराबंकी की 1164 पंचायतों में से 82, कुशीनगर की 1003 पंचायतों में से 74, उन्नाव की 1044 पंचायतों में से 66 और मथुरा की 495 पंचायतों में से 64 ने टीबी मुक्त होने का दावा पेश किया है। राजधानी लखनऊ की कुल 491 पंचायतों में से 12 ने टीबी मुक्त होने का दावा किया है। संयुक्त निदेशक/राज्य क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि दावा प्रस्तुत करने वाली पंचायतों का 20 फरवरी तक विभिन्न मानकों पर सत्यापन कराया जाएगा और इसमें खरी उतरने वाली पंचायतों को टीबी मुक्त होने का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। इन दावों का गंभीरता से सत्यापन कराया जा रहा है ताकि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने में यह पहल पूरी तरह कारगर साबित हो सके।

घर-घर जा रही स्वास्थ्य विभाग की टीम
योगी सरकार के इस अभियान के बाद पंचायतों में भी होड़ लगी है कि वह अपनी पंचायत को जल्दी से जल्दी किस तरह टीबी मुक्त बना सकें। इसके लिए वह जांच का दायरा बढ़ाने के साथ ही खुली बैठक और चौपाल में भी टीबी के प्रति जागरूकता लाने की हरसम्भव कोशिश में जुटे हैं। ग्राम प्रधानों को यह पता है कि जितनी जल्दी अधिक से अधिक लोगों की जांच कराएंगे उतनी ही जल्दी जांच में टीबी की पुष्टि वालों का इलाज शुरू कराया जा सकेगा। इसके लिए ग्राम प्रधान घर-घर टीम भेजकर भी लोगों की स्क्रीनिंग और जांच कराने में जुटे हैं। इलाज के दौरान नियमित दवा सेवन के लिए प्रेरित करने के साथ ही उनके सही पोषण की व्यवस्था भी उनकी प्राथमिकता में अब शामिल हो चुका है। जांच में घर के निकट स्थित आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) भी इसमें मददगार बन रहे हैं क्योंकि अब बिना समय गंवाए और किराया-भाड़ा खर्च किये बगैर घर के पास ही जांच की सुविधा उपलब्ध है।

समुदाय के लोगों को टीबी के प्रति किया जा रहा जागरूक
पंचायतों को टीबी मुक्त करने के प्रयासों की गतिविधियों को पंचायत विकास योजनाओं (पीडीपी) में भी शामिल किया गया। समुदाय को टीबी के विभिन्न पहलुओं जैसे-लक्षण, रोकथाम, भ्रांतियों को दूर करना, उपचार का पालन, जांच, उपलब्ध उपचार सुविधाओं और टीबी रोगियों के लिए योगी सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाले विभिन्न लाभों के बारे में जागरूक किया गया है। इस प्रक्रिया के तहत ही खंड विकास अधिकारी ब्लाक स्तर पर टीबी मुक्त पंचायत के लिए सभी पात्र ग्राम पंचायतों के दावों को सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ जिला क्षय रोग अधिकारी को सत्यापन के लिए भेजे हैं।

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button