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आर्थिक पैकेज : वाराणसी के उद्यमियों की वर्षों पुरानी मांगे मानी

* अगले वित्तीय वर्ष में दिखेगा आर्थिक पैकेज का लाभ * पैकेज में थोड़ी कारीगरी के साथ थोड़ी बाजीगरी भी * घुटन महसूस कर रहे उद्यमियों को कुछ राहत मिलेगी * वाराणसी के लिए अलग से कुछ नहीं, लेकिन लाभ मिलेगा

(युगल किशोर जालान)

वाराणसी। तीन पर्दों में ढके प्रधानमंत्री के आर्थिक पैकेज के पहले पर्दे के पीछे उद्यमियों को उज्जवल भविष्य दिखा है। केन्द्रीय वित्तमंत्री द्वारा प्रस्तुत बीस लाख करोड़ में से छह लाख करोड़ का रोड मैप देखकर यह लगता है कि आर्थिक पैकेज तैयार करने में नीति निर्माता टीम ने उद्योग जगत की पुरानी मांगो पर भी गंभीरता से विचार विमर्श किया है। इन घोषणाओं में भले ही वाराणसी के लिए अलग से कोई घोषणा ना हो, लेकिन वाराणसी के उद्यमियों व व्यापारियों के लिए निश्चित तौर पर अनेक नए अवसरों के मार्ग खुलने जा रहे हैं। आर्थिक पैकेज के पार्ट वन को देखने के बाद अब पार्ट टू और थ्री से लोग काफी आशान्वित हैं।
बनारस इंडस्ट्रियल एन्ड ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि नौकरशाही का व्यवहार ठीक रहा तो आर्थिक पैकेज से कुटीर और लघु औद्योगिक इकाइयों की तकदीर बदल जाएगी। पैकेज पर प्रतिक्रिया में उन्होने कहा कि अभी तो उद्योग जगत में चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा दिख रहा लेकिन अगले वित्तीय वर्ष में पैकेज से चौतरफा विकास दिखेगा।
श्री अशोक गुप्ता ने कहा कि माइक्रो यानी कुटीर उद्योग और लघु औद्योगिक इकाइयों में निवेश सीमा बढाने की मांग अनेक वर्षों से की जा रही थी। अभी प्लान्ट, मशीनरी और इक्विपमेन्ट में पच्चीस लाख रूपये तक निवेश वाली इकाइयों को ही माइक्रो श्रेणी वर्ग में रखा जाता है। उद्यमी जरूरत होने पर भी छोटा-मोटा विस्तार इसलिए नहीं करता कि लघु श्रेणी में आ गया तो माइक्रो वाली सुविधाओं से वंचित हो जाएगा। पैकेज में माइक्रो में निवेश सीमा एक करोड कर देने से कुटीर उद्यमियों के लिए विस्तार और संभावनाओं का मार्ग खुल गया है। लघु औद्योगिक इकाइयों में भी निवेश सीमा पांच से बढाकर दस करोड़ कर उद्यमियों को विस्तार के लिए प्रोत्साहित किया है।
प्रबंधन सलाहकार अनिल के जाजोदिया ने कहा कि वित्तमंत्री द्वारा प्रस्तुत पैकेज के रोड मैप में थोड़ी कारीगरी के साथ थोड़ी बाजीगरी भी महसूस होती है। भविष्य के कार्यों हेतु कुछ वास्तविक सहयोग की कोशिश दिख रही तो छोटे व्यापारी और स्वरोजगार वाले मध्यम वर्ग के अपंजीकृत व असंगठित लोगों तक कोई सीधी मदद नहीं पहुंचा पाने की मजबूरी भी दिखाई दे रही है। आर्थिक पैकेज में किए गए प्रावधानों का लाभ उठाकर उद्यमशील व्यक्ति अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान कर सकते हैं और इस पहल से इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं प्रबल हुई हैं। इस पैकेज का बड़ा फायदा पूर्वी उत्तर प्रदेश के श्रमिक प्रधान क्षेत्रों को मिलना ही है।
श्री जाजोदिया ने कहा कि वाराणसी को निश्चित बड़ा लाभ मिलने जा रहा है क्योंकि इसके चारों ओर बहुत बड़ी जनसंख्या है जोकि अपनी विशाल आपूर्ति के लिए इस नगर को ही अपनी औद्योगिक व व्यवसायिक राजधानी मानकर आगे बढ़ेगा।
प्रमुख कपडा व्यापारी केशव जालान ने कहा कि बैंक लोन की प्रक्रिया सरल करने से घुटन महसूस कर रहे उद्योग-व्यापार जगत को कुछ राहत मिलेगी। लम्बे समय से व्यापारियों के लिए बैंक लोन की प्रक्रिया सरल करने की मांग की जा रही थी। श्री जालान ने ईपीएफ, टीडीएस और टीसीएस दरों में कमी का स्वागत करते हुए कहा कि अब देखना है कि इस पैकेज को क्रियान्वित करने में छोटे व्यापारियों के साथ नौकरशाही कैसा व्यवहार करती है। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक पैकेज से अवश्य ही नये रोजगार सृजित होंगे।
परिधानों के खुदरा व्यापारी विनय कुमार गुप्ता ने कहा कि पैकेज पूरी तरह सकारात्मक है लेकिन नोटिफिकेशन के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। उन्होंने कहा कि कई बार अधिकारी वर्ग नोटिफिकेशन के शब्दों का अर्थ अपने विवेकानुसार लगाते हैं।

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