
कृषि वैज्ञानिक बनें कृषि में बदलाव के प्रेरक: धनखड़
जयपुर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृषि में बदलाव के लिए देश के किसान को बदलने की जरूरत बताते हुए कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया है कि वे इस बदलाव के प्रेरक बनें।श्री धनखड़ गुरुवार को टोंक जिले में केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर द्वारा विकसित की गई उन्नत नस्ल की भेड़ों और उत्पादों का निरीक्षण किया और संस्थान के निदेशक, वैज्ञानिकों और स्टाफ के साथ मुलाकात कर उन्हें संबोधित किया। उन्होंने केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के द्वारा किये जा रहे कामों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि जी-20 में भारत के विकास का डंका देख कर सब दंग रह गए हैं। वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत में जो विकास पिछले छह वर्ष में हुआ है वह 50 वर्ष में भी नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा कि इसमें सबसे बड़ा योगदान किसानों का है और खेती से जुड़ी ऐसी संस्थाओं का है।उन्होंने कहा कि भारत देश किसान की बदौलत है। हमारे यहां एक अप्रैल 2020 से 80 करोड़ लोगों को सरकार की ओर से फ्री चावल, गेंहू, दाल मिल रहे हैं। ये दम हमारे किसानें का है, और ये राशन किसानों की बदौलत ही मिल पा रहा है।
इस अवसर पर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, सीएसडब्यूआरआई के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर, संस्थान के वैज्ञानिक, शोधार्थी एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।इससे पहले उपराष्ट्रपति के जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचने पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनका स्वागत किया इस मौके पर मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय भी मौजूद थे।
बांध सामाजिक- आर्थिक समृद्धि के केंद्र बिन्दु: धनखड़
नयी दिल्ली 14 सितंबर (वार्ता) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि बांधों की सुरक्षा राष्ट्र की समृद्धि को सुनिश्चित करती है और ये ऐतिहासिक रूप से सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का केंद्र बिंदु रहे है।उपराष्ट्रपति ने जयपुर में बांध सुरक्षा पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बांधों की सुरक्षा राष्ट्र की समृद्धि को सुनिश्चित करती है। जी-20 की विषयवस्तु – एक पृथ्वी, एक परिवार एक भविष्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन ने पूरी दुनिया को हमारी महान सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी समृद्ध परंपरा और भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों से परिचित कराया है।
श्री धनखड़ ने कहा कि बांध ऐतिहासिक रूप से पूरी दुनिया में सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का केंद्र बिन्दु रहे है। बांध मानवता के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। बांध समाज के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं जिससे सिंचाई होती है और अनाज उगता है।उन्होंने कहा कि बांध न सिर्फ बाढ़ जैसी विभीषिका से बचाते हैं बल्कि लाखों लोगों के जीवन के साथ-साथ देश की अमूल्य संपत्ति की भी रक्षा करते हैं।उन्होंने कहा कि भारत में जल प्रबंधन की जड़े सदियों पुरानी है।(वार्ता)