
हफ्तेभर में 44 डिग्री के पार होगा पारा,मांगने बढ़ने से बिजली कटौती को मजबूर विभाग
नई दिल्ली । अब भीषण गर्मी का दौर शुरू होने वाला है। शनिवार सुबह से ही इसका असर देखा जा रहा है। शनिवार सुबह से तेज धूप निकली हुई है और इसके साथ ही लू चलने के भी आसार हैं। सुबह 11 बजे के बाद तेज धूप और लू लोगों को परेशानी करेगी। कुल मिलाकर शनिवार को दिनभर कमोबेश ऐसे ही हालात रहेंगे। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक शनिवार सुबह से ही आसमान साफ है और सुबह से तेज धूप निकली हुई है। शनिवार को दिन के समय 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलेगी। इस दौरान अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 40 और 23 डिग्री रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, आसमान अब लगातार साफ ही रहेगा। तापमान में भी हर दिन इजाफा होने के आसार हैं।देश के कई राज्यों में मार्च मध्य से जारी ग्रीष्म लहर के कारण बढ़ी मांग और इसी बीच पैदा हुई कोयले की किल्लत से बिजली की कमी हो गई है। इस कारण सात राज्य घंटों बिजली कटौती करने पर मजबूर हो गए हैं।
वहीं, मौसम में बदलाव के बीच एक हफ्ते के भीतर दिल्ली का अधिकतम तापमान 44 डिग्री के पार हो जाएगा। लू का दौर भी फिर लौटेगा। 28 अप्रैल के लिए तो भारीतय मौसम विभाग ने यलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। तेज धूप के बीच भीषण गर्मी का सितम जारी रहेगा।शुक्रवार को भी सुबह से ही तेज चमकदार सूरज निकला रहा। दिन चढ़ने के साथ धूप तीखी और तेज हो गई। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 39.3 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 25 से 63 प्रतिशत रहा। स्पोट्र्स कांप्लेक्स इलाका सबसे ज्यादा गर्म रहा। यहां का अधिकतम तापमान 40.3 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 25.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बता दें कि मौसम विभाग इस बार अप्रैल से लेकर जून तक भीषण गर्मी का पूर्वानुमान जता चुका है। यह भी बताया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में गर्मी के पिछले कई रिकार्ड टूट सकते हैं। शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का एयर इंडेक्स 204 रहा। एनसीआर में फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 256, गाजियाबाद का 254, ग्रेटर नोएडा का 269, गुरुग्राम का 219 और नोएडा का 241 दर्ज किया गया। दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 65 जबकि पीएम 10 का स्तर 212 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।
बढ़ती मांग के बीच कोयले की कमी ने इन राज्यों को विद्युत कटौती पर किया मजबूर
देश के कई राज्यों में मार्च मध्य से जारी ग्रीष्म लहर के कारण बढ़ी मांग और इसी बीच पैदा हुई कोयले की किल्लत से बिजली की कमी हो गई है। इस कारण सात राज्य घंटों बिजली कटौती करने पर मजबूर हो गए हैं। हर साल गर्मी के सीजन में देश में बिजली की मांग चरम पर होती है, लेकिन कोयले की कमी के कारण कई राज्यों में संकट गहरा गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गोवा व कर्नाटक में मध्य मार्च से ही गर्मी बढ़ गई थी। इस कारण इन राज्यों में बिजली की मांग एकदम बढ़ गई।ऐसे में इन राज्यों को उद्योगों व कृषि क्षेत्र के लिए बिजली आपूर्ति का कार्यक्रम नए सिरे से निर्धारित करना पड़ा। इन्हें कई घंटों कटौती भी करना पड़ रही है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में देश के कुछ राज्यों को गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा।
बिजली की मांग 38 सालों की सर्वाधिक
देश में अप्रैल के पहले पखवाड़े में बिजली की मांग पिछले 38 सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसी बीच यूक्रेन संकट के कारण आयातित कोयले की आपूर्ति पर असर पड़ने लगा। यही कारण देश के ताप बिजली घरों में कोयला का स्टॉक तेजी से घटने लगा।
26 दिन का कोयला स्टॉक जरूरी
आमतौर पर कोयला संयंत्रों को पूर्ण क्षमता से चलाने के लिए 26 दिन का स्टॉक जरूरी है, लेकिन कोयले की प्रचूरता वाले राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों में भारी किल्लत हो गई। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो यह 36 फीसदी रह गया। कोयला बहुत राज्यों में ओडिशा, झारखंड व छत्तीसगढ़ शामिल हैं। बंगाल में कोयले का स्टॉक सामान्य से 1 से 5 फीसदी, राजस्थान में 1 से 25 फीसदी, यूपी में 14 से 21 फीसदी व मप्र में 6 से 13 फीसदी रह गया। देश में राष्ट्रीय औसत स्टॉक भी पिछले सप्ताह सामान्य स्तर से दो फीसदी कम होकर 36 फीसदी रह गया।
राज्य मांग रहे केंद्र से अतिरिक्त बिजली, हरियाणा करेगा कोयला आयात
देश में पीक अवर में बिजली की फिलहाल कुल मांग 1,88,576 मेगावाट की बताई जा रही है। इसमें 3,002 मेगावाट की ही कमी बताई जा रही है, लेकिन दूसरी ओर कई राज्य भारी कमी झेल रहे हैं। उन्हें कटौती पर मजबूर होना पड़ रहा है। यही कारण है कि राज्य केंद्र से अतिरिक्त बिजली मांग रहे हैं। मध्य प्रदेश व पंजाब भी केंद्र से ज्यादा बिजली मांग रहे हैं। वहीं, हरियाणा ने पहली बार अपने ताप बिजली घरों के लिए 10 सालों में पहली बार कोयले के आयात का फैसला किया है।