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कोरोना टीकाकरण : एक अप्रैल से शुरू हो रहा है तीसरा चरण

45 या उससे अधिक आयु के सभी लोगों को लगेगी वैक्सीन ,केंद्र पर जाकर करा सकते हैं पंजीयन

नई दिल्ली । एक अप्रैल से देशभर में कोरोना टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू होने वाला है। ऐसे में 45 या उससे अधिक आयु के सभी लोगों को वैक्सीन मिलना भी शुरू हो जाएगा। केंद्रों पर वैक्सीन के लिए भीड़ बढ़ने के साथ ही पंजीयन को लेकर भी दिक्कतें आ सकती हैं। इसीलिए नई व्यवस्था के तहत कोई भी लाभार्थी वैक्सीन केंद्र पर शाम तीन बजे के बाद जाकर अपना पंजीयन मौके पर करवा सकता है और वैक्सीन प्राप्त कर सकता है। जबकि इससे पहले की अवधि में अपॉइनमेंट वाले लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीते एक मार्च को टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होने के बाद पंजीयन को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इसीलिए आगामी चरण में ऐसी दिक्कत न हो इसके लिए व्यवस्था की है कि जो लोग केंद्र पर पहुंचकर अपना पंजीयन करवाना चाहें तो वह करवा सकते हैं। आंकड़ों के अनुसार अभी देश के 16.53 फीसदी निजी केंद्रों पर वैक्सीन दी जा रही है। जबकि चंडीगढ़, दिल्ली और तेलंगाना ऐसे राज्य हैं जहां सबसे ज्यादा लोगों ने निजी अस्पतालों में जाकर वैक्सीन लगवायी है। दिल्ली में 43.11, तेलंगाना में 48.39 और चंडीगढ़ में 50.30 फीसदी लोगों ने निजी अस्पतालों में पहुंचकर वैक्सीन लिया है।

डॉ. हर्षवर्धन और उनकी पत्नी ने कोविड 19 टीके की दूसरी खुराक लगवाई

नई दिल्ली । केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और उनकी पत्नी श्रीमती नूतन गोयल को आज दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीटयूट, नई दिल्ली में कोविड-19 टीके-वैक्सीन (कोवैक्सिन) की दूसरी खुराक इंजेक्शन के रूप में दी गई। इन दोनों को 28 दिन पहले 02 मार्च, 2021 को इस वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। हाल में ही 45 वर्ष से अधिक आयु के हर व्यक्ति को टीका लगाने के लिए किए गए निर्णय के सन्दर्भ में उन्होंने हर उपयुक्त पात्र व्यक्ति से इस टीके को लगवाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि ‘पहली खुराक लेने के बाद से हमें अभी तक इससे ज़रा सी परेशानी नहीं हुई।’ केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभावों (एईएफआई) की निगरानी के लिए निर्धारित प्रक्रिया के प्रावधानों का विस्तृत विवरण भी दिया और कहा कि टीका लगवाने वाले लाभार्थियों एईएफआई के दुष्प्रभावों का अनुपात लगभग नगण्य है।

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