Education

क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर हो पूरा फोकस: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय और मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों में प्लेग्राउंड, ट्रेनिंग सेंटर का साथ ही न्यू एज कोर्सेज की व्यवस्था सुनिश्चित हो.एक अप्रैल से 15 अप्रैल तक और जुलाई माह में 15 दिन का स्कूल चलो अभियान संचालित किया जाएगा, बच्चों को उत्सव की हो अनुभूति.मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालयों के साथ ही पीएमश्री विद्यालयों को इंटीग्रेटेड कैंपस के रूप में विकसित करना हमारी प्राथमिकता .

  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं, कोई विद्यालय न हो शिक्षक विहीन
  • प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रथम चरण में 13 डायट्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में किया जा रहा विकसित
  • चुनिंदा विद्यालयों में समर कैंप का हो संचालन, बच्चों को खेल-खेल में नई चीजों को सिखाने पर बल दिया जाए

लखनऊ । मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकार का खजाना जनता का पैसा है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश का कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं होना चाहिए। हमारा पूरा फोकस क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सभी आकांक्षात्मक जनपदों एवं विकास खंडों में शिक्षक छात्र का अनुपात बेहतर रहे। सरकार हर स्थिति में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत 19 पैरामीटर्स को ध्यान में रखते हुए अंतरविभागीय समन्वय के साथ कार्य कर रही है। सभी परिषदीय विद्यालयों में बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। साथ ही इन विद्यालयों में पेयजल, अच्छी फ्लोरिंग के क्लासरूम, विद्युत की सुविधा, बाउंड्रीवाल व गेट सहित अच्छे फर्नीचर उपलब्ध कराए हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश सरकार कक्षा एक से 12 तक के लिए मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का निर्माण करा रही है। इसके लिए 26 जनपदों हेतु धनराशि निर्गत की जा चुकी है। इसके अलावा प्री प्राइमरी से कक्षा 8 तक के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय बनाए जा रहे हैं। 58 जनपदों में इनके निर्माण के लिए भी धनराशि निर्गत की जा चुकी है। इन दोनों प्रकार के विद्यालयों में प्लेग्राउंड, ट्रेनिंग सेंटर जिनमें क्राफ्ट, माटी कला और न्यू एज कोर्सेज की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 925 तथा वर्ष 2024-25 में 785 शासकीय विद्यालयों को पीएमश्री योजना के अंतर्गत उच्चीकरण करने के कार्य को आगे बढ़ाया है। इन पीएमश्री विद्यालयों को एक इंटीग्रेटेड कैंपस के रूप में विकसित करना हमारी प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रथम चरण में 13 डायट्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे डायट को एक संसाधन केंद्र के रूप में विकसित कर पाएंगे और समावेशी शिक्षा को आगे बढ़ा पाएंगे। इनके रखरखाव की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए। नियमित सफाई की व्यवस्था हो। आवश्यकता हो तो इसके लिए आउटसोर्स कर्मचारियों की तैनाती की जाए। पेयजल की व्यवस्था भी उत्तम हो। डायट का फर्स्ट इंप्रेसन बहुत अच्छा होना चाहिए। आईआईएम लखनऊ और बेंगलुरू जैसे संस्थानों को भी यहां ट्रेनिंग मॉड्यूल से जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किए गए समग्र प्रयासों के परिणाम आज असर (ACER) रिपोर्ट में देखे जा सकते हैं। वर्ष 2024 की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्ष की गुणवत्ता के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। उत्तर प्रदेश अब टॉप परफॉर्मिंग स्टेट की श्रेणी में सम्मिलित हो गया है। 2018 से 2024 के बीच उत्तर प्रदेश में शिक्षा के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जो प्रशंसनीय है। प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति वर्ष 2010 में 57 प्रतिशत थी जो वर्ष 2024 में बढ़कर 71.4 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में बालिकाओं का नामांकन बालकों की तुलना में अधिक है। विगत 8 वर्षों में मध्याह्न भोजन व्यवस्था का विस्तार हुआ है। यह 2010 में 70 प्रतिशत थी जो 2024 में बढ़कर 95.4 प्रतिशत हो गई है। परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकालयों का उपयोग 78 प्रतिशत हो गया है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि आगामी एक अप्रैल से 15 अप्रैल तक और जुलाई माह में 15 दिन का स्कूल चलो अभियान संचालित किया जाएगा। इस दौरान शिक्षकों, ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा मिलकर इस प्रकार व्यवस्था की जाए कि यह स्कूल चलो अभियान बच्चों को एक उत्सव की भांति लगे। इस दौरान बच्चों को कुछ नया अनुभव प्रतीत हो। शिक्षक और प्रिंसिपल गांव का भ्रमण करें और घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करें।

मुख्यमंत्री  ने अधिकारियों को समर कैंप संचालित करने के लिए भी निर्देशित किया। यह समर कैंप एक से डेढ़ घंटे के होने चाहिए। इन कैंपों में बच्चों को खेल-खेल में नई चीजों को सिखाने पर बल दिया जाएगा। ताकि बच्चे पढ़ाई को बोझ न समझकर मनोरंजन की तरह लें। इसमें शारीरिक शिक्षा पर भी जोर दिया जाए। यह समर कैंप प्रातः कालीन सत्र में ही संचालित किए जाएं, ताकि बच्चे धूप और गर्मी से प्रभावित न हों।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जाए। एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय एक खेल की नीति पर कार्य किया जाए। विद्यालय की बालिकाओं ने खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया है। यहां की बालिकाओं ने अंडर-19 क्रिकेट से लेकर कई खेलों में प्रदेश का मान बढ़ाया है। इसके अतिरिक्त यहां की बालिकाओं ने प्रशासनिक सेवाओं में भी चयनित होकर गौरव बढ़ाया है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षकों को अच्छे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ना होगा, ताकि लर्निंग आउटकम को और बेहतर किया जा सके।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल है कि आरटीई के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में 10784 बच्चे अध्ययनरत थे, जबकि 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 4 लाख 58 हजार से अधिक हो गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा गैरसहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों को वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक 728 करोड़ रुपए से अधिक फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 7.77 लाख बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश कराया गया है। प्रदेश में वर्तमान में 1.93 करोड़ बच्चे परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में 85,726 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। प्रदेश सरकार वर्ष 2021-22 से छात्र छात्राओं को निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता, मोजा उपलब्ध कराने के लिए उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी के लिए 1200 रुपए अंतरित कर रही है। 25,784 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज, 5568 आईसीटी लैब्स तथा 2 लाख 61 हजार से अधिक टैबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित कराकर डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाया जा रहा है।

प्रयागवासियों की ठाठ, चमक रहा तीरथराज

दो सालों में शहरी क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण में आया 22.6 फीसद का उछाल

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button