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रोजगार की सम्भावनाओ को चिन्हित करने के लिए अध्ययन कराया जाए : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने रोजगार की सम्भावनाओ को चिन्हित करने के लिए अध्ययन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्हांने कहा है कि एम0एस0एम0ई0 सेक्टर की इकाइयां प्रदेश के औद्योगिक विकास की रीढ़ हैं। इनकी हर सम्भव सहायता की जाए। उद्यमों को पूरी सतर्कता और सावधानी बरतते हुए संचालित कराया जाए। उन्होंने राजस्व वृद्धि से जुड़े प्रकरणों में तेजी से निर्णय
लेने के निदेर्श दिए हैं। मुख्यमंत्री  आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस के ड्राइवर सहित उनमें तैनात अन्य कर्मियों को ग्लव्स और मास्क अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं। नॉन-कोविड अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं के संचालन के लिए डॉक्टरों सहित पूरी मेडिकल टीम को संक्रमण से बचाव का प्रशिक्षण दिया
जाए। इन्हें प्रोटेक्शन इक्युपमेंट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाए। अस्पतालों में मेडिकल इंफेक्शन से बचाव सम्बन्धी प्रोटोकॉल का पालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पी0पी0ई0 किट्स, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि टेलीफोन के माध्यम से लोगों को चिकित्सा परामर्श उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। इसके साथ ही, ई-हॉस्पिटल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने ई-हॉस्पिटल तथा टेलीमेडिसिन सेवाओं के प्रभावी संचालन के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोविड-19 से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सिस्टम तथा समाज, दोनों को निरन्तर सजग व तैयार रहना होगा। लोगों को जागरूक करने तथा प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के उपायों की जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ‘आरोग्य सेतु’ एप लॉन्च किया गया। इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा ‘आयुष कवच कोविड’ एप लॉन्च किया गया है। इस एप में रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के उपाय बताए गए हैं। आयुर्वेद तथा योग को अपनाकर बीमारी से बचाव के नुस्खे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति ‘आरोग्य सेतु’ तथा ‘आयुष कवच कोविड’ मोबाइल एप डाउनलोड कर अपने को सुरक्षित रखे, इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि न्यायालय परिसरों को सेनिटाइज करते हुए वहां सुरक्षा के साथ ही इंफ्रारेड थर्मामीटर, थर्मल स्कैनर तथा सेनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। ऑरेन्ज तथा ग्रीन जोन में स्टेशनरी की दुकानो को खोलने की अनुमति दी जाए। मण्डियों में संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराते हुए मास्क और ग्लव्स का प्रयोग अनिवार्य किया जाए। मुख्यमंत्री  ने हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सेनिटाइजेशन कार्य को सघन बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर, शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन व्यवस्था को और सुदृढ़  किया जाए। ग्रामीण इलाकों में स्थापित क्वारंटीन सेन्टर को क्रियाशील रखा जाए। उन्होंने कहा कि नगर विकास, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभागों द्वारा समन्वित प्रयास कर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए इस प्रकार के अभियान का संचालन आवश्यक है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रवासी कामगारों और श्रमिकों को दुग्ध समितियों से जोड़ते हुए उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाया जा सकता है। इसलिए प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में दुग्ध समितियों के गठन के गम्भीरता से प्रयास किए जाएं। इनके माध्यम से ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री  अतुल गर्ग, मुख्य सचिव  आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त  आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त  आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह  अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त  संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव कृषि डॉ0 देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री  आलोक कुमार, सूचना निदेशक  शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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