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पहली बारिश में जलमग्न हुई राजधानी

जल भराव से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार गंभीर : आतिशी

नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में मानसून की शुरुआत हो चुकी है। पश्चिमी विक्षोभ दिल्ली वालों के लिए राहत लेकर आया है। तो वहीं मानसून की दस्तक के साथ ही नई परेशानी खड़ी हो गई है। शुक्रवार सुबह हुई तेज बारिश की वजह से दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। गली मोहल्लों में ही नहीं दिल्ली में मंत्रियों और वीआईपी लोगों के घरों के बाहर पानी भर गया। दिल्ली की मंत्री आतिशी के आवास से लेकर सांसदों के घरों के बाहर कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला।

दिल्ली को बारिश में डूबने से बचाने के लिए सिविक एजेसियां हर कदम पर नाकाम दिखीं। अभी तक किसी तरह का इमरजेंसी रेसपॉन्स सिस्टम तैयार नहीं हो सका है। नालों से गाद निकालने का काम भी अधूरा है। वहीं, बचाव के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कोई आदेश जारी नहीं किया। इस बेपरवाही का नतीजा शुक्रवार की बारिश में दिल्लीवालों को झेलना पड़ा। यह तथ्य डूबने का बाद दफ्तर में मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए बैठी सरकारों के सामने आया है। एलजी ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। वहीं, छुट्टी पर गए अधिकारी तत्काल प्रभाव से लौटने को कहा है। अगले दो माह तक किसी भी अधिकारी को कोई छुट्टी नहीं मिलेगी।

वहीं दिल्ली सरकार ने इस पर आपातकालीन बैठक की। बैठक में मंत्री और अधिकारी शामिल हुए। इसके बाद दिल्ली जलभराव से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया। शिकायत के लिए 1800110093 नंबर पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा जलभराव की शिकायत के लिए 8130188222 नंबर पर व्हाट्सएप कर सकते हैं। बैठक में कहा गया कि जल्द ही एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। सारे अधिकारी कंट्रोल रूम में मौजूद रहेंगे। हर विभाग में क्यूआरटी टीम बनाई जाएगी। ट्रैफिक पुलिस, विधायक-पार्षदों से पानी भरने वालों जगह की लिस्ट मांगी गई है। साथ ही पानी निकालने के लिए लगाए जाने वाले पंपिंग सेट की स्थिति भी बताने को कहा गया है।

इससे पहले मूसलाधार बारिश में दिल्ली के डूबने के बाद आनन-फानन में उपराज्यपाल अपने दफ्तर में आपात बैठक की और बिगड़े हालात संभालने के लिए कार्ययोजना तैयार की। इस दौरान गाद निकालने व जल जमाव को रोकने में नाकामी पर अधिकारियों को फटकार लगाई। उपराज्यपाल ने आगे इस तरह की स्थिति पैदा न होने की अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है। सभी की छुट्टी रद्द करने के साथ दो माह तक कोई भी छुट्टी लेने की बंदिश भी लगा दी है।

एलजी ने आदेश दिया कि 24 घंटे काम करने वाला एक इमरजेंसी कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। लोगों की समस्या को दूर करने के लिए कंट्रोल रूम नंबर जारी किया जाएगा। पानी निकालने के लिए सभी पंपों का परीक्षण किया जाए। इन्हें जरूरत के आधार पर 24 घंटे सातों दिन इस्तेमाल करने के लिए फील्ड स्टाफ की तैनाती की जाएगी। जरूरत पड़ने पर मोबाइल पंपों का भी उपयोग होगा। निचले इलाकों, विशेष रूप से अनाधिकृत कॉलोनियों और जहां पर जलभराव सबसे अधिक होता है, अंडरपास और सुरंगों में तैनात किया जाना चाहिए। नालों के गाद को निकालने के शेष कार्य को एक सप्ताह में पूरा करने को कहा गया है। साथ ही नालियों के किनारे से मलबा हटाने, खुली नालियों साफ करने को कहा गया है।

ट्रैफिक पुलिस करेगी अपडेट
बैठक में कहा गया कि ट्रैफिक पुलिस जल जमाव के मामले में नियमित रूप से ट्रैफिक एडवाइजरी जारी करेगी। साथ ही ऐसे जगहों के बारे में संबंधित विभाग, एजेंसियों और सेंट्रल कंट्रोल रूम को जानकारी देगी। हथनीकुंड बैराज से पानी के बहाव के आकलन और बारिश की जानकारी के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नियमित रूप से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में रहेगा।

सक्रिय होगा डिजास्टर रेसपॉन्स सेल
दिल्ली में ज्यादा बारिश होने पर डिजास्टर रेसपॉन्स सेल को सक्रिय किया जाएगा। साथ ही जरूरत के आधार पर एनडीआरएफ की मदद ली जाएगी। करंट लगने की आशंका को खत्म करने के लिए बिजली विभाग काम करेगा। कहीं भी नंगे तार की समस्या को दूर करेगा।वहीं मौसम विभाग ने बताया 1936 के बाद पहली बार जून में 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। जारी आंकड़ों के मुताबिक 24 जून 1933 के दिन 139.7 एमएम, 24 जून 1936 को 235.5 एमएम, 24 जून 1981 को 191.6 एमएम और जून 2024 के दिन 228.1 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई।(वीएनएस)

जल भराव से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार गंभीर : आतिशी

दिल्ली की लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की मंत्री आतिशी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में जल भराव से निपटने के लिए बेहद गंभीर है।सुश्री आतिशी ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ आपात बैठक के बाद शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में मानसून की पहली बारिश हुई है जिसमें पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 228 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। वर्ष 1936 के बाद पहली बार दिल्ली में एक दिन में इतनी बारिश हुई है। दिल्ली में पूरे मानसून के दौरान 800 मिलीमीटर बारिश होती है लेकिन पिछले 24 घंटे में ही पूरे मानसून का करीब 25 फीसद बारिश हो चुकी है।

इतनी अप्रत्याशित बारिश के कारण दिल्ली में कई जगहों पर जल-जमाव की समस्या आई है। पानी का बहाव अधिक होने की वजह से कई घंटों तक नाले भी उबलते रहे। इस वजह से जल-जमाव खत्म होने में कई घंटों का समय लगा।सरकार ने बारिश की वजह से जगह-जगह होने वाले जल भराव से तत्काल निपटने के लिए एक संयुक्त नियंत्रण रूम बनाया गया है, जहां 24 घंटे अधिकारी मौजूद रहेंगे। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1800110093 और वाट्सएप 8130188222 नंबर जारी किया है, जिस पर लोग फ़ोन कर या मैसेज कर नियंत्रण रूम को जल-जमाव की जानकारी दे सकेंगे।वहीं, शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में 24 घंटे काम करने वाला नियंत्रण रूम तैयार किया जा रहा है। यहां 8-8 घंटे की शिफ्ट में तीन वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी रहेगी। कंट्रोल रूम में हर समय अधिकारी मौजूद रहेंगे ताकि 24 घंटे जल भराव की निगरानी की जा सके।

श्री भारद्वाज ने कहा कि कई इलाकों में बारिश का पानी निकलने के लिए नाले नहीं है। इस वजह से पानी सीवर से होकर निकलता है। यह समस्या केवल अनधिकृत कॉलोनियों तक सीमित नहीं है, बल्कि बड़े-बड़े पॉश इलाकों में भी है। कई इलाकों में विभिन्न कारणों से नालियां ढकी जा चुकी हैं और पानी की निकासी सीवर लाइन से होती है, जिससे सीवर लाइन के चोक होने का खतरा बना रहता है। इलाके की सारी मिट्टी व गाद सीवर लाइन में इकट्ठा होती है। इसलिए दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि वह सभी 11 जोन के लिए एक-एक रिसाइकलर मशीन लें, ताकि बड़े स्तर की ब्लॉकेज को ठीक किया जा सके।(वार्ता)

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