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कृषि क्षेत्र के लिए 14000 करोड़ की 7 योजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी

साणंद में नयी सेमीकंडक्टर इकाई लगाने के केनेस सेमीकॉन प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी

नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को कृषि क्षेत्र से संबंधित सात बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी। इन योजनाओं पर सरकार करीब 14,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इन योजनाओं में 2,817 करोड़ रुपये का डिजिटल कृषि मिशन और फसल विज्ञान के लिए 3,979 करोड़ रुपये की योजना शामिल है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन फैसलों को कैबिनेट की ओर से हरी झंडी दिए जाने की जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि शिक्षा और प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि पशुधन के स्थायी स्वास्थ्य और उनके उत्पादन के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावे बागवानी के सतत विकास के लिए कैबिनेट ने 860 करोड़ रुपये की एक और बड़ी योजना हरी झंडी दिखाई है। इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्रों को मजबूत करने पर 1,202 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन से जुड़ी योजना पर 1,115 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सभी सातों योजनाओं पर कुल 13,960 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

साणंद में नयी सेमीकंडक्टर इकाई लगाने के केनेस सेमीकॉन प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी

सरकार ने देश में जीवंत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए केनेस सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साणंद में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए स्वीकृत यह दूसरा प्रस्ताव है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार को यहां हुयी बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।

मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि प्रस्तावित इकाई 3,300 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी। इस इकाई की क्षमता प्रतिदिन 60 लाख माइक्रो चिप होगी। इस इकाई में उत्पादित चिप विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों को पूरा करेंगे, जिसमें औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं।भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण इकाईयों के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए कार्यक्रम 21 दिसंबर 2021 को 76 हजार करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था।

इस क्रम में जून, 2023 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के पहले प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।इस वर्ष फरवरी में तीन और सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैब और असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है। सीजी पावर गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है।सभी चार सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है और इकाइयों के पास एक मजबूत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र उभर रहा है। ये चार इकाइयाँ लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाएँगी। इन इकाइयों की संचयी क्षमता लगभग सात करोड़ चिप प्रतिदिन है। (वीएनएस)(वार्ता)

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