
समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने आज राज्यसभा में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एक पार्टी के कुछ नेता भड़काऊ भाषण दे रहे हैं और असंसदीय भाषा का प्रयोग कर रहे हैं ।श्री यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद के प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को ‘गुंडा’ कहा जा रहा है । उन्होंने कहा कि गाली गलौज की भाषा पर प्रतिक्रिया भी होगी । पार्टियों को नीतियों की बात करनी चाहिये लेकिन वहां ऐसा नहीं हो रहा है ।उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में मंदिर निर्माण रोकने को लेकर आरोप लगाये जा रहे हैं जबकि अयोध्या में मंदिर बनाने से किसी को नहीं रोका जा रहा है बल्कि सपा की सरकार बनने के बाद और तेजी तथा भव्य तरीके से इसका निर्माण होगा ।
उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण को विरोधाभासों से भरा हुआ बताते हुए कहा कि परम्परा के कारण वह इसका समर्थन कर रहे हैं लेकिन उनका मन नहीं करता है ।श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता का दम घुट रहा है। लोग फसलों की गाय और सांड़ से सुरक्षा को लेकर रातभर जगते हैं ।उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को बहुमत है और वह कोई कानून बना सकती है लेकिन विपक्ष को विरोध करने का अधिकार है। आज विपक्ष के नेता के सम्बोधन के दौरान मंत्री टिप्पणी कर रहे थे जो पहले नहीं होता था ।उन्होंने कोरोना संकट के दौरान अस्पतालों की दयनीय स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि वहां डाक्टर नहीं थे । विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना को लेकर लोगों को बूस्टर डोज देने की कोई जरुरत नहीं है लेकिन टीका बनाने वाली कम्पनी के लाभ के लिए ऐसा किया जा रहा है ।
तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने देश में काले धन की समस्या पर श्वेत पत्र जारी किये जाने की मांग करते हुए कहा कि पहले की सरकारों के दौरान ऐसा हुआ है । उन्होंने कहा कि पनामा पेपर और पेंडोरा पेपर में विदेशों में काला धन जमा करने वालों के नाम आये हैं ।श्री राय ने आरोप लगाया कि विपक्ष के शासन वाले राज्यों के कामकाज में हस्तक्षेप किया जा रहा है । भारत राज्यों का संघ है लेकिन उसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का प्रयास किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि केन्द्रीय संस्थायें विपक्षी दलों को डरा धमका रही है । उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्यों में सीमा सुरक्षा बल को विशेष अधिकार दिये गये हैं लेकिन इस संबंध में राज्यों से चर्चा तक नहीं की गयी ।उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2021 में दो करोड़ लोग बेरोजगार हो गये थे लेकिन राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका जिक्र नहीं है । उन्होंने कहा कि जनता हलाहल पी रही है और आगे भयंकर स्थिति होगी ।
द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण गरीब और गरीब हो रहे हैं तथा अमीर और अमीर हो रहे हैं । आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ रही है तथा कारपोरेट घराने का एनपीए माफ किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि मछली पकड़ने के दौरान तमिलनाडु के मछुआरों की श्रीलंका की सेना की गिरफ्तारी की समस्या का स्थायी समाधान खोजा जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले श्रीलंका की सेना ने 68 मछुआरों को गिरफ्तार किया था जिन्हें विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद छोड़ा गया । इसके बाद 21 मछुआरों को फिर हिरासत में लिया गया है । उन्होंने कहा कि राज्यों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है और अल्पसंख्यक अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं । लोग यह सब देख रहे हैं , एक दिन सबक सिखायेंगे ।
कांग्रेस के लगाये पेड़ों के फल खाकर जिंदा हैं भाजपा नेता : मल्लिकार्जुन
कांग्रेस ने बुधवार को सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी की सरकार तथा नेताओं पर आरोप लगाया कि वह उसके लगाये हुए पेड़ों के पके पकाये फल खा रही है और उसे यह पता होना चाहिए कि यदि कांग्रेस ने 70 वर्षों के शासन में कुछ नहीं किया होता तो वे (भाजपा नेता) आज जिंदा ही नहीं रहते।राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि अभिभाषण सरकार का नीति तथा विजन दस्तावेज होता है लेकिन यह तो पूरी तरह से चुनावी भाषण है और इसे पिछले सभी भाषणों के अंशों में कुछ नया जोड़ते हुए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार के किसी भी वादे को पूरा किये जाने की बात नहीं है साथ ही गरीब, महिला, किसान तथा अन्य वर्गों के लिए भी कुछ नहीं है।श्री खड़गे ने सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि सरकार की ओर से छोटे से लेकर बड़े स्तर पर हर रोज और हर कोई एक ही बात कहता है कि कांग्रेस ने 70 वर्षों में क्या किया।
उन्होंने कहा, “ अगर कुछ नहीं करते तो आज आप जिंदा नहीं रहते। संविधान और लोकतंत्र को बनाकर रखा गया जिसके कारण ही आप जिंदा हैं और इन बड़े बड़े पदों पर बैठे हैं। ” उन्होंने कहा कि जिन फलों को आज आप (भाजपा) खा रहे हैं वे पेड़ कांग्रेस के और पंडित जवाहर लाल नेहरू के लगाये हुए हैं। ”कांग्रेस सदस्य ने खाद्य सुरक्षा कानून, मनरेगा, शिक्षा का अधिकार और कई अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार कभी इन योजनाओं पर सवाल उठाती थी और आज इन्हीं का फल खाने के साथ साथ श्रेय भी ले रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आपने कभी जिस मनरेगा के बारे में कहा था कि यह सरकार की विफलता का जीता जागता उदाहरण है उसी के कारण कोरोना के दौरान अनेक लोगों को रोजगार मिला है।कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि इस देश की बुनियाद किसने रखी , उस पर मंजिल किसने बनायी आप तो केवल झंडा लगाने का काम कर रहे हैं। इस दौरान उनकी केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से नोक झोक भी हो गयी।
श्री नकवी ने 1984 के सिख दंगों का मुद्दा उठाते हुए श्री खड़गे को घेरने की कोशिश की लेकिन उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि राजनीति मत करो। दलितों को हजारों साल तक कुचला गया लेकिन वे चुप रहे।उन्होंने सरकार पर अपनी मनमर्जी करने और किसी की भी बात नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए कहा कि अच्छे दिन के वादों के साथ लोगों को गुमराह कर सत्ता में आयी सरकार महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक चुनौती और गरीबी से निपटने तथा किसानों, महिलाओं और अनुसूचित जाति एवं जनजाति की स्थिति सुधारने के मोर्चें पर पूरी तरह विफल रही है। इस पर कुछ पंक्ति पढते हुए उन्होंने कहा , “ लश्कर भी तुम्हारा, सरदार भी तुम्हारा , तुम असत्य को भी सत्य लिख दो अखबार भी तुम्हारा। ”कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि विपक्ष कुछ कहता है तो उसे सच बोलने नहीं दिया जाता और कह दिया जाता है कि वह देशद्रोही है और लोकतंत्र तथा धर्म खतरे में है।
राम मंदिर निर्माण को लेकर किये जा रहे दावों पर उन्होंने कहा कि बिना बात की बातों के बजाय दिल में सच्ची आस्था होनी चाहिए और सबको साथ लेकर चला जाना चाहिए।देश में बेरोजगारी और किसानों की दुर्दशा का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि अच्छे दिन कहां है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सत्ता में आने से पहले हर वर्ष दो करोड़ नौकरी देेने तथा किसानों की आय दोगुना करने जैसे लुभावने वादे करते हुए अच्छे दिनों की बात कही थी लेकिन कहीं कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि अब एक बार फिर पांच वर्ष में 60 लाख नौकरी देने का वादा किया गया है लेकिन दो करोड वाला अभी पूरा ही नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों में 9 लाख करोड़ पद खाली हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय तथा केन्द्रीय सचिवालय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनमें एक भी दलित नौकरी पर नहीं है।
राष्ट्रपति का अभिभाषण चुनौतियां और समाधान दिखाने वाला: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण देश की दिशा और दशा तथा चुनौतियांं एवं इनका समाधान दिखाने वाला है।भाजपा की गीता उर्फ चंद्रप्रभा ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सरकार के लिए सामाजिक समानता महत्वपूर्ण है और इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठायें गये हैं। सरकार समाज के सभी वर्गों और लोगों को साथ लेकर चल रही है। सरकार ने अन्य पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला, अल्पसंख्यक, आर्थिेक रुप से कमजोर तबके के कल्याण के लिए कई कदम उठायें हैं। समाज के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए बच्चों और युवाओं के लिए उच्च शिक्षा के विशेष प्रबंध किये हैं। दूर दराज के इलाकों के विद्यालय एवं विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत, उज्ज्वला, आयुष्मान तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है।भाजपा सदस्य ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने गंभीरता के साथ उल्लेखनीय काम किया है। सरकार ने सभी के लिए खाद्यान्न का प्रबंध किया और सभी निशुल्क कोविड टीके दिये गये। जिला स्तर और गांव स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती दी गयी। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों में सुरक्षा बलों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है।भाजपा के श्वेत मलिक ने धन्यवाद प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए कहा कि सरकार की नीतियां स्पष्ट हैं और इनसे समाज के सभी वर्गों को लाभ मिल रहा है।
सभी पुरुषों को बलात्कारी कहना ठीक नहीं: ईरानी
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि सभी पुरुषों को बलात्कारी कहना ठीक नहीं है।श्रीमती ईरानी ने सदन में प्रश्नकाल में कहा कि वैवाहिक जीवन में यौन हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता है और कोई इसका समर्थन नहीं करता है। लेकिन इसकी आड़ में सभी पुरुषों को बलात्कारी कहना ठीक नहीं है। वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम के ‘वैवाहिक जीवन में याैन हिंसा’ से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दे रही थी।उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। देश में राज्यों के सहयोग से 37 हेल्पलाइन चल रही है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में 700 वन स्टाप सेंटर चल रहे हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत जिला स्तर पर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इन केंद्रों में संबंधित अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है।
एक साल बाद राज्यसभा की बैठक चली निर्बाध
संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यसभा की बैठक लगभग एक वर्ष के बाद निर्बाध रुप से चली और अपने सभी निर्धारित कामकाज को पूरा किया।सदन की बैठक आज सुबह दस बजे शुरू हुई जो अपराह्न तीन बजे तक चली। इस दौरान सभपति एम. वेंकैया नायडू ने अपना प्रारंभिक संबोधन दिया और इसके बाद शून्यकाल और प्रश्नकाल को बखूबी निपटाया गया। काेरोना संकट के कारण आम दिनों में चलने वाली शून्यकाल की कार्यवाही को एक घंटे से घटाकर आधे घंटे का कर दिया गया है जबकि जन सरोकार से जुड़े प्रश्नकाल पहले की तरह एक घंटे तक चला। इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद के प्रस्ताव पर चर्चा सुचारु रुप से चली। इस दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना वक्तत्व दिया। विपक्ष के नेता के पूरे भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित रहे।
काेरोना महामारी के कारण सांसदों बैठने की नयी व्यवस्था की गयी है जिसके कारण राज्यसभा के कुछ सदस्य लोकसभा कक्ष और दीर्घाओं में बैठते हैं। लोकसभा की कार्यवाही राज्यसभा की कार्यवाही समाप्त होने के बाद चार बजे आरंभ हुई।राज्यसभा की बैठक लगातार चार सत्राें के दौरान 41 बैठकों के बाद बाधारहित रही। सदन की पिछली निर्बाध बैठक पिछले बजट सत्र के दौरान 19 मार्च 2021 को हुई थी। यह राज्यसभा का 253 वां सत्र था। हालांकि 13 दिसंबर 2021 को भी निजी सदस्यों के विधायी कामकाज के दौरान भी सदन की बैठक निर्बाध रही थी। इस दौरान सदन में साधारण तौर पर शोर शराबा नहीं होता है।