नक्सल विरोधी अभियान से विकास की राह भी आसान हो रही:मोदी
शाह ने नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने की प्रतिबद्धता दोहरायी
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में हाल में हुए सफल अभियान की प्रशंसा की और कहा कि इससे न केवल राज्य में शांति बहाल हो रही है, बल्कि विकास की राह भी आसान हो रही है।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में पिछले नौ महीनों के दौरान हुए विकास कार्यों की जानकारी दी, जिसमें कृषि, कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में की गई प्रमुख पहलों को रेखांकित किया गया।प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों की सराहना की और कहा कि राज्य की विकास यात्रा अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने श्री साय को राज्य की प्रगति के लिए और भी अधिक समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया।इसके साथ ही श्री साय ने राज्य में हाल ही हुए सफल नक्सल ऑपरेशन की जानकारी प्रधानमंत्री से साझा की।
प्रधानमत्री ने इस ऑपरेशन की सफलता पर सुरक्षा बलों के साहस की सराहना की। मुलाकात के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आठ लाख आवास स्वीकृत किये जाने पर श्री नरेन्द्र मोदी का आभार भी जताया।श्री साय ने प्रधानमंत्री को माओवाद के खिलाफ राज्य में चल रहे ऑपरेशन और विकास कार्यों की प्रगति पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले के हालिया ऑपरेशन का जिक्र करते हुए बताया कि सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया है, जो राज्य में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन है।श्री साय ने छत्तीसगढ़ में चल रहे विकास कार्यों का ब्योरा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया राज्य सरकार सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सफलता की प्रशंसा की और कहा कि इससे न केवल राज्य में शांति बहाल हो रही है, बल्कि विकास की राह भी आसान हो रही है।मुख्यमंत्री साय ने बताया कि बस्तर और आदिवासी अंचलों में युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए सरकार विशेष योजनाएँ चला रही है। इन योजनाओं के तहत युवाओं को विभिन्न तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें। यह पहल राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।कृषि के क्षेत्र में, मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में डिजिटल तकनीक और उन्नत कृषि विधियों का व्यापक प्रयोग हो रहा है। इससे किसानों की उत्पादकता और उनकी आय में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि ये प्रयास प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य के साथ मेल खाते हैं, और छत्तीसगढ़ इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य ने बड़े बदलाव किए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि आदिवासी अंचलों में बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिससे बच्चों की शैक्षणिक प्रगति में सुधार हो रहा है। साथ ही, तकनीकी शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि राज्य के बच्चे आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित हो सकें और भविष्य के लिए तैयार हो सकें।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बड़ी संख्या में आवास की स्वीकृति के लिए श्री मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाखों परिवारों को अपने घर का सपना साकार हुआ है, जिससे उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का भाव उत्पन्न होगा।
शाह ने नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने की प्रतिबद्धता दोहरायी
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर दोहराया है कि सरकार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने के साथ ही मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के प्रति कटिबद्ध हैं।श्री शाह ने सोमवार को यहां वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री, बिहार के उपमुख्यमंत्री और आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री शामिल हुईं।उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलवाद से प्रभावित सभी राज्य के साथ मिलकर 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के प्रति कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में देश के 8 करोड़ आदिवासी भाइयों और बहनों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का सही अर्थ है कि देश की 140 करोड़ की जनता तक विकास पहुंचे, जिनमें हमारे 8 करोड़ जनजातीय भाई-बहन शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि विकास को सही मायनों में दूरदराज़ के इलाकों और जनजातीय लोगों तक पहुंचाने में सबसे बड़ी बाधा नक्सलवाद है। नक्सलवाद गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, कनेक्टिविटी, बैंकिंग और डाक सेवाएं आदि नहीं पहुंचने देता। उन्होंने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक विकास को पहुंचाने के लिए हमें नक्सलवाद को समूल नष्ट करना होगा।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2019 से 2024 तक नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि , “ केन्द्र और राज्य सरकारों के साझा प्रयासों से वामपंथी अंधकार की जगह संविधान प्रदत्त अधिकारों को जगह देना और वामपंथी हिंसक विचारधारा की जगह विकास और विश्वास का एक नया युग शुरू करना चाहते हैं। हम वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस और सरकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत अमल से प्रभावित क्षेत्रों को पूर्ण विकसित बनाना चाहते हैं।
”श्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से लड़ने के लिए सरकार ने दो नियम तय किए थे। पहला, नक्सलवाद-प्रभावित क्षेत्रों में कानून का राज स्थापित करना और गैरकानूनी हिंसक गतिविधियों को पूर्णतया बंद करना। दूसरा, लंबे नक्सली आंदोलन के कारण जो क्षेत्र विकास से महरूम रहे, वहां उस क्षति को तेज़ी से भरना।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 30 साल में पहली बार वर्ष 2022 में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में मृत्यु की संख्या 100 से कम रही, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2024 के बीच नक्सलवाद की बहुत कम घटनाएं दर्ज की गईं। इसके अलावा, 14 शीर्ष नक्सली नेताओं का सफाया किया गया और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का ग्राफ भी ऊपर चढ़ा है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई अपने अंतिम चरण में है और मार्च, 2026 तक सभी के सहयोग से देश दशकों पुरानी इस समस्या से पूरी तरह मुक्ति पा लेगा।
उन्होंने कहा कि बूढ़ा पहाड़ और चकरबंधा जैसे कई क्षेत्र वामपंथी उग्रवाद से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 85 प्रतिशत कॉडर स्ट्रैंथ समाप्त कर दी गई है और अब हमें नक्सलवाद पर एक अंतिम प्रहार करने की ज़रूरत है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ में मिली सफलता सबको प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित सभी जिलों में विकास का एक नया अभियान चलाया है। व्यक्तिगत और परिवार कल्याण की केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की लगभग 300 योजनाओं के 100 प्रतिशत अमल का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के कारण अब गांव में स्कूल, सस्ता अनाज, सस्ती दवाइयां, पब्लिक हेल्थ सेंटर आदि पहुंचे हैं।गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद आदिवासी क्षेत्रों के विकास में सबसे बड़ी बाधा और संपूर्ण मानवता का दुश्मन होने के साथ ही मानवाधिकारों का सबसे बड़ा हनन करने वाला भी है।
उन्होंने कहा कि 8 करोड़ लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखना मानवाधिकार का सबसे बड़ा हनन है। श्री शाह ने कहा कि हजारों निर्दोष आदिवासी भाई-बहन नक्सलियों द्वारा लगाई गई बारूदी सुरंगों से मारे जाते हैं और नक्सलवाद के कारण ही इन क्षेत्रों में विकास रुका हुआ है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा , “ नक्सलवाद के समूल खात्मे के लिए ज़रूरी है कि हम एक फाइनल पुश देकर इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर दें। उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से महीने में एक बार और पुलिस महानिदेशकों से कम से कम 15 दिन में एक बार विकास और नक्सलविरोधी अभियानों का रिव्यू करने को कहा।”श्री अमित शाह ने कहा कि हमें नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन की दिशा में काम करना चाहिए। हमें अप्रैल, 2026 में देश की जनता की सामूहिक ताकत के ज़रिए देश को ये बताना है कि राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने मिलकर नक्सलवाद की समस्या को पूर्णतया समाप्त कर दिया है।
उन्होंने कहा कि उसके बाद विकास के रास्ते में कोई बाधा नहीं आएगी, कभी भी मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं होगा और आईडियोलॉजी के नाम पर हिंसा भी नहीं होगी।बैठक में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने में राज्यों का सहयोग कर रहे केन्द्रीय मंत्रालयों के मंत्री भी उपस्थित थे। इसके अलावा केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, आसूचना ब्यूरो, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।(वार्ता)