4 माह के मासूम ने जब दिया मां के जनाज़े को कांधा तो नम हो गई सबकी आंखे
अर्धरात्रि पहुंचा दुद्धी की लाडली का शव, 2 बजे रात हुई सुपुर्दे खाक
दुद्धी,सोनभद्र : कस्बे में मंगलवार की देर रात एक ऐसा मंजर नजर आया जिसे देख मौके पर मौजूद कोई ऐसा सख्श नहीं रहा होगा जिसकी आंखे नम न हुई हों। मंजर था एक 4 माह के अबोध बालक का अपनी माँ के जनाजे को कंधा देना। सब लोगों के आखों में अश्क व जुबान पर एक ही जुमला था कि खुदा किसी को ऐसा दिन न दिखाए।
नगर के रईस खानदान एवं एचएचआर मेगा मार्ट के मालिक हाजी निजामुद्दीन की लाडली समीरा प्रवीन (नेहा) की एमए की पढ़ाई पूरी होने के बाद 25 मार्च 22 को मध्यप्रदेश के जबलपुर में खुर्शीद आलम के साथ निकाह कर दिया गया। शादी के बाद समीरा को एक बेटा भी हुआ। अचानक रविवार की रात हाजी निजामुद्दीन के पास एक फोन जबलपुर आता है कि आपकी बिटिया फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इतना सुनते ही घर के परिजनों में कोहराम मच गया।
रविवार की रात करीब 9 बजे के आस पास समीरा प्रवीन अपने मायके में कॉल कर सबसे अच्छी तरह बात की उसी के आधे घंटे बाद दामाद का फोन आया कि अपनी बिटिया को यहाँ से ले जाइए नही तो हम मर जायेंगे या समीरा को जान से मार देंगे। 10 मिनट बाद लड़की के ससुर का फोन आता है कि बिटिया को ले जाइए। पुनः उसके 10 मिनट बाद बिटिया के ससुराल के ठीक बगल के पड़ोसी नईम खान का फोन आता है कि आपकी बिटिया फांसी लगा ली है। लड़की के परिजनों ने दुद्धी से आनन फानन में सोमवार की दोपहर पहुँचे तो घर में बिटिया के शव देख हतप्रभ हो गए।
मौके की नजाकत को देखते हुए परिजनों को संदेह हुआ कि लड़की फांसी नही लगाई है। बल्कि मेरे बिटिया को मारा गया है। समीरा के मायके वालों की मानें तो पूर्व में समीरा प्रवीन से फार्च्यूनर कार का डिमांड लगातार किया जा रहा था। जबकि समीरा प्रवीन के कुल 5 बहन 3 भाई हैं। जिसमें 6वें नम्बर की समीरा प्रवीन का निकाह में 20 लाख नगद एवं 10 लाख रुपये गाड़ी के नाम पर दिया गया था। दामाद द्वारा अक्सर बेटी पर दवाब बनाया जाता था कि एक फार्च्यूनर कार गिफ्ट में मांगों इसका विरोध जताने के बाद समीरा की हत्या किया गया है।
घटना के बाद मंगलवार को जबलपुर में पोस्टमार्टम होने के बाद देर रात्रि करीब 12 बजे दुद्धी शव पहुँचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। देखने वालों की लगभग 500 की सँख्या में भीड़ उमड़ गई। अर्धरात्रि शव पहुंचने के बाद रात्रि में करीब दो बजे ही समीरा प्रवीन के जनाजा उठा। जनाजे को उठाने में उसके महज चार माह का मासूम को देखते ही सबके रोंगटे खड़े हो गए।