नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि चहुमुखी विकास के लिए परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति घातक है इसलिए देश को जल्द से जल्द जातिवाद और परिवारवाद की जंजीरों से मुक्ति दिलाने की जरूरत है।श्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 78वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए आज कहा कि वह देश को जातिवाद और परिवारवाद से मुक्त करना चाहते हैं, इसलिए देश में एक लाख ऐसे तेजस्वी युवाओं को आगे लाना चाहते हैं जो जन प्रतिनिधि बनें और समाज सेवा करें।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को समृद्ध करने के लिए ऐसे एक लाख युवाओं को राजनीति में लाना है जिनके परिवार का कभी कोई सदस्य राजनीति में नहीं रहा हो। इससे देश को परिवारवाद और जातिवाद को मुक्ति मिलेगी और देश के ओजस्वी युवाओं को राजनेता के रूप में राष्ट्र की सेवा का अवसर मिलेगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बराबर चुनाव होते रहते हैं और इससे राष्ट्रीय विकास प्रभावित होता है इसलिए पूरे देश को अब एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए तैयार रहने की जरूरत है। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के सपने को साकार करने के लिए सबको आगे आने की जरूरत है।
आने वाले दिनों में बढ़ेंगी बाहरी शक्तियों की चुनौतियां: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगलादेश की घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए गुरुवार को आशंका जताई कि आने वाले दिनों में बाहरी शक्तियों की चुनौतियां बढ़ने वाली हैं तथा भारत उन चुनौतियों को भी चुनौती देगा।श्री मोदी ने लालकिले पर 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए बंगलादेश की हिंसा पर कहा, “बंगलादेश को लेकर लोगों की चिंता समझता हूं, हालात जल्दी ही सामान्य होंगे, ऐसी मुझे उम्मीद है। लेकिन मैं इसके साथ-साथ वहां के अल्पसंख्यक, हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित चाहता हूं। भारत हमेशा चाहता है कि पड़ोसी मुल्क शांति के मार्ग पर चले, हम आने वाले दिनों में बंगलादेश की विकास यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले हैं, हम मानव भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।
“प्रधानमंत्री ने बंगलादेश के हालात के लिए जिम्मेदार विदेशी ताकतों को भी संदेश देते हुए कहा, “चुनौतियां भीतर भी हैं, चुनौतियां बाहर भी हैं, जैसे आगे बढ़ेंगे चुनौती बढ़ने वाली है, मैं इस बारे में जानता हूं। मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि हमने कभी दुनिया को युद्ध में नहीं झोंका, इसलिए भारत के आगे बढ़ने से विश्व चिंतित ना हों।”उन्होंने कहा,” भारत के संस्कारों को समझें, भारत के इतिहास को समझिए। लेकिन फिर भी मैं देश को कहना चाहता हूं कि चुनौती कितनी भी बड़ी हो, चुनौती को चुनौती देना भारत की फितरत में है, ना हम रुकेंगे ना झुकेंगे। हम संकल्पों की पूर्ति के लिए 140 करोड़ भारतीयों के भाग्य को निर्धारित करने के लिए मेहनत करने वाले हैं।”(वार्ता)
हम ऐसी शिक्षा व्यवस्था बना रहे हैं कि विदेश से बच्चे पढ़ने के लिए यहां आएंः मोदी
बाधाओं को पीछे छोड़ सुधारों के बल पर भारत को विकसित राष्ट्र बनायेंगे: मोदी