महाकुंभनगर : पतित पावन गंगा,श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों की संगम स्थली तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर अब तक आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।अधिकृत सूत्रों ने सोमवार को बताया कि रविवार शाम तक महाकुंभ के मौके पर त्रिवेणी में आठ करोड़ 26 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया है। रविवार को 12 लाख 79 हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगायी है। संगम की रेती पर दस लाख से अधिक श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं।उन्होने बताया कि महाकुंभनगर जिला प्रशासन 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर्व के अवसर पर दस करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना के मद्देनजर तैयारी कर रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए डिजिटल माध्यम से अलाव की लकड़ी का ऑनलाइन इंतजाम
महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को ठंड से बचाने के लिए योगी सरकार ने ऑनलाइन इंतजाम भी किया है। महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत न आने पाए इसके लिए उत्तर प्रदेश वन निगम ने अलाव की लकड़ी की व्यवस्था को भी ऑनलाइन कर दिया है। अब सभी लकड़ी डिपो को गूगल लोकेशन के जरिए आसानी से ढूंढा जा सकता है। फायरवुड डिपो प्रयागराज टाइप करके इन डिपो का स्थान सर्च किया जा सकता है।
श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधा
डीएसएम प्रयागराज आरके चांदना ने बताया कि इसके लिए 16 डिपो स्थापित किए गए हैं। लकड़ी की कीमत 600 रुपये प्रति क्विंटल रहेगी। महाकुम्भ के दौरान बढ़ती हुई भीड़ और लकड़ी की आपूर्ति की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
मोबाइल की नेविगेशन से भी निकटतम डिपो तक आसानी से पहुंच सकेंगे
महाकुम्भ क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में अलाव की लकड़ी के लिए कुल 16 डिपो बनाए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख डिपो सेक्टर 16 में स्थित हैं। यहां पर उत्तर प्रदेश वन निगम उचित मूल्य पर लकड़ी उपलब्ध करा रहा है। इन डिपो का स्थान इंटरनेट पर फायरवुड डिपो कीवर्ड के माध्यम से खोजा जा सकता है। इसके अलावा, मोबाइल फोन की नेविगेशन सुविधा का उपयोग करके कोई भी व्यक्ति निकटतम डिपो तक आसानी से पहुंच सकता है।
27,000 क्विंटल लकड़ी आपूर्ति का इंतजाम
उत्तर प्रदेश वन निगम के अनुसार, महाकुम्भ के दौरान लगभग 27,000 क्विंटल लकड़ी की आपूर्ति की तैयारी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न डिपो से लकड़ी भेजी जाएगी। तीर्थयात्रियों को यह लकड़ी निर्धारित दर पर उपलब्ध होगी। महाकुम्भ के दौरान सभी डिपो पर लकड़ी की कीमत 600 रुपये प्रति क्विंटल होगी। सरकार की यह पहल न केवल श्रद्धालुओं को सहूलियत देगी, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से इसे और भी आसान और सुगम बनाएगी।
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