प्रयागराज : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को महाकुंभ की नव्यता, दिव्यता और भव्यता का एहसास करना चाहती है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में हजारों करोड़ की विकास परियोजनाएं मूर्त रूप ले रही हैं। इसके परिणाम स्वरूप महाकुंभ ने एक नया आकार लेना शुरू कर दिया है। प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु और यहां कई महाकुंभ के साक्षी बने पुरोहित इतने बड़े स्तर पर हो रहे विकास कार्य को किसी आश्चर्य से कम नहीं मानते। उनका कहना है कि यह केवल योगी आदित्यनाथ की सरकार में ही संभव है। नहीं तो पूर्व की सरकारों ने यहां पर कोई ध्यान नहीं दिया।
योगी के प्रयासों से संवर रही संगम नगरी
‘प्रयागराज की धार्मिक एवं आध्यात्मिक विरासत’ के लेखक अनुपम परिहार ने अपनी पुस्तक में योगी सरकार के कई ऐतिहासिक निर्णयों का स्पष्ट उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा है कि पूर्व की सरकारों के रुचि न लेने के कारण यहां द्वादश माधव की परिक्रमा तक बंद कर दी गई थी। तीर्थराज में द्वादश माधव की परिक्रमा 1991 के बाद से नहीं हो पा रही थी। जिसे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत स्वर्गीय नरेंद्र गिरि और महामंत्री महंत हरि गिरि की पहल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधिवत रूप से शुरू करवाया। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर 6 फरवरी 2019 में कुंभ के दौरान द्वादश माधव की परिक्रमा शुरू की गई। जिसका लाभ देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ साथ स्थानीय पुरोहितों और संतों को भी हुआ। सीएम योगी की शुरुआत के बाद से आज भी यह परिक्रमा जारी है। प्रदेश सरकार ने महाकुंभ के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। इसके साथ साथ धार्मिक स्थलों के लिए अलग से करोड़ों रुपए का बजट जारी किया गया है।
इन धार्मिक स्थलों पर विशेष नजर
धार्मिक आस्था एवं पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण प्रयागराज के विभिन्न मंदिरों और पौराणिक स्थलों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। इनमें अक्षयवट, सरस्वती कूप, पातालपुरी, बड़े हनुमान मंदिर, द्वादश माधव मंदिर, भरद्वाज आश्रम, नागवासुकी मंदिर और श्रृंगवेरपुर धाम का सौंदर्यीकरण सरकार की प्राथमिकता में है। यहां कई करोड़ खर्च कर सरकार जीर्णोद्धार का कार्य कर रही है। इन धार्मिक स्थलों के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से योगी सरकार की योजना महाकुंभ के साथ-साथ प्रयागराज के पुरातन वैभव को वापस लाने की है। महाकुंभ के दौरान यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र होंगे।
1 नवंबर से सुचारू रूप से कार्य करने लगेगी महाकुंभ 2025 के लिए रेलवे की टोल फ्री हेल्पलाइन
सनातन आस्था का सबसे बड़ा आयोजन महाकुंभ 2025 बारह वर्षों बाद प्रयागराज में होने जा रहा है। महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालू ट्रेनों के जरिये प्रयागराज पहुचने वाले हैं। ऐसे में ट्रेनों के आवगमन के साथ-साथ रेल संबंधित अन्य जानकारियां प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए प्रयागराज मण्डल रेलवे ने पहली बार ट्रोल फ्री हेल्पलाइन जारी की है। ये हेल्पलाइन 1 नवंबर से सुचारू रूप से कार्य करना शुरू कर देगी। रेलवे की वेब साइट के अलावा रेल मण्डल महाकुंभ के लिए जल्द ही एक डेडीकेटेड मोबइल एप भी लांच करेगा।
9 रेलवे स्टेशनों से लगभग 992 ट्रेनों का संचालन
प्रयागराज में अयोजित होने जा रहे महाकुंभ को दिव्य भव्य नव्य बनाने में यूपी की योगी सरकार कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रही है। यूपी में डबल इंजन सरकार के प्रयासों से प्रयागराज रेल मण्डल में भी तैयारियां तेजी से चल रही हैं। रेल मण्डल महाकुंभ के लिए 9 रेलवे स्टेशनों से लगभग 992 ट्रेनों का संचालन करेगा। रेल मण्डल के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को ट्रेनों के अवागमन के समय, संचालन स्टेशन, टिकट घर, आश्रय स्थल से लेकर अन्य सभी जानकारियां प्राप्त करने के लिए प्रयागराज रेल मण्डल ने टोल फ्री हेल्पलाइन 18004199139 जारी की है। रेलवे की हेल्पलाइन 1 नवंबर से सुचारू रूप से कार्य करेगी।
महाकुंभ डेडीकेटेड मोबाइल एप भी जल्द होगा लांच
हेल्पलाइन के बारे में बताते हुए पीआरओ ने कहा कि प्रयागराज रेल मण्डल ने महाकुंभ को लेकर पहली बार टोल फ्री हेल्पलाइन जारी किया है। हेल्पलाईन में हिंदी, अंग्रेजी के अतिरिक्त देश की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी जानकारियां उपल्ब्ध होंगी। इसके अलवा भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर भी महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों और स्टेशनों संबंधित जानकारियां उपलब्ध रहेगी। साथ ही रेल मण्डल महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए एक मोबइल एप भी जारी करने का प्रयास कर रहा है। जल्द ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकुंभ मोबइल एप भी कार्य करने लेगेगा। जिस पर महाकुंभ, प्रयागराज और रेलवे संबधी सभी जरूरी जानकारियां उपलब्ध होंगी।
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