कुवैत सिटी : भारत एवं कुवैत ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझीदारी के स्तर पर बढ़ाने के फैसले के साथ ही रक्षा, संस्कृति व खेल के क्षेत्रों में व्यापक सहयोग के समझौतों पर हस्ताक्षर किये तथा कुवैत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ (आईएसए) में शामिल होने का फैसला किया।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कुवैत के क्राउन प्रिंस एवं प्रधानमंत्री शेख सबा अल-खालिद अल-हमद अल-मुबारक अल-सबा के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद इन चार दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए। बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा की।
विदेश मंत्रालय के अनुसार रक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और कुवैत के बीच समझौता ज्ञापन रक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को संस्थागत रूप देगा। सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में प्रशिक्षण, कर्मियों और विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, संयुक्त अभ्यास, रक्षा उद्योग में सहयोग, रक्षा उपकरणों की आपूर्ति और अनुसंधान और विकास में सहयोग शामिल हैं।बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में भी कहा गया कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि रक्षा भारत और कुवैत के बीच रणनीतिक साझीदारी का एक महत्वपूर्ण घटक है। दोनों पक्षों ने रक्षा के क्षेत्र में समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने का स्वागत किया जो संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण, तटीय रक्षा, समुद्री सुरक्षा, संयुक्त विकास और रक्षा उपकरण उत्पादन सहित द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए आवश्यक ढांचा प्रदान करेगा।
दूसरे समझौते के तहत वर्ष 2025-2029 के लिए भारत और कुवैत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और रंगमंच में अधिक सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में सहयोग, संस्कृति के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास और त्योहारों के आयोजन की सुविधा प्रदान की जाएगी।तीसरा समझौता खेल के क्षेत्र में सहयोग के लिए कार्यकारी कार्यक्रम (ईपी) वर्ष (2025-2028) के दौरान अनुभव साझा करने, खेल के क्षेत्र में कार्यक्रमों और परियोजनाओं में भागीदारी, खेल चिकित्सा, खेल प्रबंधन, खेल में विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के लिए खेल मीडिया, खेल विज्ञान, अन्य क्षेत्र की हस्तियों की यात्राओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर भारत और कुवैत के बीच खेल के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करेगा।
चौथे दस्तावेज में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में कुवैत की सदस्यता की पुष्टि की गई है जो आईएसए की सामूहिक रूप से सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ा कर सदस्य देशों को कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में चुनौतियों के समाधान में मददगार सिद्ध होगी।संयुक्त वक्तव्य में दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की और आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क तथा सुरक्षित पनाहगाहों को बाधित करने और आतंकी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का आह्वान किया।
वक्तव्य में कहा गया कि सुरक्षा के क्षेत्र में अपने चल रहे द्विपक्षीय सहयोग की सराहना व्यक्त करते हुए, दोनों पक्ष आतंकवाद विरोधी अभियानों, सूचना और खुफिया जानकारी साझा करने, अनुभवों के विकास और आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों, क्षमता निर्माण और कानून प्रवर्तन में सहयोग को मजबूत करने में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। मनी-लॉन्ड्रिंग, नशीली दवाओं की तस्करी और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों का विरोध।वक्तव्य के अनुसार दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की, जिसमें आतंकवाद, कट्टरपंथ और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए साइबरस्पेस के उपयोग को रोकना भी शामिल है।
वक्तव्य में कहा गया कि भारतीय पक्ष ने ‘आतंकवाद से निपटने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना और सीमा सुरक्षा के लिए लचीले तंत्र का निर्माण – दुशांबे प्रक्रिया का कुवैत चरण’ विषय पर चौथे उच्च स्तरीय सम्मेलन के परिणामों की सराहना की, जिसकी मेजबानी नवंबर में कुवैत द्वारा की गई थी।वक्तव्य के अनुसार दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य सहयोग को द्विपक्षीय संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक के रूप में स्वीकार किया और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों पक्षों ने कोविड-19 महामारी के दौरान द्विपक्षीय सहयोग की सराहना की।
उन्होंने कुवैत में भारतीय दवा विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की संभावना पर चर्चा की। उन्होंने दवा नियामक अधिकारियों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर चल रही चर्चा में चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने का इरादा भी व्यक्त किया।दोनों पक्षों ने उभरती प्रौद्योगिकियों, सेमीकंडक्टर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) सहित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गहन सहयोग को आगे बढ़ाने में रुचि व्यक्त की।
उन्होंने बी2बी सहयोग का पता लगाने, ई-गवर्नेंस को आगे बढ़ाने और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी क्षेत्र में नीतियों और विनियमन में दोनों देशों के उद्योगों/कंपनियों को सुविधा प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के तरीकों पर चर्चा की।कुवैती पक्ष ने अपनी खाद्य-सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ सहयोग में भी रुचि व्यक्त की। दोनों पक्षों ने भारत में फूड पार्कों में कुवैती कंपनियों द्वारा निवेश सहित सहयोग के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की।(वार्ता)