National

कोविड-19 से निपटने के लिए G-20 देशों के कृषि मंत्रियों की हुई असाधारण बैठक

वैश्विक महामारी के खिलाफ एकजुटता से लड़े सभी देश- कृषि मंत्री श्री तोमर

नई दिल्ली, । कोविड-19 से निपटने के लिए G-20 देशों के कृषि मंत्रियों की मंगलवार को असाधारण बैठक हुई। इसमें खाद्य सुरक्षा, संरक्षा और पोषण पर इस महामारी के प्रभाव को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान खाद्य अपव्यय एवं नुकसान से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का संकल्प लिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी विभिन्न देशों में इस संकट से निपटने के लिए सहयोगी देशों में सबसे आगे हैं और हमारे नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप कृषि मंत्रालय भी इसमें पीछे नहीं है। श्री तोमर ने इस वैश्विक महामारी के खिलाफ सभी देशों से एकजुटता के साथ लड़ने का आव्हान किया।

सऊदी अरब के पर्यावरण, जल एवं कृषि मंत्री श्री अब्दुल रहमान अलफाजली की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्य रूप से COVID-19 के मुद्दे पर चर्चा की गई। इसमें सभी G-20 सदस्यों, कुछ अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विचार-विमर्श में भाग लिया। श्री तोमर ने सऊदी अरब द्वारा जी-20 देशों को, किसानों की आजीविका सहित खाद्य आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित करने के तरीकों पर विचार करने के लिए एक साथ लाने की पहल का स्वागत किया। उन्होंने सामाजिक सुधार, स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, लॉकडाउन अवधि के दौरान सभी कृषि कार्यों को छूट देने और आवश्यक कृषि उपज और खाद्य आपूर्ति की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के निर्णयों को साझा किया। श्री तोमर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी विभिन्न देशों में इस संकट से निपटने के लिए सहयोगी देशों में सबसे आगे हैं और हमारे नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप कृषि मंत्रालय भी कतई पीछे नहीं है।

बैठक में जी-20 कृषि मंत्रियों की एक घोषणा भी स्वीकार की गई। G-20 राष्ट्रों ने खाद्य अपव्यय और नुकसान से बचने के लिए, COVID-19 महामारी की पृष्ठभूमि में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग करने का संकल्प लिया और कहा कि  सीमाओं के पार भी खाद्य आपूर्ति की निरंतरता बनाए रखी जाना चाहिए। उन्होंने खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए एक साथ काम करने, सीखे गए सर्वोत्तम अभ्यासों और अनुभवों को साझा करने, अनुसंधान, निवेशों, नवाचारों और सुधारों को बढ़ावा देने का भी संकल्प किया जो कृषि और खाद्य प्रणालियों की स्थिरता और लचीलापन में सुधार करेंगे। जी-20 देशों ने महामारी पर नियंत्रण के लिए सख्त सुरक्षा और स्वच्छता उपायों पर विज्ञान आधारित अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देश विकसित करने पर भी सहमति व्यक्त की।

श्री तोमर ने कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ, संयुक्त लड़ाई में भारत के लोगों की ओर से एकजुटता का आव्हान करते हुए सभी प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। साथ ही इस विशेष समस्या का समाधान करने के लिए जी-20 के कृषि मंत्रियों की यह असाधारण बैठक बुलाने के लिए सऊदी अरब के प्रति विशेष आभार जताया। श्री तोमर ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी निजी तौर पर विश्व के राष्ट्र प्रमुखों के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं तथा इस बैठक से हमें एक ऐसा सुअवसर प्राप्त होगा जिसके माध्यम से हम समस्त मानव जाति के लिए खाद्यान्न और किसान उत्पादकों के लिए आजीविका सुनिश्चित करके जी-20 के इस संकल्प में योगदान देंगे। सभी जानते हैं कि लॉजिस्टिक्स और उत्पादन चक्र में अवरोध के कारण उत्पन्न चुनौतियों से खाद्य सुरक्षा पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकते हैं। ऐसे में भारत की सशक्त परिसंघीय व्यवस्था और विविधता में एकता अपेक्षा के अनुसार मजबूत होकर सामने आई है। इस संबंध में सभी राज्य अपेक्षित व्यवस्थाओं को निर्धारित करने, केन्द्र सरकार के अनुदेशों और फैसलों पर अमल करने के लिए एकजुट हैं। हमारे लिए कृषि प्राथमिकता का क्षेत्र है तथा आवश्यक कृषि कार्यों की इस आशय के साथ अनुमति दी गई है ताकि सामाजिक दूरी, सफाई और स्वच्छता संबंधी आवश्यक नवाचारों की पाबंदी का पालन करते हुए कृषि संबंधी प्रचालनों को जारी रखा जा सकें। जब यह महामारी शुरू हुई थी, तब हमारी प्राथमिक चिंता यह थी कि तैयार फसल की कटाई कैसे होगी। हमारे किसान खेतों में कोरोना से लड़ने वाले सच्चे योद्धा हैं, जिसके फलस्वरूप 31 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में बोये गए 67 प्रतिशत से भी अधिक गेहूं को काट लिया गया है। तिलहन और दलहन की कटाई पूरी हो चुकी है। ग्रीष्मकालीन फसलों की बुआई पिछले वर्ष समवर्ती अवधि की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक है। आगामी वर्षा के दौरान बुआई संबंधी आदान राज्यों में पहुंचाए जा रहे हैं, इसलिए हमें एक बार फिर अच्छी फसल होने का विश्वास है। देश में आयात को सहज और सरल बनाने के लिए एक लचीली कार्यपद्धति अपनाई गई है- पादप स्वच्छता प्रमाण-पत्रों की डिजिटल प्रतियां स्वीकार की जा रही हैं। हम चावल, गेहूं, फलों और सब्जियों के प्रमुख निर्यातक होने संबंधी अपनी स्थिति को समझते हैं और यह भी जानते हैं कि कई अन्य देश इन उत्पादों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए भारत पर भरोसा करते हैं। उनका यह भरोसा कायम रहेगा।

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: