संकट में भी लाखों को रोजगार देने में सफल रही योगी सरकार
एमएसई सेक्टर में 80 हजार करोड़ रुपये ऋण बांटने और एक करोड़ रोजगार देने का लक्ष्य , इस सेक्टर में अब तक पा चुके हैं 71 लाख लोग रोजगार , 9.3 लाख इकाइयों में से 8.2 लाख में हो रहा पूरी क्षमता से उत्पादन , पीपीई किट और दवाइयां बनाने की कई नयी इकाईयां भी लगीं .
गिरीश पांडेय
वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी अपने बेहतर प्रबंधन के जरिए योगी सरकार न केवल विभिन्न क्षेत्रों चीनी मिलों, ईंट भट्ठों, निर्माण क्षेत्रों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों एमएसएमई में लाखों लोगों का रोजगार सुरक्षित रखने में बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देने में कामयाब रही। सिर्फ एमएसएमई सेक्टर में अब तक करीब 71 लाख लोगों को रोजगार मिल चुका है। करीब 50 लाख रोजगार तो पहले से चल रही और 20 लाख से अधिक नई इकाईयों में। इनमें से अधिकांश लॉकडाउन के बाद दूसरे प्रदेश से आये श्रमिकों की है। इसके अलावा तीन साल में पुलिस, शिक्षा और अन्य विभागों में तीन लाख युवाओं को सरकारी नौकरियों में भी दी गईं।
आत्मनिर्भर पैकेज की घोषणा के बाद आई तेजी
एमएसएमई जिसमें कम पूंजी, कम जोखिम और न्यूनतम इुनियादी संरचना में सर्वाधिक रोजगार की संभावना है, सिर्फ उसमें ही 70.54 लाख लोगों को रोजगार मिला। दरअसल सरकार उत्तर प्रदेश में इस सेक्टर की संपन्न परंपरा और इसकी संभावना के मद्देनजर 2018 में एक जिला एक उत्पाद ओडीओपी की घोषणा के साथ ही इस पर काम करना शुरू कर दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आत्म निर्भर पैकेज के साथ ही इसमें और तेजी आयी। आत्म निर्भर पैकेज की घोषणा के बाद से बैंकों से समन्वय बनाकर तीन मेगा ऑनलाइन मेलों का आयोजन किया गया। इनमें नयी इकाईयों को क्षमता विस्तार और तकनीकी अपग्रेडेशन के लिए लोन दिया गया तो नई इकाईयों को भी खास तरजीह दी गयी।
लोन मेलों में बांटा जा चुका है 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण
एमएसएई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के अुनसार कुल मिलाकर अब तक 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक का का ऋण बांटा जा चुका है। इस क्षेत्र की 930348 इकाईयों में से 818088 अपनी पूरी क्षमता से चल रही हैं। इनमें से पीपीई किट, दवा आदि बनाने वाली कई कंपनियां तो कोरोना के दौरान लगी। बाकी इकाईयों के छोटे-छोटे मसले हैं। खासकर पूंजी की उपलब्धता को लेकर। विभाग इनके हल के लिए लगातार बैंकों के संपर्क में है। उम्मीद है कि इन मसलों को भी शीघ्र हल कर लिया जाएगा। इकाईयों की समस्याओं के हल के लिए पिछले दिनों सारथी नामक एक एप भी लांच किया गया। मुख्यालय स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूप में 24 घंटे उद्यमियों की समस्याएं सुनी जाती हैं। जिला और मंडल स्तर के अधिकारियों को भी ऐसा करने के निर्देश हैं। इस वित्तीय वर्ष में कुल 80 हजार करोड़ ऋण वितरण और एक करोड़ लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है।
आर्थिक गतिविधियों के साथ राजस्व भी बढ़ा
इन्हीें आर्थिक गतिविधियों के नाते अगस्त 2019 की तुलना में अगस्त 2020 में राजस्व 8942 करोड़ रुपये से बढ़कर 9545 करोड़ रुपये हो गया। पिछले दिनों से जारी मंडलीय समीक्षाओं में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जोर लगातार आर्थिक गतिविधियों के साथ राजस्व बढ़ाने पर जोर है। उनका साफ निर्देश है कि अधिक से अधिक संख्या में व्यपारियों का जीएसटी में पंजीकरण हो। कैंप लगाकर उनको रिटर्न फाइल करने के बाबत प्रशिक्षित किया जाय। मंडलायुक्त और जिलाधिकारी नियमित इसकी समीक्षा भी करें।