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12 हजार से ज्यादा कुष्ठरोग जनित दिव्यांगजन को कुष्ठावस्था पेंशन दे रही योगी सरकार

  • कुष्ठरोग दिव्यांगजन को 3000 रुपए प्रति माह लाभार्थी की दर से प्रदान की जा रही कुष्ठावस्था पेंशन
  • कुष्ठावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत प्रदेश के 12361 कुष्ठरोग जनित दिव्यांगजनों को मिल रहा लाभ
  • राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में माह जून 2024 तक कुल 9162 कुष्ठ रोगी पंजीकृत

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग होने वाले लोगों को योगी सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके तहत कुष्ठ रोगों के कारण दिव्यांग होने वाले 12 हजार से अधिक लोगों को प्रदेश सरकार कुष्ठावस्था पेंशन के रूप में 3000 रुपए प्रति माह लाभार्थी की दर से प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के तहत संचालित राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कुष्ठ जनित दिव्यांगता से ग्रसित व्यक्तियों को निशुल्क रिकान्सट्रक्टिव शल्य क्रिया काल में लॉस ऑफ वेजेज के रूप में 12 हजार रुपए भी प्रदान किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) एक संक्रामक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम लेप्रे नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह मुख्य रूप से त्वचा, नसों, श्वसन मार्ग और आंखों को प्रभावित करती है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह स्थाई दिव्यांगता का कारण बन सकती है।

शर्तों पर अनुमन्य है कुष्ठावस्था पेंशन

दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि कुष्ठ रोग दिव्यांगजन को 3000 रुपए प्रति माह लाभार्थी की दर से कुष्ठावस्था पेंशन प्रदान की जाती है। कुष्ठावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत वर्तमान में प्रदेश के कुल 12361 कुष्ठरोग जनित दिव्यांगजन को लाभान्वित किया जा रहा है। यही नहीं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के तहत राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कुष्ठ जनित दिव्यांगता से ग्रसित व्यक्तियों को निशुल्क रिकॉन्सट्रक्टिव शल्य क्रिया काल में लॉस ऑफ वेजेज के रूप में 12 हजार रुपए प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए ऐसे दिव्यांगजन जिनकी आय गरीबी की रेखा की सीमा के अंदर हो, उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हो, किसी भी आयु वर्ग के हों तथा सरकार द्वारा संचालित अन्य किसी पेंशन का लाभ प्राप्त न कर रहे हों तो उन्हें 3 हजार रुपए प्रति माह प्रति लाभार्थी की दर से कुष्ठावस्था पेंशन अनुमन्य है।

कुष्ठरोग जनित दिव्यांगजनों को मिलती है पेंशन, कुष्ठ रोगियों को नहीं

उन्होंने स्पष्ट किया कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा कुष्ठ रोग जनित दिव्यांगजनों को लाभान्वित किया जाता है, कुष्ठ रोगी को नहीं। कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए व्यक्तियों को जीविका के साधन के तौर पर आजीवन कुष्ठावस्था पेंशन प्रदान की जाती है। साथ ही, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगजन को निशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के तहत संचालित राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, उत्तर प्रदेश के अंतर्गत प्रदेश में माह जून 2024 तक कुल 9162 कुष्ठ रोगी पंजीकृत हैं, जिनका उपचार चल रहा है। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा कुष्ठ रोगियों का पंजीकरण नहीं किया जाता है। वहीं, कुष्ठ रोग से दिव्यांग हुए मरीजों को मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है।

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