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विश्व समाचार :फ़ेड रिज़र्व बुधवार से बढ़ा रही है बैंक ब्याज दर, पूरी दुनिया में भी होगा असर

वाशिंगटन । अमेरिकी फ़ेड रिज़र्व बैंक बुधवार से .25 फीसदी बैंक ब्याज दर बढ़ाने जा रहा है। इसका उद्देश्य देश में मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करना है। इसका असर विदेशों में बढ़ी मुद्रा स्फीति को भी नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। अमेरिका के इतिहास में यह पहला अवसर है कि पिछले चार दशक में मुद्रा स्फीति बढ़कर 7.9 फीसदी हो गई है। आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो इस बढ़ी ब्याज दर से मूलतः निर्धन और माध्यम आय वर्ग को अधिक लाभ होगा। क्रेडिट कार्ड आदि की ब्याज दरें बढ़ने से लोग निरर्थक ख़रीदारी से बचेंगे। साथ ही निर्धन और सामान्य उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड से ग्रोसरी और आवश्यक वस्तुएं लेने से परहेज़ करेंगे और बैंकों में बचत राशि में वृद्धि कर सकेंगे।

ईरानः अग्नि महोत्सव में 11 की मौत, 400 से अधिक घायल

तेहरान : ईरान में मंगलवार को चाहरशांबे सूरी या अग्नि महोत्सव के जश्न के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए और 486 अन्य घायल हो गए। ईरान की सरकारी टीवी चैनल ने यह जानकारी दी।ईरान के आपातकालीन संगठन के प्रवक्ता मोजतबा खालिदी के अनुसार, घायलों में से 49 की स्थिति गंभीर है।खालिदी ने कहा कि ज्यादातर हताहतों की संख्या पिछले साल की तुलना में 47 प्रतिशत अधिक है, जो बीते चार या पांच दिनों में हुई है।इस वर्ष ईरानी नव वर्ष 21 मार्च से शुरू हो रहा है, जिससे पहले पिछले बुधवार की पूर्व संध्या पर ईरानियों द्वारा अग्नि महोत्सव मनाया गया।ईरानी लोग आग पर कूदकर और सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे फोड़कर अग्नि उत्सव मनाते हैं तथा पुराने वर्ष को विदाई देकर नए साल का स्वागत करते हैं।

उत्तर कोरिया का मिसाइल प्रक्षेपण विफल: दक्षिण कोरिया

सियोल : उत्तर कोरिया द्वारा प्योंगयांग सुनन हवाई अड्डे के क्षेत्र से एक अज्ञात स्थल से दागा गया मिसाइल प्रक्षेपण विफल रहा है। योनहाप समाचार एजेंसी ने दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के हवाले से यह जानकारी दी है।इससे पहले, एनएचके टीवी चैनल ने जापानी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि उत्तर कोरिया ने संभवतः एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी।उत्तर कोरिया द्वारा इस वर्ष का यह दसवां मिसाइल प्रक्षेपण है।

सऊदी अरब के स्कूलों में खेल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगा योग

रियाद। भारत में योग को लेकर कुछ मुस्लिम धर्मगुरु भले ही बीच-बीच में विरोध के स्वर मुखर करते रहते हों, किन्तु मुस्लिम देश सऊदी अरब के स्कूलों में अब योग बच्चों की पढ़ाई का हिस्सा बनने जा रहा है। सऊदी अरब सरकार ने योग को देश के विद्यालयों में खेल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की मंजूरी दे दी है।बीते कुछ वर्षों से योग ने दुनिया भर के लोगों को आकर्षित किया है। अब सऊदी अरब भी योग का कायल नजर आ रहा है। सऊदी योग समिति के अध्यक्ष नौफ अल-मरवाई ने कहा कि योग मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण और फलदायी साबित हुआ है। ऐसे में योग को सऊदी अरब के सभी स्कूलों में खेल पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में शामिल करने का फैसला लिया गया है।

सऊदी सरकार ने नवंबर 2017 में ही योग को खेल गतिविधि के रूप में मान्यता दी थी। उसके बाद से सऊदी अरब में लाइसेंस लेकर योग का प्रशिक्षण सुगम हो गया था।सऊदी अरब प्रशासन के मुताबिक देश के शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से योग के अनेक स्वास्थ्य लाभों के कारण इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। बीते दिनों सऊदी योग समिति व सऊदी स्कूल स्पोर्ट्स फेडरेशन के बीच योग को लेकर शुरुआती विचार-विमर्श हो चुका है। इस विमर्श में शामिल विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने योग के समर्थन में अपनी राय रखी। वे सभी योग को खेल के रूप में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होने पर सहमत दिखे, ताकि बच्चों को स्वास्थ्य लाभ हो सके।

पाकिस्तान का आरोप, ओआईसी की बैठक विफल कराना चाहता है भारत

इस्लामाबाद । पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत इस माह इस्लामाबाद में प्रस्तावित इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक को विफल कराना चाहता है। इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री को विशेष मेहमान के रूप में बुलाया गया है। तीन महीने पहले भी ओआईसी की एक बैठक की विफलता का ठीकरा पाकिस्तान ने भारत पर ही फोड़ा था।

इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्य दुनिया के 57 मुस्लिम देश हैं। इन सभी देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक इसी माह 22-23 मार्च को इस्लामाबाद में प्रस्तावित है। बैठक से एक सप्ताह पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने दावा किया है कि भारत इस बैठक को विफल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारी इस आयोजन को विफल करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद में प्रस्तावित इस्लामिक सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की यह बैठक मुस्लिम देशों के बीच सेतु के रूप में काम करेगी। उनका आरोप है कि भारत ऐसा नहीं होने देना चाहता। इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी को विशेष मेहमान के रूप में न्यौता दिया गया है।

दरअसल ऐसा पहली बार नहीं है कि इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक पाकिस्तान में हो रही हो। बीते वर्ष दिसंबर में यानी तीन माह पहले भी पाकिस्तान में हुई इस बैठक में ज्यादातर देशों के विदेश मंत्री नहीं पहुंचे थे। संगठन के 57 सदस्य देशों में से महज 16 छोटे देशों के विदेश मंत्री पाकिस्तान पहुंचे थे। बाकी देशों ने अपने राजदूतों या अफसरों को ही बैठक में सहभागिता के लिए भेज दिया था।दिलचस्प बात ये है कि इसी दौरान पांच मुस्लिम देशों के विदेश मंत्री इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान जाने के स्थान पर भारत आ गए थे और इन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। तब भी पाकिस्तान की ओर से भारत पर इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक को विफल करने का आरोप लगाया गया था।

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