एफ-16 सौदे पर जयशंकर ने अमेरिका से पूछा- ”आप किस को मूर्ख बना रहे हैं”
नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को एफ 16 युद्धक विमानों के कलपुर्जों की आपूर्ति करने के सौदे के संबंध में उसकी सफाई को खारिज करते हुए कहा कि ”आप किस को मूर्ख बना रहे हैं।”विदेश मंत्री अमेरिकी प्रवास के दौरान रविवार को भारतीय मूल के लोगों की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में सवालों का जवाब दे रहे थे।
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका दलील देता है कि एफ 16 युद्धक विमानों के उपकरणों संबंधित सौदों का उद्देश्य आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में पाकिस्तान को सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा कि यह सब जानते हैं कि यह युद्धक विमान कहां तैनात किए जाते हैं और उनके जरिए कैसी कार्रवाई होती हैं। उन्होंने तल्खी भरे अंदाज में कहा कि ”आप किसे मूर्ख बनाना चाहते हैं।”
उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से पूछा कि पाकिस्तान के साथ इस तरह के संबंध बनाने से आपको क्या हासिल होगा। अमेरिकी प्रशासन को इस मामले में समग्रता से विचार करना चाहिए। पाकिस्तान और अमेरिका के के बीच जिस तरह के संबंध रहे हैं उससे दोनों ही पक्षों को लाभ नहीं मिला है।भारत अमेरिका संबंधों पर उन्होंने जोड़ा कि अमेरिका के दोनों प्रमुख दलों का इन्हें समान रूप से समर्थन है। कुछ नेता अपनी व्यक्तिगत राय भले ही रखते हो।
अमेरिका के प्रमुख अखबारों में भारत विरोधी आलेखों पर जयशंकर ने वहां की मीडिया को कटघरे में खड़ा किया। श्रोताओं करतल ध्वनि के बीच उन्होंने कहा कि आप सब जानते हैं कि अमेरिका के अखबारों में भारत के बारे में कैसी रिपोर्ट सकती हैं।अमेरिका के प्रमुख समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट का नाम लिए बिना विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसा एक अखबार इस शहर (वाशिंगटन) में भी प्रकाशित होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय के लोगों को इस बारे में सजग रहना चाहिए।
भारत की राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग भारतीय राजनीति को एक निश्चित दिशा देना चाहते हैं। ऐसे लोगों भारत में जीत नहीं मिली तो वे बाहर से देश को निशाना बना रहे हैं।
उदाहरण के तौर पर विदेश मंत्री ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया के लिए भारतीय सैनिक, पुलिसकर्मियों, कारोबारियों और आम आदमी की हत्या जैसी घटनाओं का कोई महत्व नहीं है। दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने के फैसले को तूल दिया जाता है।
विदेश मंत्री न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद अब वाशिंगटन में हैं। यहां वे वह विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर विचार विमर्श करेंगे।(हि.स.)