- गिरीश पांडेय
लखनऊ । रकबा, उपज, पेराई चीनी परता,चीनी उत्पादन, मिलों के संचलन,एथनॉल और सेनेटाइजर उत्पादन में रिकॉर्ड बनाने के साथ गन्ना मिशन किसान कल्याण और मिशन शक्ति में भी मददगार बन रहा है। इन अभियानों के क्रम में गन्ना विभाग ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड चिप विधा से गन्ने का पौध बनाने का प्रशिक्षण दे रहा है। अब तक करीब 36 जिलों में इस बाबत 812 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। इनमें 9117 महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। महिला समूहों द्वारा अब तक 3.51 करोड़ सीडलिंग की स्थापना की गई है। इनकी बिक्री से से इन समूहों को 10.53 करोड़ रुपए की आय होगी। अब तक 9.33 करोड़ की आय हो भी चुकी है।
मालूम हो कि योगी सरकार ने हाल में दो महत्वपूर्ण मिशनों की शुरुआत की है। शारदीय नवरात्रि से शुरू होकर चैत्र नवरात्रि तक चलने वाला मिशन शक्ति। इसमें महिलाओं के सम्मान और आत्मनिर्भरता पर जोर है। 6 जनवरी को सरकार ने इसी तरह खेतीबाड़ी के समग्र विकास, किसानों की आय बढ़ाकर उनको खुशहाल बनाने के लिए मिशन किसान कल्याण की शुरुआत की है। इसमें भी सरकार का स्पष्ट आदेश है कि मिशन शक्ति अभियान को मजबूती देने, खेतीबाड़ी में महिलाओं के श्रम को पहचान दिलाने के लिए महिला किसानों को खास महत्व दिया जाए। गन्ने की बडचिप विधा का भी यही मकसद है।
इस विधा से भी घर के लॉन या किचन गार्डेन में भी गन्ने की नर्सरी तैयार की जा सकेगी। वह भी कम बीज में। इस विधा तैयार पौधे का जमाव 95 फीसद से अधिक होता है। गेहूं, धान की कटाई के बाद सीधे खेत में पौधरोपण करने समय और लागत भी बचती है। उपज करीब सवाया हो जाती है। कोई पौध खराब हो तो उसकी जगह नई पौध भी लगाई जा सकती है।