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..क्या बनारस में 1973 के बाढ़ का रिकॉर्ड टूट जाएगा?

वाराणसी। धार्मिक नगरी काशी में गंगा वरुणा के रौद्र रूप से तबाही का मंजर है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार आज सुबह 7 बजे बनारस में गंगा का जलस्तर 72 . 28 मीटर दर्ज हुआ जबकी चेतावनी बिंदु 70 . 26 मीटर एवं खतरे का निशान 71. 26 मीटर है। बढ़ते पानी के बीच अब चर्चा है कि क्या बनारस में 1973 के आये तबाही वाले बाढ़ का रिकॉर्ड भी टूट जाएगा ? बता दें कि अब तक की सर्वाधिक भयावह बाढ़ सन 1973 में आई थी जब गोदौलिया से लक्सा तक लोग नाव से आवागमन करते थे। इस दौरान बनारस की तमाम गलियों अधिकांश आबादी पानी में समा गई थी। काशी नगरी में गंगा पहले चेतावनी बिंदु फिर खतरे का निशान पार करने के बाद गंगा फिलहाल 72.28 मीटर के ऊपर बह रही हैं।काशी में अब गंगा अपने उच्चतम स्तर 73.90 मीटर से चंद कदम दूर हैं। अब बनारस में गंगा का रौद्र रूप बेहद डरावना हो चला है। लगातार बढ़ते पानी के बीच लहराती गंगा आबादी में घुसने लगी तो जमकर तबाही भी शुरू हो गई है। अस्सी, नगवां, भदैनी, लंका, नगवां, मारुति नगर से लेकर चौबे पुर ढाब के मोकलपुर, रामचंदीपुर, गोबरहां आदि इलाके पानी से बुरी तरह प्रभावित है।

8 साल बाद के गाने 72 मीटर का आंकड़ा किया पार

बताया गया कि काशी में आठ साल बाद गंगा ने 72 मीटर का आंकड़ा पार किया। अब यह सन 1973 में आये बाढ़ की तबाही की तरफ बढ़ गई है। इससे पहले वर्ष 2013 के 11 अगस्त को जलस्तर 72 मीटर से अधिक गया था। बुधवार की सुबह 8 बजे से जलस्तर में बढ़ाव की गति एक सेंमी प्रति घंटा हो गई है। बुधवार सुबह आठ से शाम छह बजे के बीच दस सेमी जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। जलस्तर 72.02 मीटर से 72.12 मीटर पहुंचा। वहीं बाढ़ का पानी विभिन्न रास्तों से शहर में तेजी से फैलने लगा है।

वरुणा किनारे पानी में फंसी आबादी
गंगा के प्रवाह से वरुणा भी आजकल जबरदस्त उफान पर है जिसके चलते कैंट, जैतपुरा, आदमपुर थाना क्षेत्र के नदेसर, शास्त्री घाट, चौकाघाट, शैलपुत्री, पुल कोहना, तीनपुलवा से लेकर सराय मुहाना तक दर्जनों इलाके पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं। इन इलाकों में हजारों की आबादी बाढ़ से गिरकर छतों पर शरण ले चुकी है। अब उनके सामने खाने पीने की दिक्कत भी शुरू हो गई। हालांकि प्रशासन की ओर से लगभग तीन दर्जन नावे लगाई गई हैं। जिनके सहारे लोगों को जरूरत के सामान पहुंचाए जा रहे हैं। कल कई मंत्रियों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया तो आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बनारस पहुंच रहे हैं।

15 अगस्त से पूर्व घटाव की संभावना

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार काशी में गंगा का जलस्तर 15 अगस्त से कम होने की संभावना है । फिलहाल गंगा में लगातार बढ़ाव का मूल कारण यमुना और उसकी सहायक नदियां हैं। चंबल, बेतवा और केन में आये उफान से गंगा प्रयागराज से बलिया तक रौद्र रूप पकड़ चुकी है। यमुना का जल प्रयागराज से गंगा के रास्ते सीधे काशी में पहुंच रहा है। तमाम बाद एवं तटबंध से लगातार पानी ओवरफ्लो होने के चलते भी स्थिति बिगड़ रही है।

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