- विजय बक्सरी
बलियाः मंगल पांडेय की धरती पर जातिवाद की राजनीति चरम पर है। योगी सरकार के विधायक भी ठाकुरवाद के नाम पर उन्माद करने वाले के साथ खुलकर खड़े है और इसके लिए वे गर्व से अपनी बिरादरी वालों के लिए राजनीति छोड़ने तक की घोषणाकर जमकर वाहवाही लूट रहे है। अपने बेतुके बोल के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाले बैरिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह एकबार फिर सुरखियों में है। इस बार उन्होंने समाज में सीधे जातिवाद का बीज बोने व ऊंच नीच की खाई बनाने के अपने बयान को लेकर चर्चा में है।
इस संदर्भ में जारी उनके एक बयान में वे पत्रकारों के बीच गोली चलाने वाले हत्यारे के साथ सिर्फ इस लिए खड़े होने का दावा कर रहे है कि वे एक गोली चलाने वाला क्षत्रिय है। जिसका खुलेआम पक्ष रखते हुए विधायक ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव तक को चुनौती दे डाला। पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा बलिया में उक्त मामले में किए गए ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब सपा सरकार में एक यादव ने ठाकुर बिरादरी के बैंक अधिकारी को गोली मारी तो वे क्यों नहीं ट्वीट किए। कहा कि ऐसी घटना अगर सपा के राज में हुई होती तो अखिलेश यादव क्या करते।
उदाहरण देते हुए कहा कि हेमंतपुर गांव में प्रमोद यादव ने होली के दिन बैंक मैनेजर योगेंद्र सिंह को उनके ससुराल में गोली मार दिया। कोई पुलिस पूछने तक नहीं गया। अखिलेश जी को हया हो तो घटना यादकर अपने बेहयाई पर शर्म करों। टकरसन में साधु सिंह की हत्या एक यादव ने किया। उस वक्त टवीट क्यों नहीं किए अखिलेश यादव। अखिलेश यादव को अगर यादव प्रिय है तो सुरेंद्र सिंह को भी क्षत्रिय प्रिय है। इसलिए क्षत्रिय बालक हूं। जरुरत होगा तो राजनीति भी छोड़़ सकता हूं।
योगी सरकार के बैरिया विधायक के उक्त बयान के बाद बलिया जनपद में ठाकुर समाज का हर व्यक्ति अपना सीना फुला रहा है किंतु सबका साथ-सबका विकास का नारा देने वाले योगी सरकार में अन्य समाज के लिए ऐसा माहौल किसी बड़े चुनौती से कम नहीं। ऐसे में सभी की निगाहें यूपी सीएम पर टिकी है कि आखिर ऐसे बेतुके बोल वाले विधायक पर सीएम अंकुश लगाते है या नहीं।
इधर बलिया में उक्त घटना के बाद जहां सपा का एक प्रतिनिधि मंडल शनिवार को पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि उक्त प्रतिनिधि मंडल के रिपोर्ट के बाद संभव है कि पीड़ित परिवार से स्वयं पूर्व सीएम व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मिल सकते है। मालूम हो कि गुरुवार को जनपद के बैरिया विधानसभा के रेवती थाना अंतर्गत दुर्जनपुर गांव में राशन दुकान आवंटन हेतु आयोजित खुली बैठक में सीओ व एसडीएम संग पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में जमकर हंगामा हुआ।
पथराव, भगदड़ के बीच एक पक्ष ने खुलेआम फायरिंग कर दी और अधिकारियों के सामने ही गामा पाल की गोली लगने से मौत हो गई। हालांकि पहले तो अधिकारी उक्त हंगामे से पहले ही लौट जाने की बात कह रहे थे किंतु जब विडियो वायरल हुआ तो सीएम ने सीधे संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इधर एक विडियो में प्रशासन पर यह भी आरोप लगा कि गाली मारने वाले भाजपा विधायक के करीबी को पुलिस ने पकड़ लिया था किंतु बाद में राजनीतिक दबाव में उसे छोड़ भी दिया गया।