EducationNational

देश में शैक्षणिक सीटों की समस्या को पूरी तरह खत्म कर देगी डिजिटल यूनिवर्सिटी: PM

एक कक्षा , एक चैनल से हम गांवों में अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा ले सकेंगे: मोदी

पीएम मोदी ने सोमवार को एक वेबिनार को संबोधित करते हुए ”नई शिक्षा नीति” को धरातल पर लागू करने में केंद्रीय बजट 2022-23 की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा कि ”राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी” देश में शैक्षणिक सीटों की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर देगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी ही है, जिसने वैश्विक महामारी के दौर में भी हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा। हायर स्टडीज के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी का बड़ा सहारा यह कहना भी गलत नहीं होगा कि देश में अब डिजिटल यूनिवर्सिटी की मदद से छात्रों की हायर स्टडीज की सारी टेंशन दूर होने जा रही हैं। जिन युवाओं को किन्हीं कारणवश रेगुलर कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाता अथवा जो इससे वंचित रह जाते हैं, अब उन्हें हायर स्टडीज के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी का बड़ा सहारा मिलेगा। ऐसे तमाम छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने का विचार किया है।

गौरतलब हो, डिजिटल विश्वविद्यालय विभिन्न भारतीय भाषाओं और आईसीटी फॉर्मेट में उपलब्‍ध कराया जाएगा। इसके साथ ही छात्रों को मुफ्त में ऑनलाइन स्टडीज का मौका भी मिलेगा। यहां डिजिटल टीचर्स क्वालिटी ई-कंटेंट शेयर करेंगे। इससे छात्रों को घर बैठे पढ़ने में काफी मदद होगी। युवाओं को सशक्त बनाना भारत के भविष्य को सशक्त बनाना –पीएम मोदी ने यह भी कहा कि युवाओं को सशक्त बनाना भारत के भविष्य को सशक्त बनाना है। हमारी सरकार ने बजट से पहले और बाद में हितधारकों के साथ बातचीत करने की एक नई परंपरा विकसित की है। देश की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम –उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय देश की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम है। डिजिटल विश्वविद्यालय में वह क्षमता है, जो देश में सीटों की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर सकता है। मैं सभी हितधारकों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि डिजिटल विश्वविद्यालय जल्द से जल्द शुरू हो और यह अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरे।

2022 के शिक्षा बजट में पांच बातों पर विशेष जोर –पीएम मोदी ने शिक्षा पर बजट के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2022 के बजट में पांच बातों पर विशेष जोर दिया गया है। पहला गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सार्वभौमिकरण है। दूसरा- कौशल विकास, तीसरा- शहरी नियोजन और डिजाइन, चौथा है अंतरराष्ट्रीयकरण यानी भारत में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालय और पांचवां महत्वपूर्ण पक्ष है एवीजीसी- एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग, कॉमिक्स। इन सभी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। बहुत बड़ा ग्लोबल मार्केट है। महामारी के समय में मिली काफी मदद –उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी ने हमारी शिक्षा प्रणाली को महामारी के इस समय में चालू रखा है। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि कैसे भारत में तेजी से डिजिटल डिवाइड कम हो रहे हैं। नवाचार हमारे यहां समावेश सुनिश्चित कर रहा है। ई-विद्या, वन क्लास वन चैनल, डिजिटल लैब्स, डिजिटल यूनिवर्सिटी से हम अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा को गांवों तक ले जा सकेंगे।

विश्व ”मातृभाषा दिवस” का भी किया उल्लेख –प्रधानमंत्री ने विश्व मातृभाषा दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि मातृभाषा में दी जाने वाली शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी है। अनेक राज्यों में स्थानीय भाषाओं में मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। इस बजट में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास बहुत आवश्यक है। बजट का सदुपयोग करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह बजट सिर्फ आंकड़ों का लेखा-जोखा नहीं है। बजट को यदि हम सही ढंग से, सही समय पर और सही तरीके से उपयोग करें तो सीमित संसाधनों से भी हम बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: