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वोट बैंक, विभाजनकारी राजनीति का सहारा ले रहे हैं हताश विपक्षी दल: नड्डा

नई दिल्ली  । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को विपक्षी दलों से अपील की कि वे वोट बैंक की राजनीति छोड़ विकास की राजनीति की राह अख्तियार करें। उन्होंने कहा कि देश के युवा अवसर चाहते हैं, बाधा नहीं। वे विकास चाहते हैं, विभाजन नहीं। नड्डा ने कहा कि जब सभी धर्मों, सभी आयु समूहों के साथ-साथ जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग गरीबी को हराने और भारत को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक साथ आए हैं, तो वे विपक्ष से ट्रैक बदलने और विकास की राजनीति को अपनाने का आग्रह करेंगे ।

विपक्ष की लोगों से सामूहिक अपील के दो दिन बाद भाजपा अध्यक्ष ने देशवासियों के नाम एक एक संदेश में कहा कि भारत विकास यात्रा के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा यह एक ऐसा समय है जब हम आजादी का अमृत महोत्सव यानी कि आजादी का 75वाँ साल मना रहे हैं। यह आगे बढ़ने का अवसर है, साथ ही हमें इस योजना पर भी काम करना और सोचना होगा कि 2047 में स्वतंत्रता के सौ वर्ष पूरे करें, तो हमारा राष्ट्र कैसा हो।

देशवासियों के नाम लिखे पत्र में नड्डा ने कहा कि यह समय ऐसा है जब दुनिया की निगाह भारत पर टिकी है। 135 करोड़ लोगों का एक राष्ट्र जिसके बारे में माना जाता था कि यह कोविड-19 के खिलाफ अधिक लड़ाई में सबसे कमजोर कड़ी होगा लेकिन हमने कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी । हम सिर्फ कोविड-19 से सफलतापूर्वक लड़े बल्कि दुनिया को भी हमने मदद पहुंचायी हमारी अर्थव्यवस्था को खुले और पारदर्शी के रूप में देखा जाता है। हाल में सुधारों ने देश की आर्थिक समृद्धि में जहां सही से वृद्धि की है, वहीं हमने गरीबी के ऑकड़ों में भी कमी लायी है।

नड्डा ने अपने चार पेज के पत्र में आगे कहा कि पिछले 8 वर्षों में भारतीय राजनीति में तेजी से बदलाव आया है। अब भारतीय राजनीति में वोट बैंक की राजनीति, विभाजनकारी राजनीति की कोई जगह नहीं बची है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘सबका साथ सबका विकास, विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, जिससे न हर भारतीय सशक्त हो रहा है बल्कि सफलता की नयी उड़ान भी भर रहा है। दुर्भाग्य से विकास की इस राजनीति का उन दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है जिन्हें जनता खारिज कर चुकी है। अपने स्वार्थ के लिए एक बार फिर ये राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति की शरण ले रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आज भारत, राजनीति की दो विशिष्ट शैलियों को देख रहा है एक तरफ है ‘एनडीए’ का प्रयास जो उनके विकास कार्यों में दिखाई दे रहा है और दूसरी तरफ है तुच्छ राजनीति करने वाली पार्टियों का समूह, जो उनके कटु शब्दों में दिखायी दे रही है। पिछले कुछ दिनों में, हम इन पार्टियों को एक बार फिर एक साथ आते देख रहे हैं, अब यह साथ, मन से है या फिर महत्व राजनीतिक स्वार्थ है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन उन्होंने हमारे देश के मेहनती नागरिकों और उनकी भावनाओं को सीधा ठेस पहुंचाया है।

भाजपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि वे उन खारिज हो चुके राजनीतिक दलों को यह याद दिलाना चाहते हैं कि आप बोट बैंक की राजनीति के बारे में बात करते हैं, तो आप राजस्थान के करौली में हुई शर्मनाक घटना को क्यों भूल जाते हैं। ऐसी कौन सी मजबूरियां हैं जो इस मुद्दे पर आप खामोश हो जाते हैं? (हि.स.)

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