नई दिल्ली । देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और इन राज्यों के 54 कलेक्टरों से बातचीत की। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि महामारी जैसी आपदा के सामने सबसे ज्यादा अहमियत हमारी संवेदनशीलता और हमारे हौंसले की ही होती है। इसी भावना से आपको जन जन तक पहुंचकर, जैसे काम आप कर रहे हैं उन्हें और अधिक ताकत और अधिक पैमाने पर करते ही रहना है। हमें गावों में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। प्रधानंत्री मोदी ने जिलाधिकारियों से कहा कि व्यवस्थाओं की निगरानी करें। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें हमारी रणनीति लगातार बदलनी होगी क्योंकि कोरोना वायरस भी धूर्त है और लगातार अपना रूप बदल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर जिले की रणनीति अलग-अलग हो सकती है। साथ ही वैक्सीन वेस्टेज पर भी ध्यान देना जरूरी है।
संवेदनशीलता के साथ लोगों की समस्याओं का समाधान करें-
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, `आज परिस्थितियों ने आपको अपनी क्षमताओं की नई तरह से परीक्षा लेने का अवसर दिया है। अपने जिले की छोटी से छोटी दिक्कत को दूर करने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आपकी यही भावना आज काम आ रही है। जब फील्ड पर मौजूद लोगों से बातचीत होती है, तो ऐसी अभूतपूर्व परिस्थितियों से निपटने में बहुत अधिक मदद मिलती है। बीते कुछ दिनों में ऐसे अनेक सुझाव मिले हैं, अनेक जिलों में परिस्थिति के अनुसार कईं इन्नोवेटिव तरीकों की भी जानकारी आप लोगों से मिली है।`
माइनर स्केल पर वायरस रहने से भी बनी रहती है चुनौती
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, `बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं, लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है। फील्ड में किए गए आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक से ही practical और Effective policies बनाने में मदद मिलती है। टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक स्टेकहोल्डर से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।`
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, `पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर innovation बहुत ज़रूरी है। ये वायरस mutation में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और strategies भी dynamic होने चाहिए।`