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50 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या वाले गांवों को मिलेगा सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ

बुनियादी सुख सुविधाओं से लैस होंगे प्रदेश के जनजातीय गांव.प्रदेश के 26 जनपदों के 47 ब्लॉक व 517 गांवों को किया गया चिन्हित.जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभाग इन गांवों के लिए करेंगे मिलकर काम.जनजातीय ग्रामीण इलाकों में होगी बहुउद्देशीय मार्केटिंग सेंटर की स्थापना .

  • जनजातीय समुदाय को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का योगी सरकार का अहम कदम

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक उत्थान के लिए कटिबद्ध हैं। यही वजह है कि योगी सरकार द्वारा जनजातियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने तथा इनके चौमुखी विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अच्छादित किया जा रहा है। योगी सरकार इनको बुनियादी सुविधाएं जैसे- आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली एवं पानी आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार के साथ लगातार कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है। योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार जनजातीय आबादी के लिए समान अवसरों का सृजन, सामाजिक-आर्थिक स्तर का विकास, बुनियादी ढांचे के सुधार और स्वास्थ्य, शिक्षा व आजीविका के क्षेत्र में ठोस प्रगति का खाका खींचा है।

प्रदेश के समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए संचालित “धरती आबा जनजातीय गाम उत्कर्ष अभियान” के तहत योगी सरकार सभी जनजातीय परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है। इसके लिए प्रदेश के में 500 या उससे अधिक जनसंख्या के गांव जिसमें अनुसूचित जनजाति की कम से कम 50 प्रतिशत जनसंख्या हो, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुल 26 जनपदों अम्बेडकर नगर, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चन्दौली, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, लखीमपुर-खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रयागराज, संतकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर और सोनभद्र के 47 ब्लाक व 517 गांवों को इस अभियान के तहत विभिन्न योजना के लाभ के लिए चिन्हित किया गया है।

बुनियादी सुविधाओं से लैस होंगे सभी चिन्हित गांव

योगी सरकार चिन्हित गांवों में सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं का विस्तार किया करेगी। सभी जनजातीय परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराया जाएगा। उनके गांवों में अधिक से अधिक मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (MMU) की स्थापना की जाएगी, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जा सके। इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (TMMC) शुरू करने के प्रयास किये जायेंगे, जिससे जनजातीय परिवारों को उनकी अपनी कला, संस्कृति, चित्रकारी, वनोपज संग्रहण, शहद, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, महुआ से तैयार उत्पादों, जड़ी-बूटी से प्राकृतिक उपचार ज्ञान कौशल की बेहतर मार्केटिंग हो सकें और जनजातियों की उन्हीं के गांव में ही आमदनी बढ़ाई जा सके। इससे जनजातियां पलायन भी नहीं करेंगी।

जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभाग करेंगे मिलकर काम

समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के क्रियान्वयन के लिए जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभागों जिसमें ग्राम्य विकास, जलापूर्ति, विद्युत, ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, आयुष, दूरसंचार, व्यवसायिक एवं कौशल शिक्षा विभाग, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और किसान कल्याण, मत्स्य विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, पंचायती राज विभाग तथा पर्यटन विभाग मिलकर कार्य कर रहें है।

उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत जनजाति विकास विभाग द्वारा बहुउद्देशीय मार्केटिंग सेंटर की स्थापना करायी जाएगी। इन सेन्टरों पर जनजाति उत्पादों के संकलन, प्रसंस्करण, विपणन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जनजातियों के लिए संचालित आश्रम पद्धति विद्यालयों/छात्रावासों तथा अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित अन्य राजकीय आवासीय विद्यालयों के उच्चीकरण तथ्य अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

समग्र राष्ट्रीय विकास में अहम योगदान देगा ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’

‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ केंद्र सरकार के समग्र विकास के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें प्राथमिकता के आधार पर जनजातीय समुदायों को सामाजिक और आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इसके माध्यम से अगले पांच वर्षों में जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए ठोस कार्य की योजना तैयार की गई है। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश की जनजातीय आबादी को बुनियादी सेवाओं का सीधा लाभ मिलेगा। इससे इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जो समग्र राष्ट्रीय विकास में अहम योगदान देगा।

यूपी में होगा कई प्रदेशों की जनजाति संस्कृतियों का संगम

योगी सरकार 15 से 20 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव मनाएगी। बिरसा मुंडा की जयंती (जनजातीय गौरव दिवस) पर उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में मेजबान राज्य समेत देश-विदेश की लोकसंस्कृति उतरेगी। आयोजन का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस दौरान उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में मेजबान राज्य समेत देश-विदेश की लोकसंस्कृति उतरेगी। इसमें स्लोवाकिया व वियतनाम के लोककलाकारों द्वारा भी कार्यक्रम प्रस्तुत होगा।

समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि उद्घाटन समारोह के उपरांत 11 बजे से सांस्कृतिक समागम शोभायात्रा भी निकलेगी, जिसमें मेजबान उत्तर प्रदेश समेत अनेक राज्यों के कलाकार शामिल होंगे। प्रतिदिन शाम पांच से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इसमें सहरिया, बुक्सा आदि जनजाति के लोकनृत्य का भी अवलोकन किया जा सकेगा तो वहीं दूसरी तरफ जनजाति लोकवाद्यों को भी मंचीय प्रदर्शन होगा। पोथी घर में जनजाति साहित्य के पुस्तकों का भी अवलोकन कर सकेंगे।

यूपी में होगा 22 राज्यों के 38 लोकनृत्य का संगम

समाज कल्याण, अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि 15 से 20 नवंबर तक 22 राज्यों के 38 लोकनृत्य का संगम होगा। इसमें मेजबान उत्तर प्रदेश के डोमकच, झीझी, जवाराा, नगमतिया, चंगेली नृत्य से दर्शक अवगत होंगे। वहीं बिहार के उरांव, उत्तराखंड के झैंता, मध्य प्रदेश के भगौरिया, बैगा, रमढोला, पश्चिम बंगाल के नटुआ, मिजोरम के चेरांव, अरुणचाल प्रदेश के अका, पंजाब के शम्मी, केरल के इरुला, छत्तीसगढ़ के गंडी, भुंजिया, माटी मांदरी नृत्य से भी यूपी के दर्शक रूबरू होंगे। हिमाचल प्रदेश के सिरमौरी नाटी, राजस्थान के कालबेलिया, लंगा, मागजिहार व तेराताली, असम के बरदोई व शिखला लोकनृत्य की प्रस्तुति भी उत्तर प्रदेश में होगी। त्रिपुरा के हौजागिरी, झारखंड के खड़िया, गोवा के कुनबी, गुजरात के सिद्धि धमाल, जम्मू-कश्मीर के मोंगो (बकरवाल), सिक्किम के सिंघी छम, महाराष्ट्र के सांघी मुखौटा, ओड़िसा के घुड़का व कर्नाटक के फुगडी लोकनृत्य का संगम भी इस कार्यक्रम में होगा।

पोथी घर में जनजाति पुस्तकों का कर सकेंगे अवलोकन

कार्यक्रम के दौरान पोथी घर में भारत के जनजाति साहित्य से जुड़ी पुस्तकों के स्टॉल भी लगेंगे। इसमें देश की जनजातीय पर उनके गीत, नृत्य, चित्रकला, संस्कार, खेलकूद व रहन-सहन आदि की पुस्तकों का विक्रय व प्रदर्शन किया जाएगा। वहां के रहन-सहन, खान-पान, संस्कृति के बारे में भी जान सकेंगे। 16 से 20 नवंबर तक अनेक प्रांतों के लोकनृत्य/लोकगीतों से जुड़े कार्यक्रम अनवरत चलते रहेंगे। दोपहर 12 बजे से विमर्श भी होगा। 16 को क्रांतिकारी बिरसा मुंडा का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, 17 को जनजाति शिक्षा व स्वास्थ्य-जागरूकता व समाधान पर विमर्श कार्यक्रम होगा। 18 को ‘लोकल से ग्लोबल तक’ जनजातियों में उद्यमिता विकास की संभावनाएं तक विमर्श होगा। 19 को इसका विषय जनजाति विरासत संरक्षण व संवर्धन है। 20 को जनजाति विकास में गैर सरकारी संस्थाओं की भूमिका पर विमर्श होगा।

जनजाति लोकवाद्यों का भी करेंगे दीदार, देसी व्यंजनों का स्वाद भी करेगा आकर्षित

19-20 नवंबर को मध्य प्रदेश की टीम की तरफ से जननायक बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाटक की प्रस्तुति होगी। जनजाति लोकवाद्यों का मंचीय प्रदर्शन भी होगा। बुक्सा, सहरिया जनजाति, त्रिपुरा के हौजागिरी नृत्य, छत्तीसगढ़ के भुंजिया आदिवासी लोकनृत्य का भी आनंद उठा सकेंगे। 20 नवंबर को जनजाति कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा। आयोजन में घूमंतु जाति के कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। जादू के भी कार्यक्रम होंगे। आयोजन में देसी व्यंजनों का स्वाद भी आकर्षित करेगा।

इन राज्यों के नामचीन कलाकार लेंगे हिस्सा

कार्यक्रम में सिक्किम के जिग्मी भुतिया, महाराष्ट्र के छभीलदास गवली, राजस्थान की पूजा कामड़, छत्तीसगढ़ के सुरेंद्र सोरी, मध्य प्रदेश के मौजीलाल, उत्तर प्रदेश के चंगेली नृत्य पर बूटी बाई व टीम, राजस्थान के रावण हत्था पर सुगनाराम, उत्तर प्रदेश के सैंड आर्ट को लेकर भास्कर विश्वकर्मा अपनी प्रस्तुति देंगे। बिहार के उरांव लोकनृत्य पर विश्वजीत सिंह व टीम, उत्तराखंड के जौनसारी लोकनृत्य पर दुर्गेश राणा पर टीम, अरुणाचल प्रदेश के अका-अना ने विधा पर मियाली सिडोसा व उनकी टीम, ओडिशा के घुड़का विधा पर वासुदेव साहा व टीम, मध्य प्रदेश के जनजाति लोकवाद्यों का मंचीय प्रदर्शन संजू सेन बालोद व उनकी टीम करेगी। बिरसा मुंडा पर आधारित नाट्य प्रस्तुति राजकुमार रायकवार व उनकी टीम करेगी।

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