वाराणसी। वैश्विक महामारी कोरोना का वायरस धीरे-धीरे बेकाबू होता जा रहा है। बनारस में हर दिन मिल रहे आंकड़े डरावने वाले सामने आ रहे हैं। आज स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, वाराणसी में अलग-अलग जगहों से सुबह कुल 948 नए मरीज मिले तो शाम को इनकी संख्या बढ़कर 2002 हो गई। सबसे दुःखद यह कि आज भी6लोगों की मौत हो गई। जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। उसको लेकर स्वास्थ्य के साथ ही जिला प्रशासन की भी चिंता काफी बढ़ रही है।
हालत यह है कि जो भी कोविड अस्पताल बनाए गए हैं वहां भी बेड भरते ही जा रहे हैं। अब नए मरीजों की संख्या भी बढ़कर 38,434 हो गई है जबकि 24898 को ठीक होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया है।अबतक422 की मौत होने के बाद अभी भी 13114 मरीज एक्टिव हैं। श्मशान घाट पर मुर्दों का ढेर लगा हुआ है तो बाजार में सामानों के दाम चढ़ने लगे हैं। मेडिकल स्टोर पर दवाइयों और जरूरी उपकरणों के दाम भी ज्यादा लिए जाने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। मानवता के लिए करो ना दुश्मन बन चुकी है तो कुछ संवेदनहीन लोगों के लिए यह कमाने का अवसर भी बन चुका है। सर्वाधिक परेशानी गरीब मरीजों को हो रही जो अस्पतालों के बाहर इलाज व टेस्ट कराने के लिए चक्कर काटते देखे जा रहे हैं।
इधर हरिश्चंद्र घाट के इलेक्ट्रॉनिक एवं परंपरागत शव दाह गृह पर मुर्दो के आने का क्रम बना हुआ है। लोगों को घण्टो खड़े होकर मुर्दा जलाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा। शव दाह स्थलों पर लकड़ियों के दाम भी काफी बढ़ गएहैं। इसी तरह मणिकर्णिका घाट पर मुर्दो की लाइन लग गई है। सुबह से देर रात तक यहां मुर्दे ही मुर्दे नजर आ रहे हैं। कोविड मरीजों को जलाने के लिए ठेका देकर डरे हुए परिजन व अन्य लोग दिल पर पत्थर रखकर खुद रोते बिलखते वापस लौट जा रहे हैं। आम लोग कहने लगे हैं अब हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।आगे ना जाने कोरोना अभी क्या क्या दिन दिखाने वाला है?