उ.प्र. राज्य भण्डारण निगम ने 2021-22 एवं 2022-23 का लाभांश मुख्यमंत्री को सौंपा
सहकारिता राज्य मंत्री और राज्य भण्डारण निगम के अध्यक्ष जेपीएस राठौर ने सीएम को सौंपा 2.59 करोड़ से अधिक का चेक
- सीएम योगी की नीतियों की वजह से प्रदेश सरकार के विभाग लाभ के साथ ही अर्जित कर रहे लाभांश
- निगम ने 2021-22 में 57.49 करोड़ रुपए तो 2022-23 में 53.42 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया
लखनऊ : सीएम योगी की नीतियों की वजह से प्रदेश सरकार के कई विभाग लाभ ही नहीं बल्कि लाभांश भी कमा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सहकारिता विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम के अध्यक्ष जेपीएस राठौर ने रविवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 के लिए निगम के लाभांश (डिविडेंड) की कुल राशि 2,59,08,960 रुपए (दो करोड़ उन्सठ लाख आठ हजार नौ सौ साठ रुपए) का चेक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदान किया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 57.49 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 53.42 करोड़ रुपए का लाभ हुआ।
पारदर्शी तरीके से कार्य कर रहा निगम
निगम ने पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए अपने सभी गोदामों का डिपो ऑनलाइन सिस्टम (DOS) सॉफ्टवेयर पर क्रियान्वयन कराया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से क्षेत्रीय कार्यालयों और भण्डारगृहों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की गई है, जिससे मुख्यालय से भण्डारगृहों की निगरानी की जा रही है। निगम के सभी टेंडर ई-टेण्डरिंग या जेम (GeM) के माध्यम से कराए जा रहे हैं और सभी वस्तुओं की खरीद भी जेम के माध्यम से की जा रही है।
किसानों को सुरक्षित भण्डारण की सुविधा
खाद्यान्नों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके अलावा, कीटनाशक सेवा योजना के अंतर्गत न्यूनतम शुल्क पर सुरक्षित भण्डारण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि किसान, व्यापारी आदि अपने घरों में स्वयं भण्डारित खाद्यान्न को कीट-मुक्त रख सकें। किसानों को सुरक्षित भण्डारण के लिए 30% भण्डारण शुल्क में छूट दी जा रही है, जबकि सहकारी संस्थाओं को 10% की छूट का लाभ दिया जा रहा है।
ई-एनडब्ल्यूआर के माध्यम से ऋण प्राप्ति में सुविधा
निगम के सभी भण्डारगृहों का वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के अंतर्गत पंजीकरण कराया गया है, जिससे किसानों को भण्डारित खाद्यान्न पर इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (E-NWR) निर्गत की जा रही है। इससे किसानों को ऋण प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी।